धर्म-अध्यात्म अपने देश व देशवासियों से प्रेम न करने वाला व्यक्ति सच्चा धार्मिक नहीं होता March 5, 2020 / March 5, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में जितने मनुष्य हैं व अतीत में हुए हैं वह सब किसी देश विशेष में जन्में थे। उनसे पूर्व उनके माता–पिता व पूर्वज वहां रहते थे। जन्म लेने वाली सन्तान का कर्तव्य होता है कि वह अपने जन्म देने वाले माता–पिता का आदर व सत्कार करे। मातृ देवो भव, पितृ […] Read more » A person who does not love his country or countrymen is not truly religious धार्मिक
धर्म-अध्यात्म “आध्यात्मिकता रहित भौतिक सुखों से युक्त जीवन अधूरा व हानिकारक है” September 28, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “आध्यात्मिकता रहित भौतिक सुखों से युक्त जीवन अधूरा व हानिकारक है” मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी है। मनुष्य अन्नादि से बना भौतिक शरीर मात्र नहीं है अपितु इसमें एक अनादि, नित्य, अविनाशी, अमर, अल्पज्ञ, जन्म-मरण धर्मा, शुभाशुभ कर्मों का कर्ता व भोक्ता जीवात्मा भी है जो इस शरीर का स्वामी है। आश्चर्य है कि अधिकांश शिक्षित व भौतिक विज्ञानी भी अपनी आत्मा के स्वरूप व […] Read more » ईश्वर धार्मिक राजधर्म सच्चिदानन्दस्वरूप सर्वव्यापक सामाजिक
धर्म-अध्यात्म समाज संसार के मार्गदर्शक हैं श्रीकृष्ण September 3, 2018 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक श्रीकृष्ण साक्षात परब्रह्म और ईश्वर हैं। संसार के समस्त पदार्थों के बीज उन्हीं में निहित है। वे नित्यों के नित्य और जगत के सूत्रधार हैं। शास्त्रों में उन्हें साक्षात ईश्वर कहा गया है। कुरुक्षेत्र में उन्होंने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया। कर्म का वह महामंत्र प्रदान किया जो मानव जाति के […] Read more » Featured जीवन त्याग ज्ञान दार्शनिक और राजनीतिक धार्मिक प्रेम और समर्पण भक्ति और कर्म राजनीति श्रीकृष्ण सामाजिक साहित्य और कला
राजनीति समाज नफ़रत की खाई पाटने में क़ानून कितना सक्षम? August 8, 2018 / August 8, 2018 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी दलित समुदाय को देश का बड़ा वोट बैंक मानकर की जाने वाली राजनीति का सिलसिला इन दिनों पूरे शबाब पर है। सत्ता के ‘विशेष पारखी’ तथा सत्ता में बने रहने का हुनर बखूबी जानने वाले केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के दिल में 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव आने से पूर्व एक बार […] Read more » Featured दलित कर्मियों या सेविकाओं दलितों धार्मिक नफ़रत की खाई पाटने में क़ानून कितना सक्षम? पारंपरिक पौराणिक प्राचीन स्वतंत्रता के 70 वर्षों
राजनीति देश नहीं है तो कुछ नहीं है। कुछ भी नहीं August 7, 2018 / August 7, 2018 by विवेक कुमार पाठक | 1 Comment on देश नहीं है तो कुछ नहीं है। कुछ भी नहीं विवेक पाठक लेखक स्वतंत्र पत्रकार देश में संचार माध्यमों के विस्तार के साथ अब सत्ता विरोधी आंदोलन बहुत तेजी से खड़े होने की प्रवृत्ति दिखी है। तमाम आंदोलनों में कुछ भटके हुए लोगों का आवेश लोकतंत्र की मर्यादा कई बार छलनी कर जाता है। महाराष्ट्र के मराठा आंदोलन में हाल ही में दिखा। मराठाओं के […] Read more » Featured आमसभा जुलूस देश नहीं है तो कुछ नहीं है। कुछ भी नहीं धरना धार्मिक प्रदर्शन राजनैतिक राष्ट्र रैली समाज सामाजिक
धर्म-अध्यात्म “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व संचालन सम्भव है?” June 20, 2018 / June 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम जिस सृष्टि में रहते हैं वह विशाल ब्रह्माण्ड का एक सौर्य-मण्डल है। इस सौर्यमण्डल में मुख्यतः एक सूर्य, हमारी पृथ्वी और ऐसे व इससे भी बड़े अनेक ग्रह तथा हमारी पृथ्वी का एक चन्द्र व अन्य ग्रहों के चन्द्र के समान अनेक छोटे व बड़े उपग्रह हैं। वैदिक गणना के अनुसार […] Read more » “क्या बिना ईश्वर सृष्टि का बनना व Featured अनादि अनुत्पन्न ईश्वर धार्मिक नित्य व अविनाशी निराकार संचालन सम्भव है?” सच्चिदानन्दस्वरूप सत्य सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वान्तर्यामी
