शख्सियत रजनी कोठारी:- भारतीय राजनीति के सिद्धांतकार January 28, 2015 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस “भारतीय समाज में जाति के विरोध की राजनीति तो हो सकती है, लेकिन जाति के बग़ैर नहीं। और राजनीति में जाति के निशान इसलिए दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि हमारे समाज में जाति का ठप्पा हर चीज़ पर है।” यह सब कुछ उन्होंने उस समय कहा था जब राजनीति विज्ञान के विश्लेषणों में […] Read more » भारतीय राजनीति रजनी कोठारी
राजनीति सरकारी आयोजन पर राजनीति का लेप दुर्भाग्यपूर्ण August 21, 2014 by निर्मल रानी | 1 Comment on सरकारी आयोजन पर राजनीति का लेप दुर्भाग्यपूर्ण -निर्मल रानी– भारतीय राजनीति में नैतिकता तथा शिष्टाचार का दिन-प्रतिदिन तेज़ी से ह्रास होता जा रहा है। राजनेताओं द्वारा एक-दूसरे के ऊपर तीखे से तीखे शब्दबाण छोड़े जाने लगे हैं। प्रत्येक राजनैतिक दल अपने विरोधी दलों के नेताओं को अपमानित व बदनाम करने के लिए कोई भी हथकंडे अपनाने के लिए तैयार बैठा है। और […] Read more » भारतीय राजनीति राजनीति सरकारी आयोजन
राजनीति परिवार का समाजवाद…! August 20, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- भारतीय राजनीति में कांग्रेस के स्वर्णकाल के दौरान विभिन्न नामों के साथ कांग्रेस जोड़ कर दर्जनों नई पार्टियां बनी। 1997 में भी इसी तरह एक पार्टी बनी। जिसका नाम था तृणमूल कांग्रेस। पहले नाम को लेकर लोगों में भ्रम रहा। फिर समझ में आया कि तृणमूल कांग्रेस का मतलब है जिसका मूल […] Read more » परिवार का समाजवाद भारतीय राजनीति मुलायम सिंह शिवपाल सिंह
राजनीति राजनीति के हमाम में सारे ‘ नंग-धड़ंग संग हैं ’ August 4, 2014 / August 4, 2014 by आलोक कुमार | 1 Comment on राजनीति के हमाम में सारे ‘ नंग-धड़ंग संग हैं ’ -आलोक कुमार- आजादी के 67 सालों पश्चात हमारे देश में कितना कुछ बदल गया है, समाज, विचार, रहन-सहन, आबोहवा, राजनीति सभी में बदलाव आया है। बस, नहीं बदला, तो हमारे जनप्रतिनिधियों का रवैया या यूँ कहें कि हमारे जनप्रतिनिधि बदलना ही नहीं चाहते। उनका स्वहित आज भी उतना ही सर्वोपरि है,जितना पहले हुआ करता था। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले […] Read more » भारतीय राजनीति राजनीति राजनीतिक पेच
राजनीति भारत में अवतारवादी राजनीति -एक खतरा August 1, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -सुधीर तालियान- लोकतंत्र शासन का उच्चतम मानदंड कहा जाता है। यह पद्धति विश्व में अत्यंत स्वीकार्य पद्धति के रूप में विकसित हुई है। भारत एक सामाजिक विविधता वाला देश है। इस देश में लोकतान्त्रिक राजनीति ही उत्तम है। लेकिन लोकतांत्रिक राजनीति के दो आयाम होते है। जहाँ ये अधिकतम लोगो की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित […] Read more » भारत में अवतारवादी राजनीति भारतीय राजनीति
राजनीति खानदान का, खानदान द्वारा, खानदान के लिए July 23, 2014 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment -वीरेन्द्र सिंह परिहार- अभी गत दिनों पूर्व सांसद एवं म.प्र. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुफराने आजम ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दस साल में न तो भाषण देना सीख पाए और न ही राजनैतिक सोच विकसित कर पाए। उन्होंने कहा कि राहुल किसी भी दृष्टि से राजनीति में फिट नहीं है। तभी तो […] Read more » कांग्रेस खानदान का खानदान के लिए खानदान द्वारा भारतीय राजनीति राहुल गांधी
