
अन्ना-स्वामी रामदेव और देश के सर्वहारा वर्ग को एक मंच पर आना चाहिए!
Updated: December 11, 2011
श्रीराम तिवारी आधुनिकतम प्रगतिशील विचारों के पोषक तथा ‘बियांड द विज़न’ रखने वालों को बेहतर मालूम है कि भारत और भारत की जनता के प्रगति…
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करोड़पति जनसेवक भला क्यों चाहेंगे लोकपाल का दायरा!
Updated: December 11, 2011
लिमटी खरे समाजसेवी अण्णा हजारे की जिद है कि देश में लोकपाल विधेयक लाया जाए और उसके दायरे में प्रधानमंत्री और सांसदों को भी लाया…
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अन्तर्राज्यीय परिषद की बैठक शीघ्र बुलाई जाए
Updated: December 11, 2011
लालकृष्ण आडवाणी भारतीय संविधान का पहला अध्याय भारत को ‘राज्यों के संघ‘ के रुप में निरुपित करता है। संविधान सभा ने भारत को ‘राज्यों का…
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सांस्कृतिक पराधीनता और हिन्दी संस्थान
Updated: December 11, 2011
जगदीश्वर चतुर्वेदी इन दिनों विश्वविद्यालय-कॉलेज में पढ़ाने वाले या केन्द्र सरकार के संस्थानों के हिन्दी अधिकारी इस भ्रम में हैं कि वे हिन्दी की सेवा…
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कांग्रेस से सवाल : बाबा – अन्ना तानाशाह तो गाँधी क्या थे ?
Updated: December 11, 2011
श्रवण शुक्ल 120 करोड़ लोगों को बेवकूफ बना रहे राजनीतिक दल से एक भारतीय का सवाल। बाबा-अन्ना यदि स्वघोषित जन-प्रतिनिधि है तो महात्मा गाँधी और…
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कलम के सिपाही गोली के शिकार
Updated: December 11, 2011
सरिता अरगरे पत्रकारिता हमेशा से जोखिम भरा काम रहा है, लेकिन इस खतरे में वैश्विक तौर पर लगातार इजाफा हो रहा है। जनहित और सामाजिक…
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सेक्स बनाम शुचिता का नारा
Updated: December 11, 2011
सतीश सिंह आज भी भारत में सेक्स को वर्जना की तरह देखा जाता है। जबकि हमारे देश में खजुराहो से लेकर वात्सायन के कामसूत्र जैसी कृतियों…
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आर्थिक विकास मॉडल बदलने से बचेगा पर्यावरण
Updated: December 11, 2011
कुन्दन पाण्डेय दुनिया भर के मानव सम्मिलित रुप से एक वर्ष में करीब 8 अरब मीट्रिक टन कार्बन पर्यावरण में उत्सर्जित करते हैं, जबकि बदले…
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बढ़ता नकली दवाओं का कारोबार
Updated: December 11, 2011
प्रमोद भार्गव पिछली यूपीए सरकार ने जब नकली दवाओं से छुटकारे के नजरिए से जो औषधीय एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम बनाया था तब यह मान…
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आधुनिकता के शोर में गुम हुई वास्तविकता
Updated: December 11, 2011
लिमटी खरे जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे नए प्रयोगों से चीजें इजाद हो रही हैं। आज दौड़ भाग भरी जिंदगी में…
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राजा दिल मांगे चवन्नी उछाल के . . .
Updated: December 11, 2011
लिमटी खरे कांग्रेसनीत केंद्र सरकार को भले ही न लगता हो कि देश मंहगाई को मंहगाई का दावानल निगल रहा है, किन्तु हालात यही बता…
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काँग्रेस को संघ से क्यों डर लगता है
Updated: December 11, 2011
अवधेश पाण्डेय आजकल भ्रष्टाचार से लडाई चल रही है, सभी के निशाने पर केन्द्र की यूपीए सरकार और काँग्रेस पार्टी है. भ्रष्टाचार के विरुद्ध आम…
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