समाज खाध्य और खेती में चुनौंतियाँ सतत विकास के लक्ष्य में बाधा March 31, 2018 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment भारत डोगरा 2030 तक कृषि उत्पादन एवं आय को बढाने और भूख की भयावता को दूर करने के सतत विकास का लक्ष्य प्रशंसनीय है। लेकिन 12 वर्षों में इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत को बड़े पैमाने पर नीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता है। यदि हम सतत विकास लक्ष्यों की अतिरिक्त आवश्यकताओं को ध्यान में […] Read more » drought farming challenges inhibit the goal sustainable development खाध्य खाध्य और खेती में चुनौंतियाँ
विविधा सूखे ने सुखाया लोगों का भाविष्य May 11, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रमोद कुमार आज देश में अनेक राज्यों के करोड़ों लोग सूखे की मार झेल रहे हैं। सूखे की वजह से लोगों का जीना दुर्लभ हो रहा है। राज्य के करोड़ों लोग अपना सारा कामकाज छोड़कर पूरा समय सिर्फ और सिर्फ पानी के बारे में ही सोचते रहते हैं कि इस भयानक चेतावनी से कैसे निजात […] Read more » drought सूखे की मार
विविधा सूखे की मार ! April 23, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आजकल जिस तरह देश के विभिन्न राज्यों में पानी की कमी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है अगर उस पर ध्यान नहीं दिया गया तो संभव है निकट भविष्य में देश वासी अधिक समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर हो जाएं। इसलिए इस समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके बावजूद लगता ऐसा […] Read more » drought drought in India Featured सूखे की मार
टॉप स्टोरी विविधा सूखा और तद्जनित सामाजिक समस्याएं April 18, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान वर्तमान में महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा भयानक सूखे की चपेट में है और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। महाराष्ट्र समेत देश के कई ऐसे राज्य हैं जो कि सूखे की चपेट में हैं। इनकी संख्या बारह बताई जाती है। आम भाषा में सूखे का अर्थ पानी की कमी है। […] Read more » drought drought related social issues Featured सूखा सूखा तद्जनित सामाजिक समस्याएं
पर्यावरण सावन के बीतने और भादों के आने से पहले सूखे की चर्चा: एक षड्यंत्र August 5, 2012 / August 5, 2012 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी मौसम विभाग के मंच से घोषित होती है उपभोक्ताओं को ठगने की योजना “वायदा व्यापार आयोग मूक बनकर देखता है” भारत जैसे कृषि प्रधान और विशाल देश में जहां विश्व का हर पांचवां व्यक्ति निवास कर रहा हो उसे लेकर प्रत्येक गतिविधि महत्वपूर्ण और संवेदन शील हो जाती है. मानसून आधारित कृषि इस […] Read more » drought सूखे की चर्चा