
धर्म तथा विज्ञान का निष्कर्ष: सम्पूर्ण हिन्दुओं के पूर्वज एक
Updated: December 25, 2011
यह सर्वविदित है कि मनुष्य की उत्पत्ति किस प्रकार हुई? भगवान् शंकर के ऊँ से रुद्र की, पुरुष और प्रकृति की, सप्तर्षियों, तदनुक्रम अन्य ऋषियों…
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प्यार हमें किस मोड़ पे ले आया…
Updated: December 25, 2011
किस मोड़ पे तो नहीं, हां लेकिन एक ऐसे मोड़ पर लाकर जरूर खड़ा कर दिया है, जहां मोहब्बत बाज़ारी नज़र आ रही है। वेलनटाइन…
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क्या सिब्बल साहब शिक्षा को मुनाफे का धन्धा नहीं बनने देंगे?
Updated: December 25, 2011
क्या सिब्बल साहब शिक्षा को मुनाफे का धन्धा नहीं बनने देंगे? शिक्षा को धन्धा बनने से न तो कोई रोक सका है और न हीं…
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क्षेत्रीयता पर कांग्रेस और उसके युवराज की दोहरी मानसिकता
Updated: December 25, 2011
अखंड भारत न जाने कितने बार विभक्त हो चुका है ये तो शायद इतिहास के पन्ने पलटने से ही पता चल पाएगा। आजादी के पहले…
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प्रेम का तर्क बदलें
Updated: December 25, 2011
प्रेम आज भी सबसे बड़ा जनप्रिय विषय है, इसकी रेटिंग आज भी अन्य विषयों से ज्यादा है। तमाम तबाही के बावजूद प्रेम महान है तो…
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शाहरूख को सलाम, शिवसेना को सलाह
Updated: December 25, 2011
एक अकेला आदमी अगर तय कर ले तो बहुत कुछ बदल सकता है। शाहरूख खान ने तो हमें यही सिखाया है। अब सीखने की बारी…
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गांधी जी और हिन्दू होने की परेशानियां
Updated: December 25, 2011
समूची दुनिया के वैचारिकता के इतिहास को उठा कर देख लें, या विचारों की श्रेष्ठता को लेकर खून-खराबा के दौर को याद करें तो आपको…
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“बाल ठाकरे के वर्चस्व की विदाई का शोकगीतः माई नेम इज़ खान”
Updated: December 25, 2011
आखिरकार शाहरूख की फिल्म ‘माई नेम इज़ खान’ रिलीज हो ही गई। देश के अन्य हिस्सों की तरह मुंबई में भी यह हाउसफुल गई। हर…
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ठाकरे के दरबार में पवार!
Updated: December 25, 2011
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने शिवसेना के सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के आवास ”मातोश्री” की चौखट चूमकर साबित कर दिया है कि देश में…
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चल रही ज्ञान पर एकाधिकार की साजिशः सुलभ
Updated: December 25, 2011
कथादेश के संपादक हरिनारायण को बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिलभारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान बिलासपुर। कथाकार एवं संस्कृतिकर्मी ह्रषिकेश सुलभ का कहना है कि भूमंडलीकरण के युग…
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पानी के लिए लोग होंगे पानी-पानी – संतोष सारंग
Updated: December 25, 2011
आज विश्व की लगभग एक अरब आबादी को जल के लिए तरसना पड़ रहा है। भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, ब्राजील जैसे तमाम विकासशील देशों में लाखों…
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सियासत की अपनी अलग इक जुबां है…
Updated: December 25, 2011
राजनीति को नि:संदेह मानवता, देश तथा समाज के कल्याण हेतु सर्वोत्तम माध्यम कहा जा सकता है। बशर्ते कि राजनीति पूरी तरह ईमानदाराना, पारदर्शी, विकासोन्मुख तथा…
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