धर्म-अध्यात्म कर्तव्य पालन व परोपकार सहित कामनाओं की पूर्ति यज्ञ से होती है January 28, 2021 / January 28, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसके द्वारा हर क्षण वायु को प्रदूषित किया जाता है। वायु ही नहीं अपितु मनुष्य जिस स्थान पर रहता वहां भी अस्वच्छता व अपवित्रता उत्पन्न होती रहती है जिसे अनेक प्रकार से स्वच्छ व पवित्र किया जाता है। वायु मुख्यतः मनुष्य के श्वास लेने से अपवित्र होती है। […] Read more » including duty and benevolence Yajna is fulfilled by the duties यज्ञ
धर्म-अध्यात्म यज्ञ करने से मनुष्य को सुख प्राप्ति सहित कामनाओं की पूर्ति होती है November 3, 2020 / November 3, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ वेदों से प्राप्त हुआ एक शब्द है। इसका अर्थ होता है श्रेष्ठ व उत्तम कर्म। श्रेष्ठ कर्म वह होता है जिससे किसी को किसी प्रकार की हानि न हो अपितु दूसरों व स्वयं को भी अनेक लाभ हो। यज्ञ से जैसा लाभ होता है वैसा अन्य किसी कार्य से नहीं […] Read more » Yajna fulfills wishes including happiness for man यज्ञ
धर्म-अध्यात्म यज्ञ द्वारा जीवन की सफलता शुद्ध सामग्री एवं व्यवहार से ही सम्भव December 17, 2019 / December 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म ही एक मात्र ऐसा धर्म है जिसके पास परमात्मा का सृष्टि के आरम्भ में दिया हुआ वेद ज्ञान उपलब्ध है। सृष्टि की उत्पत्ति 1.96 अरब वर्ष पूर्व तिब्बत में हुई थी। परमात्मा ने प्रथम बार अमैथुनी सृष्टि करके स्त्री व पुरुषों को युवावस्था में उत्पन्न किया था। यह मान्यता […] Read more » यज्ञ
धर्म-अध्यात्म “यज्ञ-स्वाध्याय-सत्संग आदि के प्रेरक महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ” December 11, 2018 / December 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महात्मा दयाननन्द जी वानप्रस्थ वैदिक साधन आश्रम तपोवन में दीर्घकाल तक रहे और यहां रहकर साधकों को साधना का प्रशिक्षण देने के साथ यज्ञ, प्रवचन, स्वाध्याय, चिन्तन एवं ध्यान आदि कराते रहे। हमें यहां सन् 1970 के बाद से उनके दर्शन होते रहे। वह यहां समय-समय पर जो यज्ञ कराते […] Read more » “यज्ञ-स्वाध्याय-सत्संग आदि के प्रेरक महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ” ईश्वर भक्ति यज्ञ स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म सर्वश्रेष्ठ क्यों है?” October 19, 2018 / October 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, संसार में अनेक मत मतान्तर प्रचलित हैं। सभी अपने आप को मत, पन्थ आदि न कह कर ‘‘धर्म” कहते हैं। क्या यह सभी धर्म हैं? यदि ये सभी धर्म होते तो इनकी सभी मान्यतायें, सिद्धान्त व परम्परायें एक समान होती व सत्य होती। जल का जो धर्म है वह उसका तरल होना, […] Read more » “वैदिक धर्म सर्वश्रेष्ठ क्यों है?” ईश्वर उपासना परोपकार पुरुषार्थ प्रार्थना यज्ञ स्तुति
धर्म-अध्यात्म “सृष्टि को बनाने व पालन करने वाला ईश्वर कैसा है?” September 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम इस संसार में उत्पन्न हुए और जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जन्म के समय हमने जब पहली बार आंखे खोली तो हमें अपनी माता, कुछ अन्य लोग व पिता के दर्शन हुए थे। तब हम कुछ जानते व समझते नहीं थे। कुछ समय बाद जब हमें घर से बाहर लाया गया […] Read more » चिन्तन-मनन ध्यान यज्ञ सन्ध्योपासना स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ September 5, 2018 by मनमोहन सिंह | 1 Comment on ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ मनमोहन कुमार आर्य, मैं कौन हूं और मेरा परिचय क्या है? यह प्रश्न सभी को अपने आप से पूछना चाहिये और इसका युक्तिसंगत व सन्तोषजनक उत्तर जानने का