राजनीति लोकतंत्र तो आहत हुआ, सरकार भले बने November 28, 2019 / November 28, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – अपने अनूठी एवं विस्मयकारी राजनीतिक ताकत से शरद पवार ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की असमंजस्य एवं घनघोर धुंधलकों के बीच जिस तरह का आश्चर्यकारी वातावरण निर्मित किया, वह उनके राजनीतिक कौशल का अद्भुत उदाहरण है। महाराष्ट्र में राजनीतिक नाटक का जिस तरह पटाक्षेप हुआ है उससे यही सिद्ध हुआ है […] Read more » Democracy democracy hurted in maharashtra politics एनसीपी महाराष्ट्र में राजनीतिक नाटक राजनीतिक नफा-नुकसान लोकतंत्र शिवसेना शिवसेना कांग्रेस एवं एनसीपी
राजनीति भारत में है लोकतंत्र सर्वथा एक निरीह और असहाय प्राणी November 15, 2019 / November 15, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment यूं कहने को तो भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है परंतु वास्तविकता यह है कि भारत में लोकतंत्र कहीं पर भी नहीं है । जी हां , जो राजनीतिक पार्टियां लोकतंत्र लोकतंत्र का शोर मचाती हैं यदि उनकी भी चीर फाड़ की जाए तो पता चलता है कि लोकतंत्र तो उनके […] Read more » democracy in India लोकतंत्र
राजनीति लोकतंत्र लोक-सुख का है या लोक-दुःख का? November 5, 2019 / November 5, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:-देश के सामने हर दिन नयी-नयी समस्याएं खड़ी हो रही हैं, जो समस्याएं पहले से हैं उनके समाधान की तरफ एक कदम भी आगे नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि दूर होते जा रहे हैं। रोज नई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, कर रहे हैं। तब ऐसा लगता है कि पुरानी समस्याएं पृष्ठभूमि में […] Read more » लोकतंत्र लोकतंत्र लोक-दुःख लोकतंत्र लोक-सुख
राजनीति लोकतंत्र की बुनियादी पाठशाला को कुचलती सत्ता की समवेत सहमति September 26, 2019 by डॉ अजय खेमरिया | Leave a Comment डॉ अजय खेमरिया नीतीश कुमार,सुशील मोदी,के सामने तेजस्वी यादव क्यों बौने साबित हो रहे है ?क्या सिर्फ पीढ़ीगत अंतर के चलते?अरुण जेटली के बाद दिल्ली बीजेपी में शून्य सा क्यों है?क्यों मनोज तिवारी हल्के और प्रभावहीन दिखते है वहां?दिग्विजय सिंह की तरह मप्र की सियासत में पकड़ दूसरी पीढ़ी के कांग्रेस नेताओं की क्यों नही […] Read more » लोकतंत्र
राजनीति लोकतंत्र सिर्फ बड़ो का “खेल” नहीं है February 5, 2019 / February 5, 2019 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस लोकतंत्र का मतलब केवल चुनाव, सरकार के गठन या शासन से नहीं है. लोकतंत्र की परिभाषा इससे व्यापक है जिसमें राज्य, समाज और परिवार सहित हर प्रकार के समूह पर सामूहिक निर्णय का सिद्धांत लागू होता है. केवल राज्य के स्तर पर लोकतंत्र के लागू होने से हम लोकतान्त्रिक नहीं हो जायेंगें इसे […] Read more » voters young voters लोकतंत्र
समाज लोकतंत्र के महाकुंभ पर धुंधलके क्यों? January 28, 2019 / January 28, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्गअप्रैल-मई 2019 में संभावित लोकसभा चुनाव को देखते हुए अनेक प्रश्न खडे़ हैं, ये प्रश्न इसलिये खड़े हुए हैं क्योंकि महंगाई, बेरोजगारी, बेतहाशा बढ़ते डीजल-पेट्रोल के दाम, आदिवासी-दलित समाज की समस्याएं, भ्रष्टाचार आदि समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये। आज भी आम आदमी न सुखी बना, न समृद्ध। […] Read more » महाकुंभ लोकतंत्र
