धर्म-अध्यात्म यज्ञ व संस्कार कराने वाले पुरोहित तथा उसकी दक्षिणा April 20, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य पुरोहित उस व्यक्ति को कहते हैं जो देश व समाज के प्रत्येक व्यक्ति के हित की भावना से कार्य करता हे। इसके लिए पुरोहित को अपने उद्देश्य का पता होना चाहिये और उसके साधनों का ज्ञान भी होना चाहिये। वह विद्वान एवं पुरुषार्थी होना चाहिये और चारित्रिक बल का धनी हो। विद्वान […] Read more » यज्ञ
धर्म-अध्यात्म यज्ञ : कुष्माण्ड बलिदान और बलि वैश्व देव October 25, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी अक्सर हिन्दू संस्कृति की कर्मकाण्ड पद्धति को लेकर बिना जाने स्वयं अधिकांश हिन्दू ही समय-समय पर प्रश्न खड़े करते रहते हैं। हाल ही में शारदीय नवरात्र के समापन पर जगह-जगह हुए यज्ञ के दौरान कुष्माण्ड बलिदान और बलिवैश्व देव का प्रथानुसार प्रयोग किया गया। इसे लेकर सोशल मीडिया में यत्र-तत्र यह बहस […] Read more » Featured कुष्माण्ड बलिदान बलि वैश्व देव यज्ञ
धर्म-अध्यात्म यज्ञ क्या होता है और कैसे किया जाता है? October 14, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ सर्वश्रेष्ठ कार्य वा कर्म को कहते हैं। आजकल यज्ञ शब्द अग्निहोत्र, हवन वा देवयज्ञ के लिए रूढ़ हो गया है। अतः पहले अग्निहोत्र वा देवयज्ञ पर विचार करते हैं। अग्निहोत्र में प्रयुक्त अग्नि शब्द सर्वज्ञात है। होत्र वह प्रक्रिया है जिसमें अग्नि में आहुत किये जाने वाले चार प्रकार के द्रव्यों […] Read more » Featured यज्ञ यज्ञ कैसे किया जाता है यज्ञ क्या होता है
चिंतन जन-जागरण धर्म-अध्यात्म जो यज्ञ नहीं करता वह पाप करता है-स्वामी चित्तेश्वरानन्द March 16, 2015 / March 16, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य। आज 15 मार्च, 2015 को प्रातः वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में गायत्री यज्ञ पूर्ण श्रद्धा व भक्ति के वातावरण में सम्पन्न हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा श्री उत्तम मुनि थे तथा मंच की शोभा के रूप में देहरादून की एक महान आध्यात्मिक हस्ती स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती विराजमान थी। यज्ञ के अनेक यजमानों […] Read more » aarya samaj importance og yagya जो यज्ञ नहीं करता वह पाप करता है-स्वामी चित्तेश्वरानन्द पाप यज्ञ स्वामी चित्तेश्वरानन्द
धर्म-अध्यात्म चलें यज्ञ की ओर…. January 22, 2015 / January 22, 2015 by शिवदेव आर्य | Leave a Comment शिवदेव आर्य, वेद व यज्ञ हमारी संस्कृति के आधार स्थम्भ हैं। इसके बिना भारतीय संस्कृति निश्चित ही पंगु है। यज्ञ का विधिविधान आदि काल से अद्यावधि पर्यन्त अक्षुण्ण बना हुआ है। इसकी पुष्टि हमें हड़प्पा आदि संस्कृतियों में बंगादि स्थलों पर यज्ञकुण्डों के मिलने से होती है। वैदिक काल में ऋषियों ने यज्ञों पर […] Read more » यज्ञ
पर्यावरण बिगड़ता पर्यावरण संतुलन और यज्ञ March 9, 2013 / March 8, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 4 Comments on बिगड़ता पर्यावरण संतुलन और यज्ञ आर्थिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ही नही अपितु सामाजिक व्यवस्था को भी सही प्रकार से चलाये रखने के लिए ‘ले और दे’ का सिद्घांत बड़ा ही कारगर माना जाता है। भारतीय संस्कृति में तो इसे और भी अधिक श्रद्घा और आस्था का प्रतीक बनाकर धार्मिक व्यवस्था के साथ जोड़ दिया गया। […] Read more » बिगड़ता पर्यावरण संतुलन यज्ञ
धर्म-अध्यात्म मौत की आहुतियां लेते यज्ञ November 12, 2011 / December 3, 2011 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव धार्मिक आयोजनों में जताई जाने वाली श्रद्धा और भक्ति से यह आशय कतई नहीं निकाला जा सकता कि वाकई इनमें भागीदारी से इहलोक और परलाक सुधरने वाले हैं। बल्कि जिस तरह से धार्मिक स्थलों पर हादसे घटने का सिलसिला शुरू हुआ है, उससे तो यह साफ हो रहा है कि हम इनमें शिरकत […] Read more » मौत की आहुतियां यज्ञ