राजनीति नेतृत्व के प्रश्न पर गहराता धुंधलका June 2, 2018 by ललित गर्ग | 1 Comment on नेतृत्व के प्रश्न पर गहराता धुंधलका ललित गर्ग- आज जबकि देश और दुनिया में सर्वत्र नेतृत्व के प्रश्न पर एक घना अंधेरा छाया हुआ है, निराशा और दायित्वहीनता की चरम पराकाष्ठा ने वैश्विक, राजनीति, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक नेतृत्व को जटिल दौर में लाकर खड़ा कर दिया है। समाज और राष्ट्र के समुचे परिदृश्य पर जब हम दृष्टि डालते हैं तो हमें […] Read more » Featured आध्यात्मिक और राष्ट्रीय नेतृत्व आर्थिक धार्मिक नये राष्ट्र नये समाज नेतृत्व के प्रश्न पर गहराता धुंधलका राजनैतिक सामाजिक
राजनीति मोदी की विदेश नीति का हिस्सा बनी धार्मिक कूटनीति May 13, 2018 by प्रमोद कुमार | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में धर्म और संस्कृति एक कूटनीतिक हिस्सा रहा है। जब भी वह विदेश यात्रा पर होते हैं तो संबंधित मुल्कों के धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर जरुर जाते हैं और चाय पर विदेशी नेताओं से आपसी संबधों पर बात करते हैं। अपनी कूटनीति में सफलता हासिल […] Read more » Featured आर्थिक जनकपुर और अयोध्या धार्मिक प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश भारत और नेपाल भारत रामायण मालदीव राजनीतिक श्रीलंका
कहानी वेद एवं वैदिक साहित्य के वैदुष्य से सम्पन्न पं. राजवीर शास्त्री May 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वेद एवं वैदिक साहित्य के वैदुष्य से सम्पन्न पं. राजवीर शास्त्री की शिक्षा-दीक्षा एवं शिक्षण आदि कार्य कार्य” मनमोहन कुमार आर्य पं. राजवीर शास्त्री आर्य पिता की संस्कारित एवं प्रतिभा सम्पन्न सन्तान थे। आपकी माता पौराणिक वैष्णव परिवार से थी। आपका जन्म 4 अप्रैल, 1938 को उत्तरप्रदेश के जनपद मेरठ निवासी श्री शिवचरण दास आर्य तथा […] Read more » Featured अध्ययन-अध्यापन ईश्वर विश्वासी उनके गृहस्थ दृष्टि ब्रह्मचारी धार्मिक पं. राजवीर शास्त्री शिक्षा
चिंतन धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज का देश की धार्मिक, सामाजिक, शिक्षा व स्वतन्त्रता सहित सभी क्षेत्रों में प्रमुख योगदान April 10, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज के 141 वें स्थापनादिवस 10 अप्रैल, 2016 पर मनमोहन कुमार आर्य विश्व में अनेक धार्मिक व सामाजिक संगठन हैं जिनमें आर्यसमाज एक प्रमुख व अग्रणीय संगठन है। यदि इतिहास व अवधि के आधार पर देखें तो आर्यसमाज अन्य संगठनों की तुलना में अर्वाचीन है। आर्यसमाज की स्थापना 141 वर्ष पूर्व गुजरात के टंकारा […] Read more » आर्यसमाज आर्यसमाज के 141 वें स्थापनादिवस देश धार्मिक योगदान शिक्षा सामाजिक स्वतन्त्रता
धर्म-अध्यात्म अक्षय तृतीया का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व April 20, 2015 / April 21, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment -मृत्युंजय दीक्षित- 21 अप्रैल पर विशेषः- हिंदू धर्मों में पर्वों की एक महान श्रृंखला है जिसके अंतर्गत वैषाख माह की षुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। अक्षय तृतीया का पर्वों में अद्वितीय स्थान है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मान्यता है कि इसदिन जो भी कार्य मिलते हैं उनका अक्षय […] Read more » Featured अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व धार्मिक सांस्कृतिक महत्व
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज ‘न भूतो न भविष्यति’ एक वैश्विक धार्मिक सामाजिक संस्था April 10, 2015 / April 11, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on आर्यसमाज ‘न भूतो न भविष्यति’ एक वैश्विक धार्मिक सामाजिक संस्था आर्य समाज की स्थापना आज से 140 वर्ष पूर्व 10 अप्रैल, 2015 को मुम्बई में महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने की थी। महर्षि दयानन्द महाभारत के बाद वेदों के प्रथम शीर्षस्थ ऐसे विद्वान थे जिनकों वेदों के सत्य अर्थ करने की योग्यता प्राप्त थी। महाभारत के पश्चात विगत 5,000 वर्षों में महर्षि दयानन्द जैसा दूसरा […] Read more » Featured आर्यसमाज आर्यसमाज ‘न भूतो न भविष्यति’ एक वैश्विक धार्मिक सामाजिक संस्था धार्मिक मनमोहन कुमार आर्य वैश्विक सामाजिक संस्था