विविधा भारतीय शिक्षा का स्वर्णिम अतीत- हृदयनारायण दीक्षित February 19, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्राचीन भारत की शिक्षा मुक्ति का मार्ग थी। गांधी जी भारतीय शिक्षा के सत्य-आग्रही थे। प्राचीन भारत के विद्यालय आचार्य परिवार थे, सो गुरूकुल कहलाते थे। दुनिया के किसी भी राष्ट्र में निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था का भारत जैसा आदर्श नहीं मिलता। संविधान संशोधन के बावजूद छोटे बच्चों की निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था का भारत जैसा आदर्श […] Read more » Education शिक्षा
विविधा भारत के लिये जिये जयानन्द भारती- शाक्त ध्यानी February 19, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on भारत के लिये जिये जयानन्द भारती- शाक्त ध्यानी सन् 1857 के संग्राम में सदियों से सोया भारत जैसे जाग उठा था। इस संग्राम की भूमिका बांधने वाले अनेक विचारक, संत, कवि जिस तरह वर्षों से भारतीय समाज को खटखटाते रहे। उसी का परिणाम था कि साढे तीन लाख भारतीयों ने अपनी स्वतन्त्रता के लिए आत्मोत्सर्ग किया। अंग्रेज शासक इस दमन के अन्दर सुलगती […] Read more » Jayanand Bharti जयानन्द भारती
विविधा भ्रष्टाचार की जड़ हैं 500 और 1000 के नोट February 18, 2010 / December 24, 2011 by दानसिंह देवांगन | 9 Comments on भ्रष्टाचार की जड़ हैं 500 और 1000 के नोट आज देश भर में अफसरों, नेताओं और उद्योगपतियों के घर पड़ रहे छापों से एक बात साफ उभर कर सामने आ रही है, भ्रष्टाचार की जड़ में कहीं न कहीं हमारे देश की कैश संस्कृति है। जब एक आदमी कैश में पेमेंट करता है, तो वह न सिर्फ देश का नुकसान करता है, बल्कि भ्रष्टाचार […] Read more » Madhya Pradesh भ्रष्टाचार मध्यप्रदेश
विविधा ये मेरे हिस्से की शायद धूप भी खा जायेंगे February 18, 2010 / December 24, 2011 by पंकज झा | 1 Comment on ये मेरे हिस्से की शायद धूप भी खा जायेंगे महात्मा गाँधी ने कभी कहा था कि यह धरती हर व्यक्ति की ज़रूरत पूरा कर सकता है लेकिन किसी एक के भी लोभ को नहीं. वास्तव में आदमी का लोभ उसे किस हद तक गिरा सकता है सोचकर आपका मन वितृष्णा से भर जाएगा. एक शायर के शब्द में कहू तो गरीबों की कुटिया के […] Read more » Madhya Pradesh छत्तीसगढ भ्रष्टाचार मध्यप्रदेश
विविधा ऐतिहासिक विवादों का स्रोत : वैचारिक कुटिलता से कैसे जूझें?-हरिकृष्ण निगम February 18, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ऐतिहासिक विवादों का स्रोत : वैचारिक कुटिलता से कैसे जूझें?-हरिकृष्ण निगम अभी अधिक दिन नहीं हुए जब सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय को आदेश दिया था कि वह विशेषज्ञों की एक समिति का गठन कर इस बात की जांच करे कि द्वितीय वर्ष स्नातक के लिए इतिहास की पाठयपुस्तक के एक अध्याय में हिन्दुओं के आराध्य हनुमान के लिए अपशब्द क्यों प्रयुक्त किए गए और उन्हें […] Read more » Delhi University दिल्ली विश्वविद्यालय वामपंथी इतिहासकार
विविधा अब देशभर में पैदा होंगे 3 इडियट February 17, 2010 / December 24, 2011 by दानसिंह देवांगन | 4 Comments on अब देशभर में पैदा होंगे 3 इडियट कपिल सिब्बल का नया मंत्र- मार्क्स के पीछे मत भागो, काबिल बनो, कामयाबी अपने आप मिलेगी साल की सुपरहिट फिल्म 3 इडियट में आमिर खान ने युवाओं को नया मंत्र दिया- कामयाबी के पीछे मत भागो, काबिल बनो, कामयाबी अपने आप मिलेगी। जाहिर है, 100 में 99 अंक लाने का जबरदस्त तनाव झेल रहे विद्यार्थियों […] Read more » Education कपिल सिब्बल शिक्षा
