राजनीति गलत शब्द से गलत परिणाम

गलत शब्द से गलत परिणाम

हमारे गृहमंत्री श्री चिदम्बरम महोदय देखने में तो बहुत सौम्य हैं, पर आजकल वे काफी परेशान हैं। दंतेवाड़ा कांड के कारण न केवल देश की…

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खेल जगत कुश्ती का नया सौंदर्यशास्त्र

कुश्ती का नया सौंदर्यशास्त्र

यह 1996 का वाकया है। जब स्कॉट हॉल उछलकर रिंग के अंदर दाखिल हुआ तो किसी ने नहीं सोचा था कि अमेरिकी कुश्ती की दुनिया…

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सिनेमा फ़िल्में नहीं हैं मुंबई की बपौती…अमर है सिनेमा!

फ़िल्में नहीं हैं मुंबई की बपौती…अमर है सिनेमा!

जयपुर में अजय ब्रह्मात्मज के साथ ‘समय, समाज और सिनेमा’ संवाद अजय ब्रह्मात्मज कौन हैं? जाने-माने फ़िल्म पत्रकार, `ऐसे बनी लगान’, `समकालीन सिनेमा’ और `सिनेमा…

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राजनीति लोकतंत्र को सार्थक बनाएगा पंचायती राज

लोकतंत्र को सार्थक बनाएगा पंचायती राज

महात्मा गांधी जिस गांव को समर्थ बनाना चाहते थे वह आज भी वहीं खड़ा है। ग्राम स्वराज्य की जिस कल्पना की बात गांधी करते हैं…

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धर्म-अध्यात्म श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के संघर्ष की गौरवगाथा

श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के संघर्ष की गौरवगाथा

चम्पत राय ”अयोध्या” यह नाम पावनपुरी के रूप में विख्यात नगर का नाम है। अयोध्या का इतिहास भारतीय संस्कृति का इतिहास है। इसकी गौरवगाथा अत्यन्त…

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आलोचना मूल्यांकन के पोंगापंथी मॉडल के परे हैं तुलसीदास

मूल्यांकन के पोंगापंथी मॉडल के परे हैं तुलसीदास

परंपरा और इतिहास के नाम पर हिन्दी का समूचे विमर्श के केन्द्र में तुलसीदास के मानस को आचार्य शुक्ल ने और कबीर को आचार्य हजारी…

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महिला-जगत दहेज की बलि चढ़ रही हैं महिलाएं

दहेज की बलि चढ़ रही हैं महिलाएं

हम आदिकाल को बहुत पीछे छोड़ आए हैं। रहन-सहन और खान-पान के मामले में भी हम आधुनिक हो गए हैं। यहां तक कि चांद और…

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विविधा अक्षय की मदद के लिए आगे आइए

अक्षय की मदद के लिए आगे आइए

बात अक्षय की, जो एक बीमारी से पीडित है बीमारी ने उसे ऐंसा जकडा कि इलाज में पिता की जीवन भर की पूंजी खर्च हो…

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धर्म-अध्यात्म मुस्लिम राजनीतिः नए रास्तों की तलाश

मुस्लिम राजनीतिः नए रास्तों की तलाश

भारतीय समाज से अलग नहीं हैं मुसलिम समाज के संकट मुस्लिम राजनीति के संकट पर बातचीत करते समय या तो हम इतनी संवेदनशीलता और संकोच…

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राजनीति आस्तीनों में ना अपने सांप पालो दोस्तों / पंकज झा

आस्तीनों में ना अपने सांप पालो दोस्तों / पंकज झा

कथित माननीय अरूप जी और तथाकथित श्रीमान राष्ट्रवादी जी……! कथित इसलिए कि अगर आपको लगे कि आपके विचारों में दम है तो खुल कर हमारी…

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मीडिया बाजार की चुनौतियों से बेजार हिन्दी पत्रकारिता

बाजार की चुनौतियों से बेजार हिन्दी पत्रकारिता

आज भूमंडलीकरण के दौर में हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियां न सिर्फ बढ़ गई हैं वरन उनके संदर्भ भी बदल गए हैं। पत्रकारिता के सामाजिक उत्तरदायित्व…

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राजनीति देश की सुरक्षा में सेंध लगाते नक्सलवादी-माओवादी

देश की सुरक्षा में सेंध लगाते नक्सलवादी-माओवादी

नक्सलवाद की त्रिमूर्ती चारु मजूमदार, जंगल संथाल और कानू सान्याल में से केवल सान्याल ही जिंदा बचे थे। यह आंदोलन उन्होंने पिछली शताब्दी के मध्य…

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