प्रयत्न करना चाहिये। यदि आप इसका उत्तर नहीं जानते तो आपको इसकी खोज करनी चाहिये। विद्वानो से आत्मा विषयक ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश व उपनिषद, दर्शन […] Read more » ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ Featured अवतार ईश्वर-पुत्र ईश्वर ईश्वरोपासना ऋषि दयानन्द दान दीन-दुखियों परोपकार महापुरुष यज्ञ सत्यार्थप्रकाश संदेशवाहक स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्मी सभी बुराईयों से मुक्त अनुशासित,बलवान, क्षमतावान व देशभक्त होते हैं’ July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक धर्मी का अर्थ होता है कि ईश्वरीय ज्ञान वेद को जानने वाला व उसकी शिक्षाओं को मन, वचन व कर्म से अपने जीवन में धारण व पालन करने वाला। वेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा द्वारा मनुष्यों को अपने कर्तव्य व अकर्तव्यों की पूर्ति का ज्ञान कराने के लिए प्रदान […] Read more » Featured अभक्ष्य पदार्थों का सर्वथा त्याग क्षमतावान व देशभक्त होते हैं’ गोघृत गोदुग्ध दधि पौष्टिक भोजन फल बलवान यज्ञ वैदिक धर्मी सभी बुराईयों से मुक्त अनुशासित शुद्ध अन्न सोच
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द का ‘स्वमन्तव्यामन्तव्यप्रकाश’ गागर में सागर” May 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment “ऋषि दयानन्द का ‘स्वमन्तव्यामन्तव्यप्रकाश’ गागर में सागर” -मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ संसार में सुविख्यात ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में ऋषि दयानन्द ने संसार में विद्यमान पदार्थों के सत्य स्वरूप का प्रकाश किया है। यह ग्रन्थ चौदह समुल्लासों में है। प्रथम दस समुल्लास ग्रन्थ पूर्वाद्ध कहलाते हैं और बाद के चार समुल्लास […] Read more » Featured अर्थ-अनर्थ आचार्य आर्य-दस्यु आर्यावर्त्त व आर्य उपाध्याय काम गुरु तीर्थ देव-असुर-राक्षस-पिशाच देवपूजा न्यायकारी पुराण पुरुषार्थ प्रारब्ध से बड़ा पुरोहित प्रजा बन्ध मनुष्य मुक्ति मुक्ति के साधन यज्ञ राजा वर्णाश्रम शिक्षा शिष्टाचार शिष्य सकर्तृक संस्कार
धर्म-अध्यात्म गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-88 April 11, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  गीता का सत्रहवां अध्याय अन्त में श्रीकृष्णजी तामसिक यज्ञ पर आते हैं। वे कहने लगे हैं कि जो यज्ञ विधिहीन है, जिसमें अन्नदान नहीं किया जाता, जिसमें मंत्र का विधिवत और सम्यक पाठ भी नहीं होता और ना ही कोई दक्षिणा दी जाती है, वह तामस यज्ञ कहलाता है। इस प्रकार […] Read more » Featured आत्मसंयम गुरूओं तामसिक यज्ञ देवताओं ब्राह्मणों मौन यज्ञ श्रीकृष्णजी साम्यता
धर्म-अध्यात्म गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-87 April 11, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का सत्रहवां अध्याय श्रीकृष्ण जी कह रहे हैं कि संसार में कई लोग ऐसे भी होते हैं जो कि दम्भी और अहंकारी होते हैं। ऐसे लोग अन्धश्रद्घा वाले होते हैं और शारीरिक कष्ट उठाने को ही मान लेते हैं कि इसी प्रकार भगवान की प्राप्ति हो जाएगी। यद्यपि ऐसे […] Read more » Featured अर्जुन ऐषणाओं यज्ञ वैभव-ऐश्वर्य शरीर श्रीकृष्णजी
धर्म-अध्यात्म यज्ञ क्या और इसके करने से लाभ? July 13, 2017 / July 26, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म् मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ क्या है और इसे क्यों करना चाहिये? यज्ञ वैसे तो परोपकार के सभी कार्यों व शुभ कर्मों को कहते हैं परन्तु इसका मुख्य अर्थ देव पूजा, संगतिकरण और दान के लिए भी प्रयोग में आता है। देवपूजा का अर्थ है जड़ व चेतन दोनों प्रकार के देवों की पूजा करना। […] Read more » benefits of yagn यज्ञ