महिला-जगत विकास के नाम पर विस्थापन झेलती आदिवासी महिलाएं November 16, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on विकास के नाम पर विस्थापन झेलती आदिवासी महिलाएं अशोक सिंह आदिवासी विद्रोहों के इतिहास में भले ही स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है लेकिन आदिवासी औरतों के बलिदान की गाथाएं अब भी इतिहास की वस्तु नहीं बन पायी। पहले की तरह आज भी उनके सवाल, उनके मुद्दे हाशिए पर धकेले जाते रहे हैं। विकास विस्थापन और महिलाएँ एक ऐसा ही ज्वलंत और बुनियादी […] Read more » आदिवासी विस्थापन
प्रवक्ता न्यूज़ जनजाति समाज का मूल्यबोध कायमः जुएल उरांव June 21, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on जनजाति समाज का मूल्यबोध कायमः जुएल उरांव जनजातीय समाज के विविध मुद्दों तीन दिवसीय विमर्श का समापन भोपाल, 20 जून। आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव का कहना है कि जनजाति समाज में आज भी पारंपरिक भारतीय मूल्यबोध कायम है, जबकि विकसित कहे जाने वाले वर्गों में यह तेजी से कम हो रहा है। आज जरूरत इस बात की है […] Read more » आदिवासी जनजाति
विविधा नक्सलियों को अब आत्ममंथन करना चाहिए / गिरीश पंकज June 11, 2012 / June 11, 2012 by गिरीश पंकज | Leave a Comment बस्तर के इन भावी इंजीनियरों को सलाम… गिरीश पंकज यह एक खुश कर देने वाली खबर है कि बस्तर के कक्षा बारहवीं के 251 में से 222 बच्चों ने इस वर्ष अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा दी और इनमें से 148 बच्चों ने अप्रत्याशित सफलता प्राप्त की। नक्सलवाद से जूझ रहे बस्तर के बच्चे अगर […] Read more » आदिवासी नक्सलवाद बस्तर शिक्षा
राजनीति दलितों-आदिवासियों की हत्या कैसा वर्ग-संघर्ष है ? June 7, 2012 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment जयराम विप्लव लाल आतंकवाद ( माओवाद ) समर्थक बताएंगे कि दलितों/ वंचितों /आदिवासियों की हत्या कैसा “वर्ग-संघर्ष” है ? एक दशक पहले हुए दंगों पर हर रोज गला साफ़ करने वाले दिल्ली में जमे कुबुद्धिजीवी लोग माओवादियों द्वारा किये जा रहे सामूहिक नरसंहारों के ऊपर चुप्पी क्यों साधे रहते हैं ? इस तरह की घटनाओं […] Read more » आदिवासी दलित नक्सलवाद माओवाद
विविधा आदिवासी क्षेत्रों में कार्य योजना की आवश्यकता June 6, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment राजगोपाल पीवी यह बात शत प्रतिशत सच है कि छत्तीसगढ़ को कुदरत ने अनगिनत संपदा से नवाजा है। जिसका उपयोग यदि सही ढ़ंग से किया जाए तो क्षेत्र के विकास में काफी सहायक सिद्ध होगा। परंतु यहां परिस्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में विकास नाममात्र हो पा रहा है। मौजूदा हालात […] Read more » आदिवासी छत्तीसगढ़ मजदूर
विविधा गोलियों के बीच फंसे हैं आदिवासी April 12, 2012 / September 8, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राजगोपाल पीवी प्राकृतिक संसाधन और आदिवासी संस्कृति से समृद्ध छत्तीसगढ़ को इस रूप में जानने की बजाए उसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में कहीं अधिक याद किया जाता है। विशेषकर बस्तर और उसके आसपास के क्षेत्रों से आपको नक्सलवाद से जुड़ी खबरों के अतिरिक्त कुछ और सुनने अथवा पढ़ने को नहीं मिलेगा। विकास की […] Read more » आदिवासी नक्सलवाद हिंसा
