आंकडे विविधा मीडिया के योगी, गरीब विरोधी July 31, 2014 by नीरज वर्मा | Leave a Comment -नीरज वर्मा- सरकारी गुणा-गणित के मुताबिक़, भारत के गांव और शहर में रहने वाला व्यक्ति अगर 30 व 40 रुपये रोज़ कमाता है, तो वो गरीब नहीं है ! अब इस तीस और चालीस रुपये का हिसाब देख लें ! दाल 80 रुपये, आटा 30 रुपये, टमाटर 90 , चावल 30, प्याज 70, आलू 30, […] Read more » गरीब विरोधी गरीबी नरेंद्र मोदी मीडिया मीडिया के योगी
जरूर पढ़ें गरीबी का माखौल July 28, 2014 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलक- रंगराजन कमेटी ने गरीबी का जो नया मापदंड गढ़ा है वह गरीबों के प्रति उसकी क्रूरता और संवेदनहीनता को ही अभिव्यक्त करता है। कमेटी ने सरकार को सुझाव दिया है कि षहरों में रोजाना 47 रुपए और गांवों में रोजाना 32 रुपए से कम खर्च करने वाले लोगों को ही गरीब माना जाए। […] Read more » गरीब गरीब लोग गरीबी गरीबी का माखौल गरीबी पर रिपोर्ट
समाज गरीबी व भुखमरी के बीच विकास की एक्सप्रेस रेल April 11, 2012 / July 22, 2012 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भारत में बढ़ती भुखमरी और गरीबी की पुष्टिकर केंद्र सरकार के उस दावे की पोल खोल दी है जिसमें विकास की रफ्तार बढ़ने की बात कही गर्इ है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट से केंद्र सरकार के दावे खोखले साबित होते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार […] Read more » poverty starvation गरीबी भुखमरी
आर्थिकी गरीबी की नई परिभाषा April 1, 2012 / April 1, 2012 by रवि शंकर (CEFS) | Leave a Comment रवि शंकर केन्द्र सरकार ने गरीबी की नई परिभाषा फिर तय की है। योजना आयोग की मानें तो देश की शहरी इलाको में प्रतिदिन 28 रुपये 65 पैसे व ग्रामीण इलाकों में रोज 22 रुपये 42 पैसे खर्च करने वाले व्यक्ति को गरीब नहीं कहा जा सकता। अत्याधिक महंगाई और खाद् पदार्थो की बढ़ती कीमतों […] Read more » poverty Poverty Line गरीबी
समाज जो उलझ कर रह गयी है आंकड़ों के जाल में March 23, 2012 / March 23, 2012 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम गरीबी फिर सुर्ख़ियों में है। हाल के दिनों यह बार-बार सुर्खियों में आयी है। गरीबी इतनी बार सुर्खियों में पहले कभी नहीं रही। हर बार सुर्खियों का वजह बना योजना आयोग। इस बार भी बहस योजना आयोग के नये मापदंड को लेकर है। इन आंकड़ों में गरीबों की संख्या में गिरावट दर्शायी गयी […] Read more » poverty गरीबी
लेख समाज गरीबी का आधुनिकीकरण February 14, 2012 / February 14, 2012 by गंगानन्द झा | Leave a Comment ऐसा बताया जाता रहा है कि बढ़ते हुए परिवर्द्धन के साथ-साथ अभाव की स्थिति में कमी आती जाएगी तथा अन्त में विश्व के हर कोने से गरीबी समाप्त हो जाएगी। परिवर्द्धन (Development) और गरीबी के बीच विलोमानुपाती सम्बन्ध समझा जाता रहा है। पर यह परी-कथा ही निकली। अमीर और गरीब के बीच के फर्क के […] Read more » modernisation of poverty poverty आधुनिकीकरण गरीबी गरीबी का आधुनिकीकरण
विविधा गरीबी और मजाक October 11, 2011 / December 5, 2011 by राजीव गुप्ता | 1 Comment on गरीबी और मजाक राजीव गुप्ता आज़ादी के इतने वर्षो बाद भी गरीबी और मजाक एक दूसरे का पर्याय बने हुए है अगर ऐसा मान लिया जाय तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी ! कम से कम वर्तमान सरकार के रूख से तो ऐसे ही लगता है ! पहले गलती करना फिर तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर तथा उसे तोड़-मरोड़ […] Read more » poverty गरीबी
लेख गरीबी के बदलते पैमाने और मायने October 6, 2011 / December 5, 2011 by राजेश कश्यप | Leave a Comment राजेश कश्यप गत दिनों सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी एक रिपोर्ट में योजना आयोग ने कहा कि शहर में 32 रूपये और गाँव में 26 रूपये प्रतिदिन खर्च करने वाला व्यक्ति गरीबी रेखा (बीपीएल) की परिधि में नहीं आता है। कमाल की बात तो यह रही कि देश की शीर्ष अदालत में दाखिल […] Read more » poverty गरीबी गरीबी के बदलते पैमाने और मायने
आलोचना सरकार गरीबी नहीं गरीबों को हटाना चाहती है! September 28, 2011 / December 6, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी पूंजीवादी नीतियों पर चलकर तो यही होना स्वाभाविक है! अगर कोई आदमी बीमार हो और उसे यही पता नहीं लगे कि उसको क्या रोग है तो वह अपना इलाज कैसे करा सकता है? ऐसा ही आलम हमारी सरकार का है। वह आज तक यही तय नहीं कर पा रही है कि गरीब किसे […] Read more » poverty गरीबी गरीबों
विविधा आंकड़ों में उलझी गरीबों की जिंदगी September 25, 2011 / December 6, 2011 by हिमकर श्याम | 1 Comment on आंकड़ों में उलझी गरीबों की जिंदगी हिमकर श्याम दशकों से गरीबी, देश की सबसे बड़ी चुनौती है। यह चुनौती लगातार गंभीर और व्यापक होती गयी पर, सत्ता पक्ष-विपक्ष किसी ने इसके कारगर उपाय के लिए अपनी पूरी ताकत नहीं झोंकी। गरीबी और गरीबी रेखा का इस्तेमाल हमेशा से ही राजनैतिक फायदे के लिए किया गया। गरीब होने का अर्थ है अभाव […] Read more » poverty गरीबी
आर्थिकी निर्धनता नहीं, निर्धनों को मिटाने की योजना August 12, 2011 / December 7, 2011 by डॉ. राजेश कपूर | 2 Comments on निर्धनता नहीं, निर्धनों को मिटाने की योजना निर्धनता की कसौटी ? डा.राजेश कपूर, पारंपरिक चिकित्सक कई वर्षों से चर्चा हो रही है कि देश के करोड़ों लोग केवल २० रु. या इससे भी कम दैनिक आय पर गुजारा कर रहे हैं. या यूँ कहें कि करोड़ों लोग देश में भूखे मर रहे हैं. सरकारी आंकड़ों में देश की गरीबी कम हो रही […] Read more » poverty गरीबी निर्धनता
विविधा गरीबी हटाने के सरकारी तरीके August 7, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ. कौशल किशोर श्रीवास्तव वे जिला प्रमुख है। उनके कार्यालय के ऊपर कोई मंजिल नही है पर उन्हें ऊपर से आदेश आते रहते हैं। इस बार कुछ इस तरह का आदेश आया। गरीबी हटाओ मंत्रालय, भारत सरकार आदेश ः- आपको ज्ञात है कि 33 प्रतिशत भारत गरीब है। इससे प्रगति की रफ्तार असंतुलित हो गई […] Read more » poverty गरीबी