सलमान को सज़ा

-विपिन किशोर सिन्हा-

salman-khan-hit-and-run-caseसन २००२ में प्रसिद्ध अभिनेता सलमान खान ने नशे में धुत होकर तेज रफ़्तार से गाड़ी चलाते हुए फूटपाथ पर सोए चार लोगों पर अपनी कार चढ़ा दी जिसके कारण एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई और चार गंभीर रूप से घायल हो गए। मुकदमा दर्ज़ किया गया और केस की सुनवाई १३ साल तक चली। यह केस “हिट एन्ड रन” नाम से मशहूर हुआ। मुंबई सेसन कोर्ट को कोटिशः धन्यवाद कि उसने फ़ैसला मात्र १३ वर्षों में ही सुना दिया। न्यायपालिका की वर्तमान रफ़्तार को देखते हुए इसमें ६३ साल भी लग सकते थे, ७३ साल भी लग सकते थे। अदालत ने सलमान खान को मोटर विहिकल एक्ट और बाम्बे प्रोबेशन एक्ट की निम्न धाराओं के अनुसार दोषी पाया है –

१. धारा ३०४(२) – गैर इरादतन हत्या

२. धारा १८१ – नियमों का उल्लंघन कर गाड़ी चलाना

३. धारा २७९ – लापरवाही से गाड़ी चलाना

४. धारा १८५ – नशे में धुत होकर तेज रफ़्तार से गाड़ी चलाना

५. धारा ३७७, ३३८ – जान को जोखिम में डालना।

जिस समय सलमान खान गाड़ी चला रहे थे, उस समय उन्हें कानूनन गाड़ी चलाने का अधिकार ही नहीं था क्योंकि उनके पास ड्राइविंग लाइसेन्स नहीं था। इतनी गंभीर धाराओं के अनुसार वे दोषी पाए गए। इन अपराधों के लिए १० साल के बामशक्कत कैद का प्राविधान है लेकिन उन्हें सिर्फ ५ साल की सज़ा मिली है। यहां भी उनका स्टारडम काम आया। संजय दत्त को भी अपने स्टारडम और सुनील दत्त के बेटे होने का लाभ मिला और देशद्रोह का अभियोग साबित होने के बाद भी आजन्म कारावास की सज़ा नहीं मिली। वे सज़ा के दौरान भी पैरोल के बहाने अक्सर घर आकर ऐश करते हैं। सलमान भी वही करेंगे। यह अंग्रेजों द्वारा बनाए गए और आज तक असंशोधित इंडियन पेनल कोड, मोटर विहिकल एक्ट और बाम्बे प्रोबेशन एक्ट तथा सेलिब्रेटी के प्रति हमारी विशेष दृष्टि का ही परिणाम है कि बड़ी मछलियां आज़ादी से तैरती हैं और छोटी मछलियां कानून की शिकार बन जाती हैं।

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विपिन किशोर सिन्हा
जन्मस्थान - ग्राम-बाल बंगरा, पो.-महाराज गंज, जिला-सिवान,बिहार. वर्तमान पता - लेन नं. ८सी, प्लाट नं. ७८, महामनापुरी, वाराणसी. शिक्षा - बी.टेक इन मेकेनिकल इंजीनियरिंग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय. व्यवसाय - अधिशासी अभियन्ता, उ.प्र.पावर कारपोरेशन लि., वाराणसी. साहित्यिक कृतियां - कहो कौन्तेय, शेष कथित रामकथा, स्मृति, क्या खोया क्या पाया (सभी उपन्यास), फ़ैसला (कहानी संग्रह), राम ने सीता परित्याग कभी किया ही नहीं (शोध पत्र), संदर्भ, अमराई एवं अभिव्यक्ति (कविता संग्रह)

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