स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक सुधार की जरूरत
Updated: February 6, 2024
2024 का अंतरिम बजट प्रशासनिक रवायत है क्योंकि पूर्ण बजट तो जुलाई में आएगा‚ जिस पर नई सरकार का रिपोर्ट कार्ड़ स्पष्ट नजर आएगा। व्यवसायों…
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लैंगिक भेदभाव से मुक्त नहीं हुआ ग्रामीण समाज
Updated: February 6, 2024
सीमा कुमारीगया, बिहार“दीदी, हमको भी पढ़ने का बहुत मन करता है. लेकिन मम्मी-पापा स्कूल जाने नहीं देते हैं, कहते हैं पढ़ कर का करेगी. चूल्हा-चौका…
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सोशल मीडिया पर सहज होती महिलाएं
Updated: February 6, 2024
ज्योतिदिल्ली पूजा, एक 31 वर्षीय महिला है. वह दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में अपने पति और दो पुत्रों के साथ किराए के मकान में…
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यूसीसी पर उत्तराखण्ड की बड़ी एवं सार्थक पहल
Updated: February 6, 2024
-ः ललित गर्ग:- उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने समान आचार संहिता (यूसीसी) के ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दे दी है, इसी चार दिनों के विशेष सत्र में…
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प्रदूषण का थर्मामीटर भी प्लास्टिक प्रदूषण की जद में।
Updated: February 5, 2024
अंटार्कटिका दुनिया के प्रदूषण का थर्मामीटर कहलाता है। जानकारी देना चाहूंगा कि अंटार्कटिका पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी…
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आया वसंत
Updated: February 5, 2024
ऋतुओं का राजाधिराज वसंत है आया…!मंजरियां खिल रही हैंआम्र टहनियां हैं झूम रहींभ्रमरों और मधुमक्खियों का गुंजन हैतितलियां फूलों के रसास्वादन में मशगूल हैं। ऋतुओं…
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काशी का अपमान रुपी विष, स्वाभिमान का अमृत पान अवश्य कराएगा
Updated: February 5, 2024
– दिव्य अग्रवालकाशी ज्ञानवापी , व्यास जी तयखाना पूजा के सम्बन्ध में कुछ तथ्य को समझना आवश्यक है । तयखाना अर्थात गर्भ गृह जहाँ पर…
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अध्यात्म के सहारे कैंसर को परास्त करे
Updated: February 5, 2024
विश्व कैंसर दिवस- 4 फरवरी, 2024-ः ललित गर्ग :- हर साल लाखों लोग कैंसर से मरते हैं, जो विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण…
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बिहार : गांव की लड़कियों ने रग्बी फुटबॉल में बनाई पहचान
Updated: February 5, 2024
डॉ. संतोष सारंगमुजफ्फरपुर, बिहार “सयानी लड़की होकर लड़कों के साथ हाफ पैंट पहनकर ग्राउंड में खेलती है, न इसको शर्म आती है और न इसके…
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पूंजीगत खर्च बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करना बजट की सफलता है
Updated: February 2, 2024
वर्ष 2024 में लोक सभा चुनाव होने जा रहे हैं, अतः केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में भारी भरकम घोषणाओं से बचते हुए दिनांक 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में वोट ओन अकाउंट पेश किया। लोक सभा चुनाव के सम्पन्न होने के पश्चात एक बार पुनः वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट माननीया वित्त मंत्री महोदया द्वारा लोक सभा में पेश किया जाएगा। इस तरह से परम्परा का निर्वहन ही किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 वर्ष के लिए पेश किए किए गए बजट की मुख्य विशेषता यह है कि पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करने का सफल प्रयास किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए केंद्रीय बजट में 7.5 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया था। इसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए बजट में बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए का कर दिया गया था और अब वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपए के रिकार्ड पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। यदि किसी देश में पूंजीगत व्यय की मात्रा बढ़ाई जाती है तो इससे उस देश के लिए आय के साधन भी बढ़ते हैं। यह तथ्य भारत के मामले में भी उजागर होता दिखाई दे रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान लगातार भारी भरकम राशि के पूंजीगत व्यय के कारण अब देश की सकल आय में भी वृद्धि दृष्टिगोचर है। न केवल अप्रत्यक्ष कर, वस्तु एवं सेवा कर, की औसत मासिक वसूली 1.66 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक की हो गई है बल्कि प्रत्यक्ष करों में भी 25 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज हो रही है। जिसके चलते केंद्र सरकार को पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के साथ ही वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने में भी सफलता मिल रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से 23.24 लाख करोड़ रुपए की कुल आय अनुमानित है और कुल खर्च 44.90 लाख करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का, 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से कुल आय बढ़कर 30.80 लाख करोड़ रुपए रहने की सम्भावना व्यक्त की गई है तो कुल व्यय 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने की सम्भावना है। इस प्रकार वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का, 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय घाटे को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत तक नीचे लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वित्तीय घाटा कम होने का सीधा सा अर्थ है कि केंद्र सरकार को बाजार से