राजनीति कमल ताल पर थिरकती हृदय प्रदेश की भाजपा November 1, 2010 / December 20, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on कमल ताल पर थिरकती हृदय प्रदेश की भाजपा -लिमटी खरे मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के शासन के सात साल पूरे होने को आ रहे हैं। इन सात सालों में 2010 में सत्ता और संगठन में तालमेल की कमी जबर्दस्त परिलक्षित हो रही है। मामला चाहे निगम मण्डलों में लाल बत्ती बांटने का हो अथवा केंद्र में कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के मंत्रियों […] Read more » Bhajpa कमलनाथ भाजपा
राजनीति भाजपा को नहीं, भारत को बचाना है! September 11, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 51 Comments on भाजपा को नहीं, भारत को बचाना है! -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ इस समय भाजपा अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष कर रही है। इसलिये अब हम भारतीयों को चाहिये कि धर्म का मुखौटा पहनकर देश को तोडने वाली भाजपा, संघ, विश्व हिन्दू परिषद आदि के नाटकीय बहकावे में नहीं आना है और मुसलमानों को इनके उकसावे में आकर अपना धैर्य नहीं खोना है। […] Read more » Bhajpa भाजपा
राजनीति भाजपा: बड़ों में धमाल, छोटे बेहाल August 27, 2010 / December 22, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | Leave a Comment -फ़िरदौस ख़ान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आपसी गुटबाज़ी पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराज़गी का सबब बनती जा रही है। कार्यकर्ताओं को मलाल है कि वे पार्टी का जनाधार बढ़ाने में अपना ख़ून-पसीना बहा देते हैं और उनके आक़ा अपने निजी स्वार्थ के चलते ऐसे कामों को अंजाम देते हैं, जिससे जनता में पार्टी […] Read more » Bhajpa भाजपा
राजनीति भाजपा का वंशवाद : पर उपदेश कुशल बहुतेरे August 20, 2010 / December 22, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 14 Comments on भाजपा का वंशवाद : पर उपदेश कुशल बहुतेरे -फ़िरदौस ख़ान राजनीति में वंशवाद का विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी खुद इससे अछूती नहीं है। हैरत की बात तो यह है कि भाजपा के वयोवृध्द नेता लालकृष्ण आडवाणी कांग्रेस के वंशवाद पर तो अकसर भाषण देते रहते हैं, लेकिन खुद अपनी पार्टी के वंशवाद की तरफ़ से आंखें मूंद लेते हैं। पिछले दिनों […] Read more » Bhajpa भाजपा
राजनीति भाजपा का पराभव July 23, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on भाजपा का पराभव -के. विक्रम राव राज्य सभा के चुनाव तथा झारखण्ड में गत माह सत्ता की होड़ में भाजपा के बर्ताव से उसके आचार की शालीनता और सिद्धांन्तों की शुचिता क्षुण्ण हुई है। मात्र भाजपा का उल्लेख इसलिए कि वह अपने को जुदा मानती है। अत: उसे परखना समीचीन है। भाजपाइयों ने शायद शेक्सपियर को अत्यधिक पढ़ […] Read more » Bhajpa भाजपा
राजनीति यदि अफजल गुरु कांग्रेस का ‘दामाद’ होता… July 16, 2010 / December 23, 2011 by निर्मल रानी | 4 Comments on यदि अफजल गुरु कांग्रेस का ‘दामाद’ होता… – निर्मल रानी भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का दम भरने वाली भारतीय जनता पार्टी इन दिनों पार्टी से बाहर जा चुके अपने कई प्रमुख नेताओं को पार्टी में वापस लाने में लगी हुई है। पार्टी के समक्ष इस अभियान के अंतर्गत न तो किसी सिद्धांत को आड़े आने दिया जा रहा है, न ही पिछले गिले-शिकवों […] Read more » Bhajpa अफजल गुरू नितिन गडकरी भाजपा
राजनीति आखिर उमा से इतने भयाक्रांत क्यों हैं भाजपाई! July 14, 2010 / December 23, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on आखिर उमा से इतने भयाक्रांत क्यों हैं भाजपाई! -लिमटी खरे कभी भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेत्री रहीं उमा भारती की घर वापसी की अटकलों ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के आलंबरदारों की धडकनों को बढा दिया है। उमा भारती जिस तरह भाजपा के आला नेताओं के मुंह पर लगभग थूक कर बाहर गईं थीं, उस […] Read more » Bhajpa उमा भारती भाजपा
राजनीति जिस रिश्ते को अंजाम तक पहुंचाना ना हो मुमकिन June 28, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 4 Comments on जिस रिश्ते को अंजाम तक पहुंचाना ना हो मुमकिन -पंकज झा राजनीति का मतलब ही यही होता है कि आप उतने ही सफल होते हैं जितना निशाना एक तीर से साध सकते हों. अभी बिहार में हूँ और तीर निशान वाले जनता दल यू के बीजेपी के साथ किये जा रहे नूरा-कुश्ती को देख रहा हू. यूं तो भाजपा नीत गठबंधन का नेतृत्व करते […] Read more » Bhajpa जदयू नरेन्द्र मोदी नितीश कुमार भाजपा
राजनीति प्रभात की नई कार्यकारिणी से मजबूत भाजपा June 14, 2010 / December 23, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 2 Comments on प्रभात की नई कार्यकारिणी से मजबूत भाजपा -डॉ. मयंक चतुर्वेदी संगठन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलो की तर्ज पर अपने वायदे के मुताबिक तय तारीख पर आखिरकार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा ने अपनी नई टीम की घोषणा कर दी। भाजपा की बनी इस नई प्रदेश कार्यकारिणी की विशेषता यह है कि अधिकारों और दायित्व निर्वहन करने के लिए […] Read more » Bhajpa प्रभात झा भाजपा
राजनीति राजनीति में नैतिकता का बाजारभाव June 2, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 4 Comments on राजनीति में नैतिकता का बाजारभाव -संजय द्विवेदी झारखंड में पिछले दिनो से जो कुछ हो रहा है उसके बाद तो यह मान लीजिए कि राजनीति में नैतिकता की उम्मीदें पालना एक ऐसा सपना है जो कभी पूरा नहीं होगा। झारखंड में एक क्षेत्रीय दल के नेता शिबू सोरेन ने आखिरकार यह साबित कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी और उनके […] Read more » Bhajpa भाजपा
राजनीति किसको कातिल मैं कहूं किसको मसीहा समझूं April 29, 2010 / December 24, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on किसको कातिल मैं कहूं किसको मसीहा समझूं -पंकज झा. अखबारों की अपनी सीमाएं हैं. एक तरफ अत्यधिक तेज़ी से बदलते घटनाक्रम और दूसरी तरफ अगले ही दिन अखबार के छप पाने की मजबूरी! पता चला आपने किसी घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया लिखी और अखबार प्रकाशित होते तक उस पूरे खबर का सन्दर्भ ही बदल गया. तो इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए भले ही […] Read more » Bhajpa झामुमो झारखंड भाजपा शिबू सोरेन
राजनीति भाजपा : आकार लेना एक वटवृक्ष का…! April 5, 2010 / December 24, 2011 by पंकज झा | 2 Comments on भाजपा : आकार लेना एक वटवृक्ष का…! भाजपा के इकतीसवें स्थापना दिवस पर विशेष भारत की पश्चिमी घाट को महिमा मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर मैं यह भविष्यवाणी करने का साहस करता हूं कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा….! भारतीय जनता पार्टी के पहले अधिवेशन में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा अपने भाषण का उपसंहार इन शब्दों के साथ […] Read more » Bhajpa भाजपा