आर्थिकी माओवादी नहीं आदिवासी January 9, 2012 / January 9, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 4 Comments on माओवादी नहीं आदिवासी अविनाश कुमार चंचल यदि आप विदेशी हैं और केवल दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों तक घूमे हैं तो मुमकिन है आप इस देश को विकसित राष्ट्र के श्रेणी में आराम से रख सकते हैं।जैसा कि पिछले दिनों ओबामा ने भी माना। कभी सांप और जंगलों के लिए मशहूर भारत में आज जंगल शब्द के मायने ही बदल […] Read more » adiwasi basic problems of adiwasis Maoist आदिवासी माओवादी
समाज आदिवासी प्रगति : ग्यारह अवरोधक October 13, 2011 / December 5, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 17 Comments on आदिवासी प्रगति : ग्यारह अवरोधक डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ आजादी के तत्काल बाद संविधान में सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से सर्वाधिक कमजोर जिन दो वर्गों या समूहों को चिह्नत किया गया था, उनमें एक आदिवासी वर्ग है, जिसे संविधान में ‘अनुसूचित जनजाति’ कहा गया था, संविधान में उसे दलित के समकक्ष खड़ा कर दिया था| इसके चलते वर्तमान में […] Read more » आदिवासी
पुस्तक समीक्षा साहित्य [पुस्तक समीक्षा:’हेलो बस्तर’] आदिवासियों का सवाल तो रह गया July 28, 2011 / December 8, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सुदीप ठाकुर बस्तर और माओवादी आंदोलन पर केन्द्रित राहुल पंडिता की पुस्तक ‘हेलो बस्तर’ की समीक्षा लिखकर राजीव रंजन प्रसाद ने इसे हकीकत से दूर बताया। इस विमर्श को आगे बढ़ाने को लेकर हम यहां 24 जुलाई 2011 को अमर उजाला में प्रकाशित सुदीप ठाकुर द्वारा लिखित इस पुस्तक की समीक्षा प्रकाशित कर रहे हैं। (सं.) पिछली […] Read more » Bastar आदिवासी बस्तर माओवाद हेलो बस्तर
पुस्तक समीक्षा राजनीति “हेलो बस्तर” [राहुल पंडिता की पुस्तक पर एक विमर्श] – राजीव रंजन प्रसाद July 24, 2011 / December 8, 2011 by राजीव रंजन प्रसाद | 15 Comments on “हेलो बस्तर” [राहुल पंडिता की पुस्तक पर एक विमर्श] – राजीव रंजन प्रसाद माओवादियों ने बस्तर को आग के हवाले कर दिया है, जिसकी तपिश में भोले-भाले आदिवासी झुलस रहे हैं। माओवादी भले ही इन क्षेत्रों के विकास की बात करते हों लेकिन उनके पास विकास का वैकल्पिक मॉडल नहीं है, उलटे वे शिक्षण संस्थानों और सड़कों को बम से उड़ाकर बस्तर के विकास मार्ग को अवरूद्ध करते […] Read more » hello bastar आदिवासी बस्तर माओवाद राहुल पंडिता हेलो बस्तर
राजनीति नक्सलवाद से कौन लड़ना चाहता है ? May 26, 2011 / December 12, 2011 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on नक्सलवाद से कौन लड़ना चाहता है ? दुनिया के सबसे निर्दोष लोगों को खत्म करने का पाप कर रहे हैं हम संजय द्विवेदी उनका वहशीपन अपने चरम पर है, सोमवार की रात (23 मई,2011) को वे फिर वही करते हैं जो करते आए हैं। एक एडीशनल एसपी समेत 11 पुलिसकर्मियों को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में वे मौत के घाट उतार देते हैं। […] Read more » Naxalism आदिवासी नक्सलवाद माओवाद
विविधा आदिवासियों का प्रणय पर्व भगोरिया February 14, 2011 / December 15, 2011 by सतीश सिंह | 4 Comments on आदिवासियों का प्रणय पर्व भगोरिया सतीश सिंह आधुनिकता का लबादा ओढ़कर हम धीरे-धीरे अपनी सभ्यता, संस्कृति, परम्परा और पहचान को भूलने लगे हैं। जबकि हमारे रीति-रिवाज हमारे लिए संजीविनी की तरह काम करते हैं। हम इनमें सराबोर होकर फिर से उर्जस्वित हो जाते हैं और पुन: दूगने रफ्तार से अपने दैनिक क्रिया-कलापों को अमलीजामा पहनाने में अपने को सक्षम पाते हैं। […] Read more » Aboriginal आदिवासी भगोरिया