धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने सभी मिथ्या आध्यात्मिक मान्यताओं एवं सभी सामाजिक बुराईयों का निवारण किया” November 8, 2018 / November 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द सर्वांगीण व्यक्तित्व के धनी थे। आध्यात्मिक दृष्टि से उन्हें देखें तो वह आध्यात्म व योग के ऋषि कोटि के विद्वान थे। उनके सामाजिक योगदान पर दृष्टि डालते हैं तो वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एक या दो सामाजिक दोषों पर ध्यान नहीं दिया अपितु सभी सामाजिक बुराईयों का उन्मूलन […] Read more » अध्यात्म आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द जीवात्मा ज्ञान पंचमहायज्ञविधि प्रकृति योग सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ‘दिल्ली के पूर्व पुलिस डिपूटी कमिश्नर ऋषिभक्त श्री ज्ञानेन्द्र अवाना का गुरुकुल पौंधा का भ्रमण एवं ब्रह्मचारियों को सम्बोधन’ September 18, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ‘दिल्ली के पूर्व पुलिस डिपूटी कमिश्नर ऋषिभक्त श्री ज्ञानेन्द्र अवाना का गुरुकुल पौंधा का भ्रमण एवं ब्रह्मचारियों को सम्बोधन’ मनमोहन कुमार आर्य, कल हमारी ऋषिभक्त श्री ज्ञानेन्द्र अवाना जी से देहरादून के प्रसिद्ध गुरुकुल में भेंट हुई। श्री ज्ञानेन्द्र जी दिल्ली पुलिस विभाग में डिपूटी कमिश्नर रहे हैं। वह 1 अगस्त, 2018 को वह सेवानिवृत हुए। कल फेसबुक पर उनका मैसेज मिला की वह देहरादून में हैं और मिलना चाहते हैं। सायं चार बजे […] Read more » आचार्य धनंजय डाॅ. धनंजय बायोमेट्रिक महर्षि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ‘सत्यार्थ प्रकाश के प्रचार में शिथिलतायें दूर होनी चाहियें’ September 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश एक ऐसा ग्रन्थ रचा है जो ‘भूतो न भविष्यति’ कथन को सार्थक सिद्ध करता है। ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना की थी जिसका उद्देश्य वेदों का प्रचार व प्रसार करना था। सत्यार्थप्रकाश वेदों के प्रचार व प्रसार का सबसे अधिक सशक्त माध्यम है। सत्यार्थप्रकाश का प्रचार और […] Read more » ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्य ऋषि दयानन्द जीवात्मा सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “मोक्ष प्राप्ति तक मनुष्य जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त नहीं हो सकता” September 12, 2018 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on “मोक्ष प्राप्ति तक मनुष्य जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त नहीं हो सकता” मनमोहन कुमार आर्य, हम मनुष्य हैं और हमारा जन्म हुआ है। श्रीमद्भगवद्-गीता का प्रसिद्ध वचन है ‘जातस्य हि ध्रुवो मृत्यु धु्रवं जन्म मृतस्य च’ अर्थात् जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है और जिसकी मृत्यु होती है उसका पुनर्जन्म भी निश्चित है। इस सत्य वेदोक्त सिद्धान्त के अनुसार हम सब की भी भविष्य में […] Read more » ईश्वर मनुष्य महर्षि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ September 5, 2018 by मनमोहन सिंह | 1 Comment on ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ मनमोहन कुमार आर्य, मैं कौन हूं और मेरा परिचय क्या है? यह प्रश्न सभी को अपने आप से पूछना चाहिये और इसका युक्तिसंगत व सन्तोषजनक उत्तर जानने का प्रयत्न करना चाहिये। यदि आप इसका उत्तर नहीं जानते तो आपको इसकी खोज करनी चाहिये। विद्वानो से आत्मा विषयक ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश व उपनिषद, दर्शन […] Read more » ‘जीवात्मा विषयक कुछ रहस्यों पर विचार’ Featured अवतार ईश्वर-पुत्र ईश्वर ईश्वरोपासना ऋषि दयानन्द दान दीन-दुखियों परोपकार महापुरुष यज्ञ सत्यार्थप्रकाश संदेशवाहक स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ‘ईश्वर, माता-पिता और आचार्य का जीवन में सर्वोपरि स्थान’ August 31, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य जीवन में सबसे महत्वपूर्ण क्या व कौन है, इसका विचार करने पर जो उत्तर मिलता है वह यह कि हमें अपने शरीर व स्वास्थ्य का ध्यान रखना है। इस शरीर को आसन-प्राणायाम-व्यायाम तथा आहार-निद्रा-ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए स्वस्थ रखना है। मनुष्य जीवन में सबसे महत्वपूर्ण ईश्वर है और उसके बाद […] Read more » Featured आर्याभिविनय ईश्वर उत्तम स्वास्थ्य ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ओषधि जीवात्मा धन एवं समृद्धि वस्त्र सत्यार्थप्रकाश सुख सृष्टि सेवा