विविधा मानवाधिकार विषय को न्यायसंगत करने की आवश्यकता February 17, 2010 / December 25, 2011 by रामेन्द्र मिश्रा | 1 Comment on मानवाधिकार विषय को न्यायसंगत करने की आवश्यकता हमारे देश में मानव अधिकारों का बहुत ध्यान रखा जाता है, हां ये अलग बात है कि यहाँ मानव का उतना ध्यान कोई नहीं रखता। देश के मानवाधिकारवादी कार्यकर्ता अत्यन्त सक्रिय रहते है। कोई आतंकवादी घटना हो या फिर कोई किसी क सताया हुआ हो, पोलिस ने परेशान किया हो या किसी स्कूल महाविद्यालय की […] Read more » Human Rights मानवाधिकार
विविधा साम्प्रदायिक हिंसाचार के कवरेज की सामाजिक परिणतियां February 16, 2010 / December 25, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on साम्प्रदायिक हिंसाचार के कवरेज की सामाजिक परिणतियां साम्प्रदायिक हिंसाचार की टेलीविजन पर प्रत्यक्ष प्रस्तुति साम्प्रदायिक विवाद और ध्रुवीकरण को तेज करती है। चैनलों को चिंता है कि घटना को सीधे या लाइव प्रसारण दिखाया जाए। लाइव टेलीकास्ट के तात्कालिक फायदे हैं। इससे हत्यारे गिरोहों और हिंसा को बेनकाब करने में मदद मिलती है। किंतु इससे हिंसाचार को स्थानीय स्तर से उठाकर राष्ट्रीय […] Read more » media मीडिया साम्प्रदायिक हिंसाचार
विविधा सेकुलरियाए बौद्धिकदां क्या नहीं जानते-पूरब में उगता है सूरज, पश्चिम में लय होता February 16, 2010 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ‘बारामासा’, नवभारत टाइम्स और सरिता प्रेमियों समेत तमाम नेटवर्गीय सेकुलर बौद्धिकों का भारत विरोधी राग तीव्र हो गया है। भारत विरोधी इसलिए क्योंकि जिसे यह हिंदू धर्म की सीमाओं में कैद करने का दुस्साहस कर रहे हैं वह संस्कृति और संस्कार ही भारत को व्याख्यायित करते हैं। इनका उत्तर दिया जाना ही समय का वास्तविक […] Read more » Nav bharat times नवभारत टाइम्स हिंदू
विविधा कहाँ हैं वे निष्पक्ष, निर्भीक विचारक?-हरिकृष्ण निगम February 16, 2010 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सारी दुनियां में भारत अकेला देश है जहाँ आज अंग्रेजी लेखन से जुड़े कुछ ऐसे विचारक हैं जिनकी हीनता-ग्रंथि इतनी स्पष्ट और मुखर है कि वे किसी न किसी रूप में बराबर कहते हैं कि देश का अतीत उनके मन में गर्व या विस्मय नहीं बल्कि वितृष्णा पैदा करता है। देश के भूतकाल के प्रति […] Read more » Harikrishn Nigam निष्पक्ष
विविधा देने के भाव से बढ़ता है प्रेम February 16, 2010 / December 25, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment प्रेम से लड़ने के लिए अलगाव से लड़ना बेहद जरूरी है। हमें इस प्रेम से उबरने का प्रयास करना चाहिए। एरिक ने लिखा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पूर्ण असफलता को पागलपन कहा जाता है क्योंकि इसमें पूर्ण अलगाव के कारण भय बना रहता है। इससे बचने का एक ही रास्ता है विश्व के […] Read more » Love प्रेम
विविधा प्यार हमें किस मोड़ पे ले आया… February 15, 2010 / December 25, 2011 by हिमांशु डबराल | Leave a Comment किस मोड़ पे तो नहीं, हां लेकिन एक ऐसे मोड़ पर लाकर जरूर खड़ा कर दिया है, जहां मोहब्बत बाज़ारी नज़र आ रही है। वेलनटाइन वीक चल रहा है, बाज़ार प्यार के तोहफों से लदा हुआ है, हर आदमी की जेब के हिसाब से तोहफे बिक रहे है। ऐसे में एक नया ट्रेण्ड शुरू हो […] Read more » Valentine Day प्यार प्रेम वैलेनटाइन डे