वर्त-त्यौहार बूढ़ी दीवाली December 2, 2010 / December 19, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment मार्गषीर्ष अमावस्या (5.12.2010) पर विशेष रोचक जानकारी पूरे विश्व में कार्तिक अमावस्या को दीवाली मनायी जाती है। कहते हैं कि भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी 14 साल के वनवास के बाद इसी दिन अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में प्रजा ने दीपमालिका सजाकर उनका स्वागत किया। न जाने कब से यह परम्परा चल रही […] Read more » Diwali बूढ़ी दीवाली
वर्त-त्यौहार जागरूकता का प्रकाश ही दिवाली! November 6, 2010 / December 20, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ हमारे पूर्वजों द्वारा लम्बे समय से दिवाली के अवसर पर रोशनी हेतु दीपक जलाये जाते रहे हैं। एक समय वह था, जब दीपावली के दिन अमावस की रात्रि के अन्धकार को चीरने के लिये लोगों के मन में इतनी श्रद्धा थी कि अपने हाथों तैयार किये गये शुद्ध घी के दीपक […] Read more » Diwali दीपावली
वर्त-त्यौहार दीपावली November 6, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -पंडित आनन्द अवस्थी कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपावली का विश्व प्रसिद्ध त्योहार मनाने की परंपरा है इस दिन मां भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बडे धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे तो दीपावली मुख्यत: वैश्वों का त्योहार है लेकिन जहां जहां हिंदू हैं वहां वहां दीपावली की महक बिखरती रहती है इसदिन लक्ष्मी जी […] Read more » Diwali दीपावली
कविता कविता: जब तिमिर बढ़ने लगे तो November 4, 2010 / December 20, 2011 by गिरीश पंकज | 9 Comments on कविता: जब तिमिर बढ़ने लगे तो जब तिमिर बढ़ने लगे तो दीप को जलना पड़ेगा दैत्य हुंकारें अगर तो देव को हँसना पड़ेगा दीप है मिट्टी का लेकिन हौसला इस्पात-सा हमको भी इसके अनोखे रूप में ढलना पड़ेगा रौशनी के गीत गायें हम सभी मिल कर यहाँ प्यार की गंगा बहाने प्यार से बहना पड़ेगा सूर्य-चन्दा हैं सभी के रौशनी सबके […] Read more » Diwali दीपावली
वर्त-त्यौहार लक्ष्मी-गणेश या विक्टोरिया-पंचम November 4, 2010 / December 20, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 1 Comment on लक्ष्मी-गणेश या विक्टोरिया-पंचम सोने-चांदी के सिक्के और दीपावली पूजन -लोकेन्द्र सिंह राजपूत भारत का सबसे बड़ा त्योहार है दीपावली। हर कोई देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका स्नेह चाहता है। इसी जद्दोजहद में व्यक्ति अनेकों जतन करता है धन की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी को। पूजन के दौरान कोई गुलाब के तो कोई कमल के फूलों से उनका आसन […] Read more » Diwali दीपावली
वर्त-त्यौहार कविता : जिनके पास पैसे कम हैं November 4, 2010 / December 20, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on कविता : जिनके पास पैसे कम हैं महँगी हुई दीवाली अब पापा क्या करें पापा की जेब है खाली अब पापा क्या करें महँगी हुई दीवाली अब पापा क्या करें पापा की जेब है खाली अब पापा क्या करें चुन्नू को चाहिए महँगी फुलझरियां मुन्नू को महँगे बम,पटाके इन पर पैसे खर्च दिए तो घर में पड़ जाएँगे फाके अब पापा क्या […] Read more » Diwali दीपावली
प्रवक्ता न्यूज़ दिवाली या दिवाला ? October 17, 2009 / December 26, 2011 by हिमांशु डबराल | 2 Comments on दिवाली या दिवाला ? ‘दीपावली’, एक पावन त्यौहार। जिसके आते ही दीप जलाये जाते हैं, खुशियां मनायी जाती हैं, तरह-तरह की मिठाईयां, पकवान, पटाखे और नये कपड़े खरीदे जाते हैं, घरों को साफ किया जाता है। लेकिन आज दिवाली आने पर आम लोगों के चेहरे उतरे नजर आ रहे हैं। कारण है महंगाई, महंगाई ने आज आम आदमी की […] Read more » Diwali दिवाली
विविधा दीवाली पर एक काम करना- गरीबों का भी ध्यान रखना…. October 15, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment सामने दीवाली है. एकदम सामने…हर कोई उसके स्वागत को तैयार है. धनपति की अपनी तैयारी है. निर्धन की अपनी आधी-अधूरी तैयारी है . दरअसल दीवाली का सम्बन्ध दिल से है. कहा भी तो गया है, न , कि मन चंगा तो कठौती में गंगा. मन में उदासी है, जेब खाली तो कैसी दीवाली? महंगाई के […] Read more » Diwali दीवाली
कविता दीवाली पर एक गीत..- गिरीश पंकज October 15, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. . हर चेहरा मुस्कान भरा हो, हर आँगन नाचे खुशहाली, जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. . जिनके घर में अँधियारा है, उनको भी उजियारा बाँटें. कदम-कदम पर दुःख के पर्वत, आओ उनको मिल कर काटें. जीवन का है लक्ष्य यही हम, हर […] Read more » Diwali दीवाली