राजनीति पढ़े लिखे लोगों को मूर्ख बनाने की कला में माहिर है केजरीवाल June 13, 2018 / June 13, 2018 by डॉ. मनीष कुमार | Leave a Comment डॉ मनीष कुमार एक पुरानी कहावत है, भैंस अगर पूंछ उठाएगी तो गोबर ही करेगी. लेकिन केजरीवाल के केस में ये कहावत केजरीवाल के मुंह पर लागू होती है. केजरीवाल एक पेशेवर झूठे व्यक्ति हैं. ये झूठ बोल कर लोगों को झांसा देने को ही वो राजनीति समझते हैं. वो एक आत्मकामी (narcissist) व्यक्ति है […] Read more » Featured आंदोलन केजरीवाल पढ़े लिखे लोगों भ्रष्टाचार मायावती मूर्ख बनाने की कला में माहिर है केजरीवाल लालू यादव संविधान निर्माताओं
समाज आओ . आंदोलन – आंदोलन खेलें.!! April 24, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा आपका सोचना लाजिमी है कि भला आंदोलन से खेल का क्या वास्ता। देश ही नहीं बल्कि दुनिया में जनांदोलनों ने बड़े बड़े तानाशाहों को धूल में मिला दिया। लेकिन जब आंदोलन भी खेल भावना से किया जाने लगे तो ऐसी कुढ़न स्वाभाविक ही कही जा सकती है। दरअसल मेरे गृहराज्य में कुछ […] Read more » Featured आंदोलन मंजिल मुख्यमंत्री और सांसद लोकतांत्रिक राष्ट्र सड़क हादसों सत्ता
महिला-जगत राजनीति पंचायतों में महिला आरक्षण से ग्रामीण भारत में बदलाव का दौर’’ April 23, 2018 by अशोक बजाज | Leave a Comment लेखक – अशोक बजाज, स्थानीय इकाई के रूप में त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था प्रजातंत्र की सबसे लघु इकाई है । गांव स्तर पर ग्राम पंचायतें, ब्लाक स्तर पर जनपद पंचायतें तथा जिला स्तर पर जिला पंचायतें कार्यरत है । प्राचीन काल से ही भारत के गांवों में पंचायतों का बहुत बड़ा महत्व रहा है, लोंगों […] Read more » Featured आंदोलन कानून व्यवस्था ग्राम पंचायतें त्रि-स्तरीय पंचायत बाल विवाह शिक्षा स्वास्थ्य
राजनीति जाटलैण्ड की “खाप” बंद नहीँ कर पाएगी “हुक्का- पानी” ? April 4, 2018 / April 4, 2018 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल सर्वोच्च न्यायलय ने हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय पर कानूनी चाबुक चला जातीय फैसलों के खिलाफ खाप को सोचने पर मजबूर कर दिया है। फैसले पर सरकार और खाप कितनी संवेदनशील होंगी यह तो वक्त तय करेगा। लेकिन खाप पंचायतों और उनके अस्तित्व को खतरा खड़ा हो गया है। उनकी […] Read more » Featured अपहरण आंदोलन आरक्षण खाप पंचायतों जाट समुदाय जाटलैण्ड वोट बैंक संयुक्त राष्ट्र सर्वोच्च न्यायलय हत्या
विविधा आवश्यकता भारत जोड़ो आंदोलन August 17, 2017 / August 17, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   अभी-अभी भारत ने 1942 में छेड़े गये-‘अंग्रेजो! भारत छोड़ो’ आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाई है। वैसे हमारा मानना है कि यदि 1857 की क्रांति के इतिहास का और उस समय घटे घटनाचक्र का सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाए तो पता चलता है कि भारतवासियों ने 1942 से 85 वर्ष पूर्व […] Read more » 'अंग्रेजो! भारत छोड़ो' आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ Featured अंग्रेज आंदोलन भारत विश्वगुरू
व्यंग्य साहित्य यह आंदोलन , वह आंदोलन ….!! June 13, 2017 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment बेशक अपराधी के गांव वाले या परिजनों के लिए यह मामूली बात थी। क्योंकि उसका जेल आना – जाना लगा रहता था। अपराधी को जीप में बिठाने के दौरान परिजनों ने पुलिस वालों से कहा भी कि ले तो जा रहे हैं ... लेकिन ऐसी व्यवस्था कीजिएगा कि बंदे को आसानी से जमानत मिल जाए। पुलिस ने केस फारवर्ड किया तो अदालत ने उसकी जमानत याचिका नामंजूर करते हुए आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बस फिर क्या था। आरोपी के गांव में कोहराम मच गया। लोगों ने पास स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर पथावरोध कर ट्रैफिक जाम कर दिया। सूचना पर पुलिस पहुंची तो उन्हें दौड़ा – दौड़ा कर पीटा। Read more » Featured आंदोलन
जरूर पढ़ें आरक्षण आंदोलन की पटरी पर गुर्जर May 28, 2015 / May 28, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- आरक्षण की पुरानी मांग के मुद्दे पर राजस्थान सरकार की बेरुखी से आजिज गुर्जर समुदाय एक बार फिर आंदोलन की पटरी पर है। आरक्षण की रूढ़ हो चुकी परिपाटी को आगे बढ़ाने की जिम्मेबारी ‘गुर्जर आरक्षण आंदोलन समिति‘ के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला निभा रहे हैं। इन्हीं के नेतृत्व में 23 मई […] Read more » Featured आंदोलन आरक्षण आरक्षण आंदोलन की पटरी पर गुर्जर गुर्जर
राजनीति ढहता आंदोलन, बदलते चरित्र October 29, 2010 / December 20, 2011 by आशीष कुमार ‘अंशु’ | 2 Comments on ढहता आंदोलन, बदलते चरित्र -आशीष कुमार ‘अंशु’ कल्पना कीजिए आप एक खास वैचारिक आंदोलन से प्रेरित संगोष्ठी में हिस्सा लेने जाते हैं। जहां यह गोष्ठी तय है, वह मई की चिलचिलाती गर्मी में दिसम्बर बना हुआ है। बाहर और अंदर के तापमान में जमीन आसमान का अंतर है। इसी कार्यक्रम में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के प्रतिनिधि भी अपनी बात […] Read more » Movement आंदोलन