कम ऋण लेने की आवश्यकता होगी क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत खर्च में बढ़ौतरी के चलते आय के साधन बढ़ रहे हैं। इससे भारतीय बैकों को निजी क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने हेतु अधिक राशि उपलब्ध होगी। वैसे भी, पिछले दो वर्षों के दौरान केंद्र सरकार द्वारा किए गए भारी भरकम पूंजीगत खर्च के चलते देश के आर्थिक चक्र में जो गति आई है उसके कारण उत्पादों की मांग में वृद्धि दर्ज हुई है एवं विभिन्न विनिर्माण इकाईयां अपनी उत्पादन क्षमता का 75 प्रतिशत से अधिक उपयोग करने लगी हैं। इस स्थिति के बाद सामान्यतः विनिर्माण इकाईयों के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना आवश्यक हो जाता है। अतः अब उद्योग क्षेत्र को अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी जिसे बैकों से ऋण लेकर पूरा किया जा सकता है। अतः केंद्र सरकार अपने संसाधनों का उचित उपयोग करते हुए अभी से यह प्रयास कर रही है कि उसे स्वयं कम ऋण की आवश्यकता हो ताकि यह राशि उद्योग क्षेत्र को ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जा सके। इस प्रकार, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने इस बजट के माध्यम से पूंजीगत खर्च को बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करने का सफल प्रयास किया है। पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत के नागरिकों ने वित्तीय क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किया गया है कि भारत में सर्वसमावेशी, सर्वांगीण एवं सर्वस्पर्शी विकास हो। देश में खाद्यान की चिंता दूर हुई है। ग्रामीण इलाकों के प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लगभग एक करोड़ नए मकान निर्मित किए गए हैं, हर घर नल योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में घरों तक पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है एवं मातृशक्ति को कूकिंग गैस उपलब्ध कराई गई है। 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं ताकि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे ही इन बैंक खातों के माध्यम से हितग्राहियों के हाथों में पहुंचे। 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अंतर्गत 11.8 करोड़ किसानों को 6,000 रुपए प्रतिवर्ष सम्मान निधि सीधे उनके खातों में जमा की जा रही है। 4 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। फसलों की विभिन्न पैदावार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। कुल मिलाकर, पिछले 10 वर्षों के दौरान 25 करोड़ नागरिकों को गरीबी रेखा के ऊपर लाने में सफलता मिली है। इससे अब भारतीय नागरिकों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई है। अतः नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करते हुए माननीया वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में घोषणा की है कि एक करोड़ नागरिकों को, जो सोलर पेनल का उपयोग करेंगे, 300 यूनिट बिजली मुफ्त में प्रदान की जाएगी ताकि भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके और पेट्रोल, डीजल एवं कोयले के उपयोग को कम किया जा सके। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त नए मकान बनाए जाएंगे ताकि देश के प्रत्येक परिवार के पास अपनी छत उपलब्ध हो सके। आगे आने वाले कुछ वर्षों में लखपति दीदी बनाने के उद्देश्य से 9 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि मातृशक्ति रोजगार देने वाली बनें। देश में अभी तक एक करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लखपति दीदी बनाया जा चुका है। इस लक्ष्य को अब 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया जा रहा है। देश में अधोसंरचना को विकसित करने के उद्देश्य से रेल्वे के तीन नए कोरिडोर बनाए जाने का प्रावधान भी किया गया है। प्रथम, ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा। द्वितीय, पत्तन गलियारा एवं तृतीय अधिक यातायात वाला गलियारा। यह तीन गलियारे पूर्व में ही विकसित किए जा रहे समर्पित माल गलियारे के अतिरिक्त होंगे। इन तीन गलियारों के विकसित होने के बाद देश में रेल्वे की सुविधाओं में और अधिक सुधार होगा। इसी प्रकार देश में हवाई अड्डों की संख्या भी बढ़कर 149 हो गई है एवं अब कई 2 एवं 3 टायर शहरों में भी हवाई अड्डों का निर्माण किया जा चुका है। भारत में कार्य कर रही विभिन्न विमानन कम्पनियों द्वारा 1000 नए विमानों को खरीदने का ऑर्डर दिया जा चुका है। कुल मिलाकर देश में अधोसंरचना के क्षेत्र में, रोड, रेल, हवाई मार्ग एवं जल मार्ग सहित, अतुलनीय सुधार हुआ है। केंद्र सरकार रेवड़ियां बांटने के स्थान पर देश में आधारभूत संरचना को विकसित करने पर अधिक जोर दे रही है। इससे देश की सकल आय में वृद्धि हो रही है और युवा, महिला, किसान एवं गरीब वर्ग के हितार्थ नई नई योजनाएं चलाने में आसानी हो रही है। देश के समस्त परिवारों के लिए अपनी छत, जल, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था किए जाने के भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। इससे देश के नागरिकों में विश्वास पैदा हो रहा है। प्रहलाद सबनानी
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कब लौटेगी वासंती बहार भोजशाला में?
Updated: February 2, 2024
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ एक तरफ़ मौसम की अंगड़ाई है, एक तरफ़ वृक्षों में बहार का अवसर और ऐसे समय में जब वसंत का उत्सव जैसे ही नज़दीक आता…
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भ्रष्टता निवारण है सशक्त लोकतंत्र का आधार
Updated: February 2, 2024
-ः ललित गर्ग :- झारखंड राज्य में जमीन खरीद में गड़बड़ी, अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के कथित पुराने मामलों की जांच कर रही प्रवर्तन…
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