मीडिया अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल

अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल

शिक्षा या शिकारी जाल? पढ़ी-लिखी लड़कियों को क्यों नहीं सिखा पाए हम सुरक्षित होना? अजमेर की छात्राएं पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन वे सामाजिक चुप्पियों और डिजिटल…

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पर्यावरण दुनियाभर के कारोबारी बोले – अब नहीं रुकेगा सौर-हवा का सफर, 2035 तक चाहिए सिर्फ़ रिन्यूएबल बिजली

दुनियाभर के कारोबारी बोले – अब नहीं रुकेगा सौर-हवा का सफर, 2035 तक चाहिए सिर्फ़ रिन्यूएबल बिजली

एक नए वैश्विक सर्वे में दुनिया के 15 देशों के बिज़नेस लीडर्स ने साफ़ कहा है – अब फॉसिल फ्यूल्स से हटकर रिन्यूएबल एनर्जी की…

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लेख पुस्तकें कल्पवृक्ष भी है और कामधेनु भी है

पुस्तकें कल्पवृक्ष भी है और कामधेनु भी है

विश्व पुस्तक दिवस-23 अप्रैल, 2025-ललित गर्ग-विश्व पुस्तक दिवस जिसे विश्व पुस्तक कॉपीराइट दिवस भी कहा जाता है, पुस्तक-संस्कृति को बल देने और पढ़ने की प्रवृत्ति…

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कविता भजन: राम नाम महिमा

भजन: राम नाम महिमा

तर्ज: सजनवा बैरी हो गए हमार मु: मनवा जप ले राम (हरी) को नाम।नाम की महिमा वरणी न जाये,समझ ना पाए राम।।मनवा जप ले_ अंत…

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प्रवक्ता न्यूज़ विनाश के पाँच तोप: शिक्षा से तहसील तक

विनाश के पाँच तोप: शिक्षा से तहसील तक

 शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, थाना और तहसील जैसे पाँच संस्थानों की विफलता गंभीर चिंता का विषय है। शिक्षा अब ज्ञान नहीं, कोचिंग और फीस का बाजार…

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लेख जब जज ही कानून के घेरे में होंतो भरोसे की दीवारें हिलती हैं

जब जज ही कानून के घेरे में होंतो भरोसे की दीवारें हिलती हैं

अशोक कुमार झा देश की न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बहुत गहरा होता है। जब सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं, तब इंसान न्यायपालिका की…

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राजनीति पश्चिम बंगाल :  नए वक्फ कानून पर बवाल, अब राष्ट्रपति शासन का सवाल?

पश्चिम बंगाल :  नए वक्फ कानून पर बवाल, अब राष्ट्रपति शासन का सवाल?

