राजनीति हिंसा से बढ़ता सामाजिक अलगाव एवं अकेलापन October 16, 2019 / October 16, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग आज देश ही नहीं, दुनिया में हिंसा, युद्ध एवं आक्रामकता का बोलबाला है। जब इस तरह की अमानवीय एवं क्रूर स्थितियां समग्रता से होती है तो उसका समाधान भी समग्रता से ही खोजना पड़ता है। हिंसक परिस्थितियां एवं मानसिकताएं जब प्रबल हैं तो अहिंसा का मूल्य स्वयं बढ़ जाता है। हिंसा किसी भी […] Read more » अकेलापन हिंसा हिंसा से बढ़ता सामाजिक अलगाव
समाज घर में ही नहीं, घट में भी दीये जलें October 17, 2018 / October 17, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- हम हर वर्ष दीपावली मनाते हैं। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति का गौरव है, क्योंकि दीपावली रोशनी का पर्व है और दीया प्रकाश का प्रतीक है और तमस को दूर करता है। इस त्यौहार का न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृृतिक, भौतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व है। भगवान महावीर का निर्वाण […] Read more » अनैतिकता आतंकवाद इंद्रियों ओजोन घट में भी दीये जलें घर में ही नहीं प्रदूषण भय भ्रष्टाचार हिंसा
समाज दशहरा है शक्ति की साधना का पर्व October 14, 2018 / October 14, 2018 by ललित गर्ग | 2 Comments on दशहरा है शक्ति की साधना का पर्व -ललित गर्ग- दशहरा-विजयदशमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। आश्विन शुक्ल दशमी को यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक प्रतीक पर्व है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो, इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। भगवान राम ने इसी […] Read more » अहंकार आलस्य काम क्रोध तर्क हो दशहरा है शक्ति की साधना का पर्व न जल्दबाजी हो न सन्देह हो मत्सर मोह मद लोभ हिंसा
राजनीति अर्थव्यवस्था की सुनहरी होती तस्वीर September 3, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था है, जिसकी विकास गति ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। कृषि क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन एवं विनिर्माण के कारण चालु वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी ) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है जबकि इसी तिमाही […] Read more » Featured अर्थव्यवस्था की सुनहरी होती तस्वीर आतंकवाद को गलाकाट प्रतिस्पर्धा द्वेष नफरत पेट्रोल-डीजल प्रांतीयता? नक्सलवाद लोभ सांप्रदायिकता को हिंसा
राजनीति समाज स्वतंत्रता को सार्थक दिशाएं देनी होगी August 4, 2018 / August 4, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- स्वतंत्रता के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा गया था। इस लिखावट का हार्द था कि हमारा भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न अमीर होगा, न कोई गरीब। सबके लिए शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और उन्नति के समान […] Read more » Featured आतंकवाद क्षेत्रीयवाद तथा धर्म जातिवाद न अमीर होगा न कोई गरीब न कोई मजदूर न कोई शोषित न मालिक होगा नक्सलवाद भारत भाषा राष्ट्र शोषक होगा स्वतंत्रता को सार्थक दिशाएं देनी होगी हिंसा
राजनीति पाक अवाम का चरमपंथियों को ठेंगा July 30, 2018 / July 30, 2018 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री – पाकिस्तान में गत् 25 जुलाई को हुए नेशनल असेंबली के चुनाव अपने-आप में बेहद महत्वपूर्ण रहे। इन चुनाव परिणामों ने जहां पाकिस्तानी अवाम के रुझान का संकेत दिया वहीं यह चुनाव भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण समझे जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के पनामा पेपर लीक्स मामले में जेल […] Read more » Featured आतंकवाद समर्थक व चरमपंथी कट्टरपंथी गरीबी व बेरोज़गारी जातिवाद पाक अवाम का चरमपंथियों को ठेंगा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ सईद का पुत्र हािफज़ तल्हा सईद व एक ख़ालिद वलीद सांप्रदायिकता हिंसा
