पर्यावरण लेख पर्यावरण के लिए बेहद घातक हैं प्लास्टिक June 2, 2025 / June 2, 2025 by डॉ.बालमुकुंद पांडेय | Leave a Comment डॉ. बालमुकुंद पांडेय प्लास्टिक मानव समाज के लिए आवश्यक आवश्यकता हो चुका हैं। प्लास्टिक मनुष्यों के दिनचर्या के लिए उपयोगी हो चुका हैं । मानवीय समाज के लिए इसकी उपादेयता के साथ इसके हानिकारक प्रभाव भी हैं। भू – वैज्ञानिकों एवं पर्यावरणविदों के अनुसार ,प्लास्टिक बैग्स पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आते हैं तो उनसे ग्रीनहाउस गैस(GHG)निकलती है ,जो अत्यधिक मात्रा में हानिकारक एवं अस्वास्थ्यप्रद हैं । प्लास्टिक एवं पॉलीथिन पालतू जानवरों, वन्यजीवों एवं समुद्रीजीवों के लिए अति खतरनाक एवं अत्यधिक हानिकारक हैं। प्लास्टिक बैग्स एवं प्लास्टिक खाने से प्रत्येक वर्ष लाखों जीव जंतुओं की मृत्यु हो जाती है. इन जानवरों में गाय, भैंस ,एवं दुधारू पशु हैं। प्लास्टिक समुद्री जीवों एवं जंतुओं के लिए भी हानिकारक होता है, इनके कारण बड़ी संख्या में व्हेल ,डॉल्फिन एवं कछुओं की मृत्यु होती है जो खाद्य पदार्थ के साथ प्लास्टिक के बैग्स खा जाते हैं जिससे उनकी अकाल मृत्यु हो जाती है। वैज्ञानिकों द्वारा अन्वेषित प्लास्टिक ने नागरिक समाज, नागरिक जीवन एवं पृथ्वी पर उपस्थित संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव डाला है। प्लास्टिक को विज्ञान ने हमारी आवश्यकताओं एवं सुविधाओं के लिए तैयार किया था लेकिन यह पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के शत्रु के रूप में उपादेयता प्रदान कर रहा हैं । भू – तल से लेकर समुद्र तक ,गांव से लेकर कस्बा तक एवं मैदान से लेकर पहाड़ तक प्लास्टिक का व्यापक प्रदूषण प्रभाव हैं। प्लास्टिक का दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। पेयजल एवं खाद्य पदार्थों में प्लास्टिक का प्रभाव है जिससे मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक एवं प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। लोग यात्रा एवं अन्य प्रयोजनों में पॉलिथीन से बने लिफाफों एवं पन्नियों का अंधाधुंध इस्तेमाल करते हैं। यह प्रक्रिया मानव स्वास्थ्य एवं प्रकृति के लिए नुकसानदायक हैं । प्लास्टिक एक ऐसा अवशिष्ट है जो अविनाशी हैं। इसके इसी विशिष्टता के कारण यह प्रत्येक जगह अनंत समय तक बेतरतीब पड़ा रहता है एवं नष्ट नहीं होता हैं । यह मिट्टी एवं जल में विघटित नहीं होता है एवं जलने पर पर्यावरण को अत्यधिक प्रदूषण का प्रसार करते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण में बहुत हानिकारक तत्व हैं । प्लास्टिक की थैलियां एवं प्लास्टिक बैग्स पानी में बहकर चले जाते हैं जिससे जलीय जीवों एवं जंतुओं को संक्रमित करते हैं एवं समुद्री जीव जंतुओं के जीवन पर खतरा खतरा मंडरा रहा हैं। इससे संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में आ गया हैं । पारिस्थितिकी तंत्र में हुए इस खतरे से पर्यावरण को अत्यधिक खतरा हैं जिससे समुद्री वातावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्लास्टिक मनुष्य के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा हैं । इसका चिंताजनक दुष्प्रभाव हैं कि यह मानव स्वास्थ्य पर निरंतर गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा हैं । मनुष्य पेयजल में भी प्लास्टिक मिश्रण वाला पानी पी रहे हैं, नमक में भी प्लास्टिक का मिश्रण खा रहे हैं। वैज्ञानिकों एवं पर्यावरणविदों के अध्ययन से यह स्पष्ट हो रहा है कि हृदय रोग से होने वाली मृत्यु के लिए प्लास्टिक में मौजूद ‘ थैलेटस ‘ के संपर्क में आने के कारण वर्ष 2020 में हृदय रोग से 7 लाख से अधिक मृत्यु हुआ था। इस मृत्यु से होने वालों की अवस्था क्रमशः 55 से 64 वर्ष के बीच थी। 7 लाख लोगों में लगभग तीन – चौथाई दक्षिण एशिया ,पश्चिम एशिया, पूर्वी एशिया, एवं उत्तरी अमेरिका में हुई थी । न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एकेडमिक विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों के दल ने लगभग 201 देश एवं महाद्वीपीय क्षेत्रों में ‘ थैलेटस ‘ के नकारात्मक प्रभाव के मूल्यांकन के लिए जनसंख्या सर्वेक्षणों से मनुष्य के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया। इस अध्ययन में खास प्रकार के थैलेट्स पर गौर किया गया जिसका उपयोग खाद्य पदार्थों के कंटेनर जैसी वस्तुओं में प्लास्टिक को नरम बनाने के लिए किया जाता हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य को वृहद स्तर पर नुकसान एवं कठिनाई का सामना करना पड़ पड़ा था। थैलेट्स मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके कार्बन मोनोऑक्साइड का निर्माण करके रक्तपरिशंचरण तंत्र को दूषित कर देता है एवं मनुष्य के स्वास्थ्य को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक बैग्स को बनाने के लिए जिन तत्वों की प्रधानता होती हैं ,वह उच्च स्तरीय रसायन होता हैं ,जो खाद्य सामग्री को बहुत शीघ्र सड़ा देता हैं। प्लास्टिक के कारण कृषिभूमि की उर्वरता का क्षरण हो रहा हैं ,जिससे भूमि की उर्वरता नष्ट