प्रदीप कुमार वर्मा अमेरिका के शिकागो में सन् 1893 में विश्व धर्म महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वामी विवेकानंद का बंगाल। कला और साहित्य क्षेत्र में गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर, सत्यजीत रे और मृणाल सेन का बंगाल, स्वाधीनता आंदोलन के प्रणेता नेताजी सुभाष चंद बोस का बंगाल और जगत जननी मां दुर्गा की पूजा तथा स्तुति का बंगाल, देश और दुनिया में अपनी अनेक विशेषताओं के कारण चर्चित पश्चिम बंगाल आज एक बार फिर से चर्चा में है लेकिन इस बार चर्चा बंगाल में नए वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा तथा इस हिंसा में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने को लेकर है। पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद में सड़के सुनसान तथा दुकान और प्रतिष्ठान बंद हैं। हालात ऐसे हैं कि हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट नहीं चल रहा है तथा केंद्रीय सुरक्षा बल सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं। शासन और सरकार की कोशिश यहां शांति बहाल करने की है।                   देश की संसद द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम 1995 को पारित करने तथा राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू द्वारा इसे कानून के रूप में नोटिफाई करने के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई। इस जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों मुख्य रूप से सुती, शमशेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण सी है लेकिन अभी भी तनाव बना हुआ है ओर हिंसाग्रस्त इलाकों में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। हिंसा के इस मामले में पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी एक दूसरे को साज़िशन दोषी करार दे रहे हैं। उधर, बीते दो दिन से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा मालदा एवं मुर्शिदाबाद में हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा तथा पीड़ितों से मिलकर उन्हें “न्याय” दिलाने के ऐलान के बाद पश्चिम  बंगाल में यह कयास शुरू हो गए हैं कि कहीं पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन तो नहीं लगेगा?               पश्चिम  बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा इस मौके पर मीडिया में यह बयान भी दिया गया कि सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पीड़ितों ने उन्हें बताया है कि वे क्या चाहते है? इस संबंध में सभी संवैधानिक विकल्प खुले हुए हैं तथा वे केंद्र को अपनी रिपोर्ट सोपेंगे। उधर राज्यपाल के दौरे के मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को भाजपा का एजेंट करार देते हुए उनके दौरे को गैर जरूरी बताया है। इस मामले में हो रही राजनीति का आलम यह है कि पश्चिम  बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा पर हिंसा के जरिए उनकी सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगा चुकी है। वहीँ, भाजपा नेता शुभेदु अधिकारी का कहना है कि ममता बनर्जी ने मुस्लिम तुस्तीकरण की खातिर नए वक्फ कानून पर दंगाइयों को खुली छूट दे रखी है।        पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि बंगाल के पुलिस अधिकारी राज्य के पुलिस अधिकारी के बजाय वे ममता बनर्जी के कैडर हैं। इसलिए बिना राष्ट्रपति शासन के बंगाल में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव नहीं हो सकता है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि जहां हिन्दू 50 प्रतिशत से कम हैं, वहां ये लोग हिन्दुओं को वोट डालने नहीं देंगे। इसलिए चुनाव आयोग बंगाल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करे। उधर,नए वक्फ कानून पर मुसलमानों के विरोध के चलते मालदा एवं मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को रोकने में पश्चिम बंगाल सरकार के नाकाम पाए जाने पर हाईकोर्ट ने वहां केंद्रीय वालों की तैनाती कर दी है। केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद में हिंसाग्रस्त इलाकों में सामान्य जनजीवन फिर से पटरी पर लौट रहा है। हाई कोर्ट केस कदम के बाद भी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के कयास लग रहे हैं। …

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राजनीति अब बहस इस पर है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कहीं सीमा है

अब बहस इस पर है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कहीं सीमा है

रामस्वरूप रावतसरे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 की संवैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट…

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लेख मनुष्य और प्रकृति का रिश्ता है शाश्वत !

मनुष्य और प्रकृति का रिश्ता है शाश्वत !

हाल ही में जम्मू-कश्मीर में बादल फट जाने से बहुत तबाही मची।सच तो यह है कि प्रकृति समय-समय पर मानव को अपना प्रकोप दिखा रही…

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लेख मानव सभ्यता को बचाने के लिये पृथ्वी संरक्षण जरूरी

मानव सभ्यता को बचाने के लिये पृथ्वी संरक्षण जरूरी

विश्व पृथ्वी दिवस -22 अप्रैल 2025-ललित गर्ग- प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन से निपटने और जैव विविधता संकट को रोकने के लिए कार्रवाई का…

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व्यंग्य लोकतंत्र की जान है थू-थू !

लोकतंत्र की जान है थू-थू !

आत्माराम यादव पीव नर्मदापुरम दुनिया का सबसे विचित्र शहर है, इसकी विचित्रता के चर्चे होते है पर क्या विचित्र है उसके चित्र किसी के पास…

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राजनीति तमिलनाडु की स्वायत्तता की मांग : संघीय ढांचे की परीक्षा

तमिलनाडु की स्वायत्तता की मांग : संघीय ढांचे की परीक्षा

लोकतन्त्र वर्तमान शासन प्रणाली का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं लोकप्रिय स्वरूप है। इसकी आत्मा संविधान में निहित है। संविधान किसी भी देश की राजनीति का मार्गदर्शक…

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