धर्म-अध्यात्म ‘ऋषि दयानन्द ने देश और धर्म की रक्षा के लिए ही आर्यसमाज बनाया’ August 22, 2018 / August 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 ई. को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। आर्यसमाज की स्थापना का कारण वैदिक धर्म एवं संस्कृति सहित देश की रक्षा करना था। यह सुविदित है कि प्राचीन वैदिक सनातन धर्म में महाभारत व उसके बाद विकृतियां आनी आरम्भ हो गईं थीं। इसका कारण महाभारत […] Read more » Featured आर्यसमाज आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द धर्म की रक्षा सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” August 21, 2018 / August 21, 2018 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” मनमोहन कुमार आर्य, सत्यार्थप्रकाश कोई सामान्य ग्रन्थ न होकर वैदिक धर्मियों का धर्मग्रन्थ है जिसका आधार वेद और वेद की निर्भ्रान्त सत्य मान्यतायें एवं सिद्धान्त हैं। हम सत्यार्थप्रकाश को धर्म ग्रन्थ इस लिये कह रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति वेदों का अध्ययन कर उससे वह लाभ नहीं उठा सकता जो सत्यार्थप्रकाश से प्राप्त होता है। […] Read more » Featured अज्ञान अन्धविश्वास ईश्वर ऋषि दयानन्द गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती पाखण्ड सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “चलो, स्वाध्याय करें” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमारा जहां तक ज्ञान है उसके अनुसार संसार में केवल वैदिक मत ही एकमात्र ऐसा धर्म वा मत है जहां प्रत्येक मनुष्य को वेद आदि सद्ग्रन्थों के स्वाध्याय को नित्य कर्तव्य कर्मों से जोड़ा गया है। वैदिक काल में प्रमुख ग्रन्थ ‘चार वेद’ थे और आज भी संसार के साहित्य में चार […] Read more » Featured अनेक वैदिक अपूर्व ग्रन्थों सत्यार्थप्रकाश आर्याभिविनय उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्य ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द चलो दर्शन भाष्यकार मनुस्मृति महाभारत रामायण वेदभाष्य सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि स्वाध्याय करें”
धर्म-अध्यात्म “हम ईश्वर के गुणों का साक्षात्कार कर उससे लाभ उठा सकते हैं” July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम अपने परिवार, मित्र मण्डली तथा पड़ोसी आदि अनेक लोगों को जानते हैं। हम से कोई पूछे कि क्या अमुक व्यक्ति को आप जानते हैं तो हमारा उत्तर होता है कि हां, हम उसे जानते हैं। हमारा यह उत्तर पूर्ण सत्य नहीं होता। हम न तो किसी मनुष्य के सभी गुणों को […] Read more » “हम ईश्वर के गुणों का साक्षात्कार कर उससे लाभ उठा सकते हैं” Featured आर्याभिविनय ईश्वर उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका गोकरुणानिधि चेतन ज्ञानवान् दर्शन व वेद निराकार व इंद्रियों से अगोचर पंचमहायज्ञविधि व्यापक सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि
धर्म-अध्यात्म “माता-पिता की नित्य सेवा करना सन्तान का धर्म वा पितृ-यज्ञ है” July 12, 2018 / July 12, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य के जीवन में ईश्वर के बाद माता-पिता का सबसे अधिक महत्व है। इसके बाद जिन लोगों का महत्व है उनमें हमारे आचार्य, गुरु व उपाध्याय आते हैं जिनसे हम ज्ञान, विज्ञान व अनेक विद्याओं का अध्ययन करते व सीखते हैं। यदि दुर्भाग्य से कोई मनुष्य अपने माता-पिता आदि देवताओं के […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द ज्ञान भाषा मनुष्य माता पिता विज्ञान व्याकरण सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ‘आर्यसमाज की पुरानी पीढ़ी के यशस्वी शीर्ष भजनोपदेशक June 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आजकल श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून का वार्षिकोत्सव चल रहा है। यह उत्सव 3 जून, 2018 को समाप्त होगा। इस गुरुकुल पौन्धा की स्थापना आर्यजगत के विख्यात संन्यासी स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने 18 वर्ष पूर्व सन् 2000 में की थी। श्री ओम् प्रकाश वम्र्मा, युमनानगर स्वामी जी के साथी व सहयोगी […] Read more » Featured ऋषि दयानन्द डा. सोमदेव शास्त्री नवीन वेदान्त ब्रह्म-समाज सत्यार्थप्रकाश स्वामी शंकराचार्य