समाज अच्छाई को जीने के लिये तैयारी चाहिए July 2, 2018 / July 2, 2018 by ललित गर्ग | 1 Comment on अच्छाई को जीने के लिये तैयारी चाहिए – ललित गर्ग – अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि दुनिया एक बेहद खतरनाक जगह है। उन लोगों की वजह से नहीं, जो बुरा करते हैं, बल्कि लोगों के कारण जो कुछ नहीं करते।’ अब तो इंसान ही नहीं, बल्कि जानवर भी बदल रहे हैं, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले की पर्यावरणशास्त्री केटलिन गेनर इस पर […] Read more » Featured अच्छाई को जीने के लिये तैयारी चाहिए आतंकवाद कष्ट डाॅक्टर भी नकली दवा भी नकली दानदाता भी नकली भिखारी भी नकली भ्रष्टाचार विपत्तियां हिंसा
राजनीति लाल आतंक का क्रूर चेहरा December 14, 2016 by अतुल तारे | Leave a Comment केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की इस बात से सौ फीसदी सहमत हुआ जा सकता है कि उनके खिलाफ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए विरोध प्रदर्शन के पीछे ‘संघ संस्कृति’ है। नि:संदेह यह संघ अर्थात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ही संस्कृति है, जो विचारों में घोर असहमति के बावजूद सामने वाले पक्ष को अपना मानती है। Read more » Featured केरल केरल में हिंसा केरल में हिंसा का दौर लाल आतंक का क्रूर चेहरा लाल हिंसा की षड्यंत्रपूर्वक योजनाबद्ध शुरुआत विजयन हिंसा
विविधा हिंसा क्यों चाहता है इस्लाम June 19, 2014 / October 8, 2014 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment -सुरेश हिन्दुस्थानी- भारत के समाचार पत्रों में एक समाचार पढ़ने में आया कि कश्मीर को मुक्त कराने आ रहा है जिहादी संगठन अलकायदा। इस आतंककारी संगठन ने भारत के साथ साथ दुनिया के मुसलमानों से अपील की है कि अब हथियार उठाने का समय आ गया है। हथियार उठाने का सीधा सीधा तात्पर्य यह है […] Read more » इस्लाम इस्लाम में हिंसा क्यों हिंसा हिंसा क्यों
परिचर्चा धर्म, हिंसा और आतंक June 9, 2014 / June 9, 2014 by बीनू भटनागर | 3 Comments on धर्म, हिंसा और आतंक -बीनू भटनागर- मैंने पुणे के एक युवक की पीट-पीट कर हत्या होने पर आक्रोश प्रकट किया, तो मुझे याद दिलाया गया कि कश्मीर से पंडितों के विस्थापित होने पर या हिंदुओं पर मुसलमानों द्वारा हिंसा होने पर मुझे ये आक्रोश क्यों नहीं आया था। यदि पुणे का युवक मोहसिन न होकर मुद्रित होता तो भी […] Read more » आतंक धर्म भारतीय राजनीति हिंसा
विविधा अश्लीलता और हिंसा के पक्ष में खड़े ये लोग October 30, 2013 / October 30, 2013 by गिरीश पंकज | 4 Comments on अश्लीलता और हिंसा के पक्ष में खड़े ये लोग गिरीश पंकज इधर नए किस्म के भारतीय समाज में अश्लीलता और हिंसा के प्रति, एक वर्ग में स्वीकृति का भाव देखता हूँ तो हैरत होती है. हम जितने भी आधुनिक हो मगर अश्लीलता और हिंसा को महिमा मंडित नहीं कर सकते। लेकिन पिछले दिनों गांधी नगर के गुजरात केंद्रीय विश्व विद्यालय में हिंदी उपन्यास और […] Read more » अश्लीलता हिंसा
विविधा गोलियों के बीच फंसे हैं आदिवासी April 12, 2012 / September 8, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राजगोपाल पीवी प्राकृतिक संसाधन और आदिवासी संस्कृति से समृद्ध छत्तीसगढ़ को इस रूप में जानने की बजाए उसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में कहीं अधिक याद किया जाता है। विशेषकर बस्तर और उसके आसपास के क्षेत्रों से आपको नक्सलवाद से जुड़ी खबरों के अतिरिक्त कुछ और सुनने अथवा पढ़ने को नहीं मिलेगा। विकास की […] Read more » आदिवासी नक्सलवाद हिंसा