विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-36 September 29, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  जलप्लावन की सूचना और भारतीय इतिहास भारत के इतिहास ने ज्योतिष शास्त्र और विज्ञान के क्षेत्र की बहुत सी घटनाओं को अपने में समाविष्ट किया है। इसलिए इसके गहन अध्ययन से अतीत की बहुत सी ऐसी घटनाओं की सूचना हमें सहज ही उपलब्ध हो जाती है जो कि ज्योतिष से या […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा बुलेट रेलगाड़ी योजना September 29, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment पिछले दिनों नरेन्द्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ मिलकर अमदाबाद में ‘बुलेट रेलगाड़ी योजना’ का शिलान्यास किया। कहा गया है कि पांच साल में ये पटरियों पर चलने लगेगी। अमदाबाद से मुंबई जाने वाले यात्रियों को इससे बहुत सुविधा होगी। इस प्रकल्प में लगने वाला खरबों रुपया जापान बहुत कम ब्याज […] Read more » Bullet train Featured बुलेट रेलगाड़ी बुलेट रेलगाड़ी का विरोध बुलेट रेलगाड़ी योजना
आर्थिकी विविधा परेशान सिर्फ गरीब होता है September 29, 2017 by जीतेन्द्र कुमार नामदेव | Leave a Comment देश इन दिनों ऐसे आर्थिक संकट से जूझ रहा है जो बड़े-बड़े अर्थशास्त्री को नजर नहीं आएगा। क्योंकि जो भाषा अर्थशास्त्रीयों को समझ में आती है, वो भाषा एक गरीब मजदूर और किसान की समझ से बहुत दूर है। हाल फिलहाल भाजपा सरकार में रहे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरूण जेटली […] Read more » demonetization effect of GST on common man Featured gst आर्थिक संकट जीएसटी नोटबंदी रेत माफियाओं पर शिकंजा सर्राफा व्यापारियों पर टैक्स हाईवे के किनारों से शराब के ठेकों को उखाड़
विविधा रावण हमारे अंदर तो नहीं? September 29, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ. तृप्ति तोमर रावण ब्राह्मण, महा ज्ञानी तपस्वी था, उसने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के दम पर ही सोने की लंका को निर्मित किया था। उसकी शक्ति के सम्मुख देवतागण भी असहाय हो उठे थे। उसकी दिव्यता, पावनता एवं अलौकिकता में एक असंतुलित तत्व था, उसका राक्षसीय संस्कार जो उसे जन्म से प्राप्त था। जन्मजात […] Read more » Featured kill the ravana within ourself ravana Vijayadashmi रावण रावण हमारे अंदर तो नहीं
विविधा ‘हिंद स्वराज’ के बहाने गांधी की याद September 28, 2017 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment संजय द्विवेदी महात्मा गांधी की मूलतः गुजराती में लिखी पुस्तक हिन्द स्वराज्य हमारे समय के तमाम सवालों से जूझती है। महात्मा गांधी की यह बहुत छोटी सी पुस्तिका कई सवाल उठाती है और अपने समय के सवालों के वाजिब उत्तरों की तलाश भी करती है। सबसे महत्व की बात है कि पुस्तक की शैली। यह किताब प्रश्नोत्तर की […] Read more » Featured hind swaraj Mahatma Gandhi गांधी का हिन्द स्वराज्य
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-35 September 28, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  भारत के इतिहास में रूचि रखने वाले किसी भी विद्यार्थी को चाहिए कि वह भारत को यहीं से समझना आरंभ करे। उसके पश्चात अमैथुनी सृष्टि संबंधी भारत की वैज्ञानिक धारणा को समझकर मानव के मैथुनी सृष्टि में प्रवेश को समझे, तो हमें मानव इतिहास की श्रंखला का प्रथम सूत्र हाथ लग […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा जानिए कैसे होता है पायजब/पायल/बिछिया पहनने से स्वास्थ लाभ September 28, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment हमारे देश भारत में पायजब/पायल/बिछिया महिलाओं के सोलह श्रृंगारों में से एक है। भारत में पायल पहनना बहुत पसंद किया जाता है। पायल पैरों की सुंदरता को बढ़ाती है और इसकी आवाज से पुरूष भी महिलाओं की ओर आकर्षित होते हैं। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया की इसके पीछे बुजुर्ग कुछ शुभ-अशुभ के कारण […] Read more » benefits of wearing anklet benefits of wearing toe ring Featured पायजब पायजब पहनने से स्वास्थ लाभ पायल पायल पहनने से स्वास्थ लाभ बिछिया पहनने से स्वास्थ लाभ
विविधा भाषा का प्रश्न और जापान का अनुकरणीय उदाहरण (१) September 28, 2017 by डॉ. मधुसूदन | 13 Comments on भाषा का प्रश्न और जापान का अनुकरणीय उदाहरण (१) डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश: विमान छूटने में विलम्ब घोषित हुआ, तो कुछ अवकाश मिल गया।और, मुझे छोडने आया युवा हर्षित हो उठा। मैं, पहले, कारण समझ नहीं पा रहा था; पर, विलम्ब के कारण वार्तालाप का जो समय मिला, उसपर युवा हर्षित था। ताडने में मुझे विशेष समय ना लगा। उसके कुछ प्रश्न थे; विशेष […] Read more » Featured japanese language language जापान
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-34 September 27, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  ईश्वर के विषय में यह माना जाता है कि वह सृष्टि के अणु-अणु में विद्यमान है और घट-घट वासी है। उसकी दृष्टि से कोई बच नहीं सकता। अत: वह मनुष्य के प्रत्येक विचार का और प्रत्येक कार्य का स्वयं साक्षी है। जिससे उसकी न्यायव्यवस्था से कोई बच नहीं पाएगा। घट-घट वासी […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा ह्रदय प्रदेश में दलित September 26, 2017 by जावेद अनीस | 1 Comment on ह्रदय प्रदेश में दलित जावेद अनीस अपने आजादी के 71वें साल में जून की एक आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में बुलाये गये एक विशेष सत्र में इस बात की आधिकारिक घोषणा कर दी गयी है कि भारत “एक बाजार” हो गया है,वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की लॉन्चिंग के दौरान दिये गये अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने दावा […] Read more » दलित
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-33 September 26, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  राजा और राजनीति को भारत में ईश्वर की न्याय-व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए स्थापित किया गया। अत: राजा और राजनीति का धर्म यह बताया गया कि तुम ऐसी राज्य व्यवस्था बनाओ जिससे लोगों में ‘पाप’ के प्रति घृणा और पुण्य के प्रति लगाव या आकर्षण उत्पन्न हो […] Read more » कमीशन की राजनीति Featured ईश्वर की न्याय-व्यवस्था भारतीय राज्य व्यवस्था राजा राजा और राजनीति
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-32 September 25, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य सभी मनुष्यों को यह अधिकार है कि बुद्घि पूर्वक अपने जीवनोद्देश्य का निर्धारण करे। अपनी सामाजिक, शारीरिक व आत्मिक उन्नति करे, साथ ही परोपकारी बने रहकर अन्य जीवों के कल्याण की योजनाओं में भी लगा रहे, विद्या प्राप्ति करे और अज्ञान से युक्त होकर अपनी शारीरिक रक्षा करने व भोजन वस्त्र […] Read more » Featured अष्टांगयोग कर्मफल व्यवस्था भारत भारत में कर्मफल व्यवस्था विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत