
राजधर्म से बड़ा है बौद्धिकधर्म
Updated: December 16, 2011
जगदीश्वर चतुर्वेदी बुद्धिजीवी सत्य भक्त होता है। राष्ट्र,राष्ट्रीयता, दल,विचारधारा आदि का भक्त नहीं होता। सत्य के प्रति आग्रह उसे ज्यादा से ज्यादा मानवीय और संवेदनशील…
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लोकजीवन, बाजार और मीडिया
Updated: December 16, 2011
‘लोक’ मीडिया के लिए एक डाउन मार्केट चीज – संजय द्विवेदी ‘लोक’ मीडिया के लिए एक डाउन मार्केट चीज है। ‘लोक’ का बिंब जब हमारी…
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खो गई लालू की लालिमा!
Updated: December 16, 2011
श्रीराजेश बिहार और लालू. एक समय में दोनों एक दूसरे के पर्याय माने जाते थे. प्रदेश की राजनीति में बादशाहत कायम करने वाले मसखरे-से भदेस…
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कविता/ “मगंल पाण्डेय”
Updated: December 16, 2011
जो मरा नहीं अमर है, किताबों में उसका घर है, उसके लिये हमारी आखें नम हैं। जो करा काम कल, शुक्रिया भी कहना कम हैं।…
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२-जी स्पेक्ट्रम घोटाला और भारत संचार निगम लिमिटेड की फ़ज़ीहत
Updated: December 16, 2011
श्रीराम तिवारी संसद के शीत कालीन सत्र (२०१०) का सुचारू रूप से या कामकाजी दृष्टि से नहीं चल पाना तो निस्संदेह देश के लिए अशुभ…
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व्यंग्य/महंगाई डायन के नाम एक खुला खत
Updated: December 16, 2011
गिरीश पंकज जन-जन जिसके नाम से खौफ खाता है। जिसका नाम सुनते ही भयंकर ठंडी में भी पसीना आ जाता है, ऐसी हे महंगाई डायन,…
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महंगाई की सुनामी में फंसा देश
Updated: December 16, 2011
सतीश सिंह पिछले साल के 25 दिसम्बर को मंहगाई साल के उच्चतम स्तर 18.32 फीसदी तक पहुँच गई थी। ‘करैला और नीमचढ़ा’ वाले कहावत को…
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आकाश का दुलार
Updated: December 16, 2011
-चैतन्य प्रकाश शिखर और सागर दोनों मनुष्य को आनंदित करते हैं मनुष्य की लगभग सारी यात्राएं शिखरों और सागरों की ओर उन्मुख रही हैं। मानवी…
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भारत के अनुकूल हो व्यवस्था
Updated: December 16, 2011
(क्या भारत में संसदीय लोकतंत्र असफल सिद्ध हो रहा है- परिचर्चा के संदर्भ में) -के. एन. गोविंदाचार्य भारत में संसदीय प्रजातंत्र असफल है या नहीं,…
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सोमयाग : महत्त्व एवं प्राचीनता
Updated: December 16, 2011
सूर्यकांत बाली सतयुग के भारतीयों का, चाहे वे आम लोग रहे हों या फिर राज परिवारों के लोग रहे हों, सोमयाग एक बहुत ही प्रिय…
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मां नर्मदा सामाजिक कुंभ
Updated: December 16, 2011
गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा क्षिप्रा, गोदावरी, कावेरी जैसी पवित्र नदियों के किनारे ही सम्पूर्ण विश्व को अपने ज्ञान से आलोकित करने वाली सनातन संस्कृति ने…
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चूँकि भारत विभाजित है इसलिए ‘इंडिया इज़ शाइनिंग…’
Updated: December 16, 2011
श्रीराम तिवारी आम तौर पर भारत को हिंदी में भारत और अंग्रेजी में इंडिया कहते हैं; जहाँ तक लिखने का सवाल है, तो अंग्रेजी में…
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