व्यंग्य अजीब है न लोकतंत्र का ई त्यौहार October 26, 2018 / October 26, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment अंकित कुंवर लोकतंत्र का बरसों पुराना त्यौहार नजदीक आ रहा है। यह त्यौहार सियासत के गलियारे में शामिल होने के लिए है। एक मौका है जिसपर चौका लगाना सबकी चाहत। अब तो समझो हम का कहना चाह रहें हैं। ई त्यौहार का नामकरण सोच समझकर फिक्स हुआ है। ‘चुनाव’ नाम है इसका। इस नाम का […] Read more » अजीब है न लोकतंत्र का ई त्यौहार कागज फोटो लोकतंत्र सोशल मीडिया
राजनीति मतदाता को मुखर होना होगा September 18, 2018 / September 18, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारतीय राजनीति की अनेक विसंगतियों एवं विषमता में एक बड़ी विसंगति यह है कि राजनेताओं सुविधानुसार अपनी ही परिभाषा गढ़ता रहा है। अपने स्वार्थ हेतु, प्रतिष्ठा हेतु, आंकड़ों की ओट में नेतृत्व झूठा श्रेय लेता रहा और भीड़ आरती उतारती रही। भारतीय लोकतंत्र की इस बड़ी विसंगति के कारण मतदाता या आम जनता […] Read more » चुनाव मतदाता को मुखर होना होगा मताधिकार . राष्ट्र लोकतंत्र
कविता नाज़ है हिंद पर September 15, 2018 by भारत भूषण | Leave a Comment भारत भूषण नाज़ है हिंद पर साज़ लोकतंत्र है ये चित्र चंचला बहुत धरा का प्रतिबिम्ब है नील नभ नई किरण आशा सी भोर ये शक्ति सी भर रही कुछ कह रही सुनो इसे खेत है हरा भरा हरियाली चहुंओर है उम्मीद से भरी बंधी ऐसे राजा का देश है बालिका इतरा रहीं लेगी जन्म […] Read more » नाज़ है हिंद पर प्रधान सेवक युगपुरूष लोकतंत्र
राजनीति केवल ”भारत बंद“ समाधान नहीं है September 10, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – पेट्रोल और डीजल के बढ़ते मूल्यों को लेकर आम जनता परेशान है, उसका दम-खम सांसें भरने लगा है, जीवन दुश्वार हो गया है और इन स्थितियों को लेकर राजनीतिक दलों यानी विपक्षी दलों का सक्रिय होना स्वाभाविक ही है। जब पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों के बावजूद केंद्र सरकार कोई […] Read more » कांग्रेस नरेन्द्र मोदी मुद्रा विनिमय लोकतंत्र
समाज ” जनता से जनमत मांगने के लिए रथ से उतरिए महारथी महोदय “ August 22, 2018 / August 23, 2018 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment विवेक कुमार पाठक सड़क पर चुनावी चल समारोह और रोड शो की राजनीति भी कम दिलचस्प नहीं। आखिर सड़क पर काफिले के साथ रथ पर हाथ हिलाते हुए राजनेता कैसे जान लेते हैं कि नीचे खड़े हजार लोग उनसे खुश हैं। पूरे रास्ते सड़क के दोनों ओर आगे पीछे मिलने वाले नर नारी उन्हें वोट […] Read more » ऑक्सीजन बिट्रिश हुकूमत राजाओं लोकतंत्र हाइवे और सड़क
राजनीति शिवराज की ‘किसान पुत्र’ की छवि को चोट पहुँचाने की रणनीति June 5, 2018 / June 5, 2018 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ‘यूएसपी’ है- किसान पुत्र की छवि। यह छवि सिर्फ राजनैतिक ही नहीं, अपितु वास्तविक है। शिवराज सिंह चौहान किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने खेतों में अपना जीवन बिताया है। इसलिए उनके संबंध में कहा जाता है कि वह खेती-किसानी के दर्द-मर्म और कठिनाइयों को भली प्रकार समझते […] Read more » Featured छवि को चोट पहुँचाने की रणनीति लोकतंत्र शिवराज की 'किसान पुत्र' समाज हिंसा भड़काने