धर्म-अध्यात्म “ईश्वर का वेद वर्णित सत्य स्वरूप और उसके गुण-कर्म-स्वभाव” December 15, 2018 / December 15, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार के सभी आस्तिक मत ईश्वर की सत्ता को मानते हैं परन्तु सब ईश्वर के स्वरूप और उसके गुण, कर्म व स्वभाव को लेकर एक मत नहीं हैं। यदि एक मत होते तो फिर संसार में भिन्न-2 मत-मतान्तर न होते। आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती ने ईश्वर के सत्यस्वरूप का अनुसंधान […] Read more » अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर दयालु नित्य निर्विकार न्यायकारी सर्वव्यापक सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर-मनुष्य संबंध व्याप्य-व्यापक, स्वामी-सेवक और पिता-पुत्र का है” October 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ईश्वर इस संसार की रचना करने वाले, पालन करने वाले तथा सृष्टि की अवधि पूरी होने पर इसकी प्रलय करने वाली सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, सर्वव्यापक, सर्वज्ञ, अजन्मा, नित्य व अविनाशी सत्ता को कहते हैं। मनुष्य का आत्मा एक अल्प परिमाण, चेतन, अल्पज्ञ, अनुत्पन्न, नित्य, अविनाशी, कर्म-फल के बन्धनों में आबद्ध, कर्मानुसार […] Read more » अजर अनन्त अनादि अनुत्पन्न वा अजन्मा अनुपम अभय दयालु निराकार निर्विकार पवित्र व सृष्टिकर्ता अविनाशी सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म समय-समय पर आर्यसमाज के नियम पढ़ना व समझना तथा उन्हें जीवन उतारना आवश्यक’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज की स्थापना महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में की थी। स्थापना का मुख्य उद्देश्य वेदों, वैदिक धर्म व संस्कृति का प्रचार व प्रसार करना था। आर्यसमाज के 10 नियम हैं जिन्हें आसानी से कुछ घंटे के परिश्रम से स्मरण किया जा सकता है। आर्यसमाज में […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर आर्यसमाज ईश्वर सच्चिदानन्द-स्वरूप दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र महर्षि दयानन्द सरस्वती श्री कृष्ण सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म “देश व विश्व से क्या कभी धर्म विषयक अविद्या दूर होगी?” August 16, 2018 / August 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आज का युग ज्ञान व विज्ञान का युग है। ज्ञान व विज्ञान दिन प्रतिदिन उन्नति कर रहे हैं। मनुष्यों का ज्ञान निरन्तर बढ़ रहा है परन्तु जब सत्य धर्म की बात करते हैं तो हमें दो प्रकार के मत मुख्यतः ज्ञात होते हैं। एक ईश्वर व आत्मा नामी चेतन पदार्थों को मानने […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप घ्राण जिह्वा त्वचा दयालु नित्य निराकार निर्विकार नेत्र न्यायकारी पवित्र पांच ज्ञानेन्द्रियां वाक् पांद श्रोत्र सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सूक्ष्मभूत हस्त
धर्म-अध्यात्म ‘ईश्वर का ध्यान करने से दुःखों की निवृत्ति होती है’ July 31, 2018 / July 31, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, वेद और योग-दर्शन सभी मनुष्यों को ईश्वर का ज्ञान कराकर उन्हें ईश्वर की उपासना का सन्देश देते हैं। ईश्वर का ज्ञान व ध्यान करना क्यों आवश्यक है? इसका उत्तर है कि मनुष्य को सृष्टि में विद्यमान सभी सत्तावान पदार्थों का ज्ञान होने से हानि कुछ नहीं अपितु उनसे लाभ होता है। हम […] Read more » ‘ईश्वर का ध्यान करने से दुःखों की निवृत्ति होती है’ Featured अजन्मा अजर अनुपम अभय अमर ज्ञान दयालु दृष्टि से अगोचर निराकार निर्विकार न्यायकारी व्याप्य सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सुख व दुख सुख व श्रेष्ठ कर्म सूक्ष्म
धर्म-अध्यात्म “धार्मिक व सामाजिक अंधविश्वास व पाखण्डों का कारण अविद्या है” July 26, 2018 / July 26, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हमारे देश में अनेक प्रकार के धार्मिक व सामाजिक अन्धविश्वास एवं पाखण्ड प्रचलित हैं। इन अन्धविश्वास एवं पाखण्डों का कारण देश में प्रचलित सभी मत-मतान्तरों की अविद्या है। इस अविद्या के कारण अनेक प्रकार की कुरीतियां भी प्रचलित हैं और सामाजिक विद्वेष उत्पन्न होने सहित किन्हीं दो समुदायों में हिंसा भी होती […] Read more » ‘‘ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप “धार्मिक व सामाजिक अंधविश्वास Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ईसाई व मुसलमानों जैन दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र पाखण्डों का कारण अविद्या है बौद्ध सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है, क्यों व कैसे?” July 25, 2018 / July 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम पृथिवी पर रहते हैं जिसका एक चन्द्रमा है और सुदूर एक सूर्य है जिससे हमें प्रकाश व गर्मी मिलती है। विज्ञान से सिद्ध हो चुका है कि सूर्य अपनी धूरी पर गति करता है और अन्य सभी ग्रह व उपग्रहों को भी गति देता है। पृथिवी अपनी धूरी पर घूमती […] Read more » ‘ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ऋषि दयानन्द क्यों व कैसे?” चन्द्र दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र पृथिवी प्रकृति सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सूर्य
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर स्थूल न होकर सूक्ष्मतम होने के कारण आंखों से दीखता नहीं है” July 14, 2018 / July 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमें किसी बात को सिद्ध करना हो तो हमें लिखित व दृश्य प्रमाण देने होते हैं। ईश्वर है या नहीं, इसका लिखित प्रमाण हमारे पास वेद के रुप में विद्यमान है। वेद ईश्वरीय ज्ञान है अर्थात् वेद ईश्वरप्रोक्त व ईश्वर के कहे हुए हैं। वेदों का ज्ञान ईश्वर से मनुष्यों तक कैसे […] Read more » “ईश्वर स्थूल न होकर सूक्ष्मतम होने के कारण आंखों से दीखता नहीं है” Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म पूजा क्या, किसकी, कैसे व क्यों करें? April 9, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जानता है कि वह अपूर्ण हैं। उसे अपने कार्यों को पूरा करने में दूसरे मनुष्यों की सहायता लेनी पड़ती है। कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जहां मनुष्यों की सहायता से काम नहीं चलता क्योंकि मनुष्य वह कार्य नहीं कर सकते जिसकी हमें अपेक्षा होती है। ऐसा देखा गया है कि […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर आचार्य दयालु निराकार निर्विकार न्यायकारी परिवार व समाज पिता मनुष्य माता सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सृष्टिकर्ता