लेख सदैव स्मृतियों में बसे रहेंगे हम सबके उमेश जी

सदैव स्मृतियों में बसे रहेंगे हम सबके उमेश जी

~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल  26 अगस्त 1958 को जन्मे उमेश उपाध्याय भारतीय पत्रकारिता के क्षितिज के वो ध्रुवतारे थे जिनके व्यक्तित्व और कृतित्व की महनीय उपस्थिति…

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राजनीति सर्वसुलभ इंसाफ की उम्मीद को पंख लगे

सर्वसुलभ इंसाफ की उम्मीद को पंख लगे

सुप्रीम कोर्ट की हीरक जयन्ती-ललित गर्ग- यह सुखद, अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक अवसर ही है कि देश के सर्वाेच्च न्यायालय ने 75 साल का गरिमामय सफर…

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लेख पारंपरिक हस्तकला को बचाने का संघर्ष करता समुदाय

पारंपरिक हस्तकला को बचाने का संघर्ष करता समुदाय

भंवर सिंह राजपूतजयपुर, राजस्थान भारत आज विश्व की शक्तिशाली राष्ट्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है. आर्थिक क्षेत्रों में नवाचार और नव आयाम स्थापित करते…

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राजनीति हिमंत बिस्वा सरमा के  वक्‍तव्‍य से जमीयत उलेमा-ए-हिंद की आपत्‍त‍ि व्‍यर्थ है

हिमंत बिस्वा सरमा के  वक्‍तव्‍य से जमीयत उलेमा-ए-हिंद की आपत्‍त‍ि व्‍यर्थ है

-डॉ. मयंक चतुर्वेदी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के ‘मियां मुस्लिम’ संबंधी बयान पर इन दिनों एक विशेष वर्ग की ओर से जमकर राजनीत‍ि…

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लेख स्किल्स और विशेषज्ञता के साथ अच्छा इंसान बनना सिखाता है ‘शिक्षक’ 

स्किल्स और विशेषज्ञता के साथ अच्छा इंसान बनना सिखाता है ‘शिक्षक’ 

                                                 …

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लेख गुरू कुम्हार शिष्य कुंभ है !

गुरू कुम्हार शिष्य कुंभ है !

सभी जानते हैं कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक का मतलब है-” विद्या या ज्ञान देने वाला।” या…

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लेख भारतीयता के अनुरूप शिक्षा से ही नया भारत संभव

भारतीयता के अनुरूप शिक्षा से ही नया भारत संभव

शिक्षक दिवस- 5 सितम्बर 2024 पर विशेष– ललित गर्ग-शिक्षक उस माली के समान है, जो एक बगीचे को अलग अलग रूप-रंग के फूलों से सजाता…

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राजनीति शिक्षा ज्ञान परम्परा पर आधारित हो

शिक्षा ज्ञान परम्परा पर आधारित हो

-डॉ. सौरभ मालवीय    शिक्षा को लेकर समय-समय पर अनेक प्रश्न उठते रहते हैं जैसे कि शिक्षा पद्धति कैसी होने चाहिए? पाठ्यक्रम कैसा होना चाहिए?…

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धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 38

मेरे मानस के राम : अध्याय 38

कुंभकर्ण का वध कुंभकर्ण ने अपने भाई विभीषण को अपने आगे से सम्मान पूर्वक शब्दों के माध्यम से हटा दिया। कुंभकर्ण जानता था कि इस…

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धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 37

मेरे मानस के राम : अध्याय 37

कुंभकर्ण रावण संवाद रामचंद्र जी यद्यपि बहुत ही सौम्य प्रकृति के व्यक्ति थे, पर उनके भीतर आज सात्विक क्रोध अर्थात मन्यु अपने चरम पर था।…

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मीडिया श्री उमेश उपाध्‍याय : मौत आई भी तो इतने चुपके से ….

श्री उमेश उपाध्‍याय : मौत आई भी तो इतने चुपके से ….

डॉ. मयंक चतुर्वेदी अब हमारे बीच हैं, आदरणीय भाईसाहब उमेश उपाध्‍याय जी की स्‍मृतियां….वे कल तक, नहीं-नहीं…आज सुबह तक हमारे ही साथ थे, चहचहा रहे…

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धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 36

मेरे मानस के राम : अध्याय 36

रावण चरित् और रामायण अभी तक वानर दल का कोई भी सेनापति या योद्धा लंकाधिपति रावण के बल की थाह नहीं कर पाया था। जिस…

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