Tag: ईश्वर

धर्म-अध्यात्म

“सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा  जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना”

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मनमोहन कुमार आर्य, सत्यार्थप्रकाश कोई सामान्य ग्रन्थ न होकर वैदिक धर्मियों का धर्मग्रन्थ है जिसका आधार वेद और वेद की निर्भ्रान्त सत्य मान्यतायें एवं सिद्धान्त हैं। हम सत्यार्थप्रकाश को धर्म ग्रन्थ इस लिये कह रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति वेदों का अध्ययन कर उससे वह लाभ नहीं उठा सकता जो सत्यार्थप्रकाश से प्राप्त होता है। […]

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धर्म-अध्यात्म

“गृहस्थ आश्रम सुख का धाम कब होता है?”

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–मनमोहन कुमार आर्य,  हमें मनुष्य जीवन परमात्मा से मिलता है। हमारा परमात्मा सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सृष्टि का कर्ता, धर्त्ता व हर्त्ता है। संसार में तीन सत्तायें हैं जिन्हें ईश्वर, जीव व प्रकृति के नाम से जाना जाता है। तीनों सत्तायें अत्यन्त सूक्ष्म है। ईश्वर सर्वातिसूक्ष्म है। ईश्वर जीव व प्रकृति दोनों के भीतर विद्यमान […]

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धर्म-अध्यात्म

“ईश्वर हमें अन्धकार से हटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्राप्त कराये”

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–मनमोहन कुमार आर्य, जीवात्मा और परमात्मा का व्याप्य-व्यापक सम्बन्ध है। जीवात्मा में ईश्वर व्यापक है और जीवात्मा ईश्वर में व्याप्य है। सर्वव्यापक ईश्वर जीवात्मा से सूक्ष्म है और इसके भीतर भी व्यापक है। मनुष्य जीवन मिलने पर जीवात्मा अन्तःकरण चतुष्टय और ज्ञान व कर्मेन्द्रियों की सहायता से सत्य व असत्य, ज्ञान व अज्ञान, हित व […]

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धर्म-अध्यात्म

“हम ईश्वर के गुणों का साक्षात्कार कर उससे लाभ उठा सकते हैं”

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मनमोहन कुमार आर्य,  हम अपने परिवार, मित्र मण्डली तथा पड़ोसी आदि अनेक लोगों को जानते हैं। हम से कोई पूछे कि क्या अमुक व्यक्ति को आप जानते हैं तो हमारा उत्तर होता है कि हां, हम उसे जानते हैं। हमारा यह उत्तर पूर्ण सत्य नहीं होता। हम न तो किसी मनुष्य के सभी गुणों को […]

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