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विकासमूलक संचार की तलाश में

विकासमूलक सम्प्रेषण का लक्ष्य है शोषण से मुक्ति दिलाना। व्यक्तिगत और सामुदायिक सशक्तिकरण। इस अर्थ में विकासमूलक सम्प्रेषण सिर्फ संदेश देने का काम नहीं करता…

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राजनीति जनता के पैसे का तबियत से दुरूपयोग करते हैं जनसेवक

जनता के पैसे का तबियत से दुरूपयोग करते हैं जनसेवक

आजाद भारत में जनता को दो महत्वपूर्ण अधिकार दिया गया है, एक है वोट देने का, और दूसरा है कर देने का। वोट देकर वह…

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विविधा कहां गई गौरैया की चहचहाहट

कहां गई गौरैया की चहचहाहट

याद है, जब छोटे थे, तब स्कूल जाने के लिए अलह सुबह उठाया जाता था, यह कहकर देखो चिडिया आई, देखो कौआ आया, वो देखो…

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आर्थिकी गौ आधारित ग्रामीण विकास – हेमंत दुबे

गौ आधारित ग्रामीण विकास – हेमंत दुबे

कृषि में रसायनों का अनियंत्रित उपयोग मानव जगत के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हेतु हानिकारक है। अनुसंधानों के तथ्य यह बताते हैं कि रासायनिक उर्वरकों…

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विविधा शांति का आधार: शिक्षा – डॉ रामजी सिंह

शांति का आधार: शिक्षा – डॉ रामजी सिंह

शांति जीवन की आधारभूत अशंका है, लेकिन विडंबना है, वह आदिकाल से इसके लिए अशांति के आयोजन में लगा रहा है। यही कारण है अशांति…

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विविधा सफ़ेद दूध का काला कारोबार

सफ़ेद दूध का काला कारोबार

उपभोक्तावादी संस्कृति के चलते धन की चाहत ने लोगों को संवेदनहीन बना दिया है। वे पैसा कमाने के लिए खाद्य पदार्थों में भी मिलावट करने…

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विधि-कानून बातचीत नहीं करना क्रूरता एवं तलाक का आधार!

बातचीत नहीं करना क्रूरता एवं तलाक का आधार!

हिन्दू विवाह अधिनियम में क्रूरता को तलाक का आधार माना गया है, लेकिन क्रूरता की परिभाषा को लेकर शुरू से ही निचली अदालतों में मतैक्य…

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छोटे प्रांत समस्या ही समस्या – मृत्युंजय दीक्षित

केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रोसैया के बीच दो दौर की वार्ता और कांग्रेसाध्यक्षा सोनिया गांधी…

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राजनीति सपा से अमर अलगाव – संतोष कुमार मधुप

सपा से अमर अलगाव – संतोष कुमार मधुप

पिछडों, दलितों, अल्पसंख्यकों की पार्टी को ग्लैमराइज कर पूँजीपतियों के संपर्क में लाने वाले अमर सिंह की सपा से विदाई भले ही हो चुकी हो…

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धर्म-अध्यात्म ‘भक्ति’ की शक्ति से टूटा था सत्ता का अहं : डॉ कृष्णगोपाल

‘भक्ति’ की शक्ति से टूटा था सत्ता का अहं : डॉ कृष्णगोपाल

कोई भी व्यवस्था अपने उद्गम स्थल पर कितनी ही अच्छी क्यों न हो, आगे चलकर विकृत होती है, टूटती है और बिखरती है। तब समाज…

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मीडिया मीडिया वर्चस्व का विभ्रम और यथार्थ

मीडिया वर्चस्व का विभ्रम और यथार्थ

यह मीडिया वर्चस्व का युग है। सामाजिक,राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक वर्चस्व का यह मूलाधार है। मीडिया हमारे जीवन की धड़कन है। मीडिया के बिना कोई…

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मीडिया देह प्रदर्शन का पर्याय बनते विज्ञापन

देह प्रदर्शन का पर्याय बनते विज्ञापन

अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी / आंचल में है दूध् और आंखों में पानी। हिन्दी कविता की ये पंक्तियां पारंपरिक भारतीय समाज में महिलाओं…

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