राजनीति अपनी सैन्य क्षमताओं में वृद्धि कर रहा भारत ! 

अपनी सैन्य क्षमताओं में वृद्धि कर रहा भारत ! 

भारत अपनी सैन्य क्षमताओं में लगातार वृद्धि कर रहा है। इस क्रम में यहां पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि भारत और फ्रांस ने हाल…

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राजनीति कबाड़ से जुगाड़ के नवाचार की सौन्दर्यमयी चमक

कबाड़ से जुगाड़ के नवाचार की सौन्दर्यमयी चमक

– ललित गर्ग – ‘कबाड़ से जुगाड़’ सिर्फ़ एक तरीका नहीं, बल्कि एक रचनात्मक दर्शन है जो संसाधनशीलता और नवाचार को बढ़ावा देता है। यह…

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कविता भजन: राधे कृष्णा

भजन: राधे कृष्णा

तर्ज: ब्रज रसिया मु: जय जय राधे श्याम सावरिया,मन में सुमिरन करि लै।मन में सुमिरन करि लै,तू अपने ह्रदय मजि लै।जय जय राधे श्याम सावरिया…

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राजनीति अच्छे नहीं हैं हालात मज़दूर के

अच्छे नहीं हैं हालात मज़दूर के

डॉ घनश्याम बादल आज एक मई है, इस दिन हर साल एक दुनिया भर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। अतः कहा जा सकता है…

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लेख प्रेस का स्वतंत्र, निडर और पारदर्शी होना आवश्यक है 

प्रेस का स्वतंत्र, निडर और पारदर्शी होना आवश्यक है 

प्रत्येक वर्ष 3 मई को अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्‍वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोकतंत्र में प्रेस का बहुत महत्व है। जैसा कि प्रेस के…

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खान-पान जलवायु परिवर्तन ने बदली उत्तराखंड की खेती की सूरत

जलवायु परिवर्तन ने बदली उत्तराखंड की खेती की सूरत

आलू-गेहूं छोड़ किसानों ने पकड़ी दाल-मसालों की राह, बीते दशक में 27% कम हुई खेती की ज़मीन, 70% गिरी आलू की पैदावारउत्तराखंड के पहाड़ी जिलों…

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कला-संस्कृति आदि शंकराचार्य ने हिन्दू संस्कृति को पुनर्जीवित किया

आदि शंकराचार्य ने हिन्दू संस्कृति को पुनर्जीवित किया

आदि शंकराचार्य जयन्ती – 2 मई, 2025 – ललित गर्ग- महापुरुषों की कीर्ति युग-युगों तक स्थापित रहती। उनका लोकहितकारी चिंतन, दर्शन एवं कर्तृत्व कालजयी होता है,…

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राजनीति जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने

जाति जनगणना विभाजन का नहीं, विकास का आधार बने

 – ललित गर्ग- पहलगाम की क्रूर एवं बर्बर आतंकी घटना के बाद मोदी सरकार लगातार पाकिस्तान को करारा जबाव देने की तैयारी के अति जटिल…

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राजनीति पहलगाम में आतंकी हमला: राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय

पहलगाम में आतंकी हमला: राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय

प्रश्न पूछने के अवसर भी आएँगे, अभी राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय है। राष्ट्र सर्वोपरि। हाल की पहलगाम घटना में एक हिंदू पर्यटक…

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लेख घाटी के आँसू

घाटी के आँसू

घाटी जहाँ फूल खिलते थे, अब वहाँ सिसकती शाम,वेदना की राख पर टिकी, इंसानियत की थाम।कहाँ गया वह शांति-सूर्य, जो पूरब से उठता था?आज वहाँ…

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लेख स्वतंत्रता का स्वप्न

स्वतंत्रता का स्वप्न

नारी की स्वतंत्रता की धारा,चली हर मन में इक विचार सा।बंधनों से बंधी नहीं वह,स्वतंत्रता का है अब ख्वाब हमारा। कभी कहा गया, तुम छोटी…

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लेख हिंदी साहित्य की आँख में किरकिरी: स्वतंत्र स्त्रियाँ

हिंदी साहित्य की आँख में किरकिरी: स्वतंत्र स्त्रियाँ

हिंदी साहित्य जगत को असल स्वतंत्र चेता प्रबुद्ध स्त्रियां अभी भी हजम नहीं होती। उन्हें वैसी ही स्त्री लेखिका चाहिए जैसा वह चाहते हैं। वह…

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