राजनीति सबका हाथ, सबका साथ और सबका विकास June 21, 2014 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्या- भारत के संविधान की मूल भावना के साथ हमारे राजनीतिज्ञों ने निहित स्वार्थों में निर्लज्जता की सीमा तक छेड़छाड़ की है। संविधान नहीं चाहता कि देश में किसी गरीब को सरकारी संरक्षण से केवल इसलिए वंचित होना पड़े कि वह किसी अगड़ी या सवर्ण जाति का है, लेकिन व्यवहार में कितने ही […] Read more » भारतीय राजनीति सबका विकास सबका साथ सबका हाथ
व्यंग्य पप्पू को अब भी समझ में नहीं आ रहा है… June 14, 2014 by वीरेंदर परिहार | 2 Comments on पप्पू को अब भी समझ में नहीं आ रहा है… -वीरेन्द्र सिंह परिहार- गत 12 जून को राहुल गांधी लोक सभा में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों से यह पूछते देखे गये कि सोलहवीं लोकसभा में बीजेपी को इतनी भारी जीत क्यों मिली। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि भाजपा के उभार की वजह क्या है? साम्प्रदायिक माहौल के बावजूद उत्तर प्रदेश से एक भी […] Read more » पप्पू भारतीय राजनीति राहुल गांधी
परिचर्चा धर्म, हिंसा और आतंक June 9, 2014 / June 9, 2014 by बीनू भटनागर | 3 Comments on धर्म, हिंसा और आतंक -बीनू भटनागर- मैंने पुणे के एक युवक की पीट-पीट कर हत्या होने पर आक्रोश प्रकट किया, तो मुझे याद दिलाया गया कि कश्मीर से पंडितों के विस्थापित होने पर या हिंदुओं पर मुसलमानों द्वारा हिंसा होने पर मुझे ये आक्रोश क्यों नहीं आया था। यदि पुणे का युवक मोहसिन न होकर मुद्रित होता तो भी […] Read more » आतंक धर्म भारतीय राजनीति हिंसा
विविधा करोड़ों भारतीयों की पीड़ा का तारणहार कौन? June 5, 2014 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment -विनोद कुमार सर्वोदय- राष्ट्र के विभाजन व संविधान निर्माण के दौरान हुई त्रुटियों और पिछले 65 वर्षों से राजनेताओं की अल्पंसख्यकों पर केन्द्रित राजनीति व राष्ट्रनीति की दादागिरी से पोषित अति मुस्लिमवाद के कारण न्याय की निरंतर हत्या और मुस्लिम जनता की हिंसक मानसिकता को बढ़ावा मिलने से भारत का भूमिपुत्र समाज तिलमिला उठा उसका […] Read more » भारत भारतीय भारतीय राजनीति
राजनीति परिवारवाद और अवसरवादी राजनीति के यह सफल खिलाड़ी June 1, 2014 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment -तनवीर जाफ़री- नेहरू-गांधी परिवार, कांग्रेस पार्टी व इनके द्वारा देश की राजनीति पर एक छत्र राज किए जाने को कोसते-कोसते भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आ गई। कांग्रेस व यूपीए के विरोधी दलों द्वारा पिछले लोकसभा चुनावी अभियान में सोनिया गांधी व राहुल गांधी पर ही सब से अधिक निशाना साधा गया। एक परिवार की […] Read more » अवसरवाद परिवारवाद भारतीय राजनीति राजनीति दूषित
राजनीति पथ से भटकी भारतीय राजनीति August 30, 2009 / December 27, 2011 by डा. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर | 1 Comment on पथ से भटकी भारतीय राजनीति देश का नेता कैसा हो? फलां जी के जैसा हो। इस तरह के नारे चुनाव के समय बहुतायत रूप में सुनाई देते हैं। तब लगता है कि जिस नेता को हम अपने देश की सत्ता देने जा रहे हैं वह हमारे लिए कुछ विशेष करेगा। चुनाव के बाद एकाएक तस्वीर बदल जाती है। सत्तासीन होने के बाद सत्ता […] Read more » Indian Politics भारतीय राजनीति