हो जाती है। इसके कारण भू – जल स्रोत एवं जल स्रोत भी अत्यधिक मात्रा में दूषित हो रहे हैं जिससे जल संक्रमित होता जा रहा हैं । प्लास्टिक गांव, कस्बों,नगरों एवं महानगरों की जल निस्तारण प्रणाली को भी अवरुद्ध कर रहे हैं। गर्भावस्था के दौरान प्लास्टिक के संपर्क में आने पर नवजात शिशु के स्वास्थ्य में जटिलताएं उत्पन्न हो जाते हैं जिससे वह मानसिक स्तर पर मंद एवं शारीरिक विषमताओं से जकड़ जाते हैं । प्लास्टिक के कारण पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर एवं नपुंसकता हो रही है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों एवं पर्यावरण विशेषज्ञों के अध्ययन के प्रतिवेदन से ज्ञात हुआ है कि खाद्य पदार्थों के पैकेजिंग में इस्तेमाल प्लास्टिक के प्रयोग से कैंसर, प्रजनन क्षमता में ह्रास,अस्थमा, त्वचा रोगों एवं हृदय रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा हैं । यह नागरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे धरती की सेहत को भी अत्यधिक क्षति पहुंचा रहा हैं। प्लास्टिक से निर्मितपदार्थों से पैदा हुए कचरे का निपटारा करना अत्यंत कठिन काम होता हैं। हमारे पृथ्वी पर प्रदूषण के प्रसार के लिए प्लास्टिक भी उत्तरदाई हैं।विगत 40 वर्षों में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर अति तीव्र गति से बड़ा हैं जो मानवीय समुदाय के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। प्रदूषण के लिए पॉलिथीन ही जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि प्लास्टिक बैग्स एवं प्लास्टिक के फर्नीचर भी जिम्मेदार हैं । वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएं प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। प्लास्टिक एवं प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएं नागरिक समाज के स्वास्थ्य, पेयजल एवं स्वच्छ वातावरण के लिए जिम्मेदार हैं. यह सभी वातावरण के लिए एक गंभीर समस्या एवं संकट हो चुके हैं। यह मानव जाति, मानवीय संस्कृति एवं मानव समुदाय के जीवन को क्षीण कर रहे हैं क्योंकि प्रदूषण मनुष्य के आयु को क्षीण कर रहा हैं । मानवीय संस्कृति के अमरता एवं प्रासंगिकता के लिए प्लास्टिक पर प्रतिबंध आवश्यक हैं । प्लास्टिक नियंत्रण की दिशा में नागरिक समाज की पहल से प्रदूषण के नकारात्मक प्रभाव को न्यून किया जा सकता है। 1. नागरिक समाज को प्लास्टिक के बजाय अन्य विकल्प को अपनाना चाहिए; 2. प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभाव के विषय में जागरूकता की आवश्यकता है; 3. हानिकारक प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को रोककर ही इसके भयावह समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है; 4. सरकार को प्लास्टिक ,प्लास्टिक बैग्स एवं पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए; एवं 5. संगोष्ठियों, जनसभाओं एवं नागरिक समाज के पहल से समाज में संचेतना एवं जन जागरूकता की आवश्यकता है। डॉ. बालमुकुंद पांडेय Read more » प्लास्टिक
पर्यावरण लेख प्लास्टिक की गिरफ़्त में इंसानी ज़िंदगी September 10, 2020 / September 10, 2020 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment रमा शर्मा जयपुर, राजस्थान आज के वैज्ञानिक युग में न केवल मानव विकास की रफ्तार बढ़ी है बल्कि विज्ञान ने इंसान के जीवन को और भी अधिक सरल और सुविधाजनक बना दिया है। हालांकि नई तकनीक के प्रयोग ने कई बिमारियों, चुनौतियों और समस्याओं को भी जन्म दिया है। विज्ञान और आधुनिक तकनीकों के प्रयोग […] Read more » Human life in plastic arrest प्लास्टिक प्लास्टिक की गिरफ़्त
समाज क्यों बदहाल एवं उपेक्षित है बचपन? November 19, 2018 / November 19, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- संपूर्ण विश्व में ‘सार्वभौमिक बाल दिवस’ 20 नवंबर को मनाया गया। उल्लेखनीय है कि इस दिवस की स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी। बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता तथा बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।बच्चों का मौलिक अधिकार उन्हें प्रदान करना इस दिवस का प्रमुख […] Read more » कागज क्यों बदहाल एवं उपेक्षित है बचपन? पढ़ाई-लिखाई प्लास्टिक राजनीतिज्ञ लोहा शीशी समाज सरकार
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पर्यावरण लेख प्लास्टिक को बाय बाय कहकर, हिमाचल बना नंबर एक November 28, 2011 / November 28, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 2 Comments on प्लास्टिक को बाय बाय कहकर, हिमाचल बना नंबर एक हम सब को पता है की प्लास्टिक गंभीर रूप से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। ये एक जहरीले रसायन से बना होने के कारण यह पृथ्वी, हवा, पानी सभी को प्रदूषित करता है। प्लास्टिक अपने उत्पादन और डिस्पोजल के दौरान पर्यावरण को प्रदूषित करता है। प्लास्टिक के खतरों को कम करने का एक ही तरीका […] Read more » Himachal Himachal is Number One Poly Bags Prem Kumar Dhumal प्लास्टिक हिमाचल बना नंबर एक