विविधा बढ़ती मंहगाई और प्रेस-पाॅलटिक्स का अपवित्र गठजोड़ October 21, 2015 by संजय सक्सेना | Leave a Comment संजय सक्सेना देश की सियासत गरम है। मुट्ठी भर नेताओं और चंद मीडिया समूहों द्वारा देश पर थोपा गया ‘तनाव’ देश की सवा सौ करोड़ शांति प्रिय जनता पर भारी पड़ रहा है। पूरे हिन्दुस्तान में माहौल ऐसा तैयार किया जा रहा है, मानो दादरी कांड़, बीफ मुद्दा,आरएएस का आरक्षण पर बयान, कुछ साहित्यकारों का […] Read more » Featured प्रेस-पाॅलटिक्स का अपवित्र गठजोड़ बढ़ती मंहगाई मंहगाई और प्रेस-पाॅलटिक्स
राजनीति समाज आरक्षणःअन्याय में बदालता सामाजिक न्याय October 21, 2015 / October 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- खत्म नहीं होगा आरक्षण- नरेंद्र मोदी प्रमोद भार्गव आरक्षण की पुनर्समीक्षा और आर्थिक आधार पर आरक्षण के मुद्दे पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का सुझाव आने के साथ जो बहस छिड़ी थी,उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहकर विराम लगा दिया कि ‘आरक्षण किसी भी सूरत में समाप्त नहीं किया जाएगा। भाजपा के […] Read more » Featured अन्याय में बदलता आरक्षण सामाजिक न्याय
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज मुझे क्यों प्रिय हैं? October 20, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सृष्टि के आरम्भ से लेकर अद्यावधि संसार में अनेक महापुरूष हुए हैं। उनमें से अनेकों ने अनेक ग्रन्थ लिखे हैं या फिर उनके शिष्यों ने उनकी शिक्षाओं का संग्रह कर उसे ग्रन्थ के रूप में संकलित किया है। हम उत्तम महान पुरूष को प्राप्त करने के लिए निकले तो हमें आदर्श महापुरूष के रूप में […] Read more » Featured आर्यसमाज महर्षि दयानन्द सत्यार्थ-प्रकाश
धर्म-अध्यात्म न्यायकारी व दयालु ईश्वर कभी किसी का कोई पाप क्षमा नहीं करता। October 20, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में दो प्रकार के पदार्थ हैं, चेतन व जड़ पदार्थ। चेतन पदार्थ भी दो हैं एक ईश्वर व दूसरा जीवात्मा। ईश्वर संख्या में केवल एक हैं जबकि जीवात्मायें संख्या में अनन्त हैं। ईश्वर के ज्ञान में जीवात्माओं की संख्या सीमित है परन्तु अल्पज्ञ जीवात्माओं की अल्प शक्ति होने के कारण वह […] Read more » Featured
विविधा हांफती जिंदगी और त्योहार…!! October 20, 2015 / October 20, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा काल व परिस्थिति के लिहाज से एक ही अवसर किस तरह विपरीत रुप धारण कर सकता है, इसका जीवंत उदाहरण हमारे तीज – त्योहार हैं। बचपन में त्योहारी आवश्यकताओं की न्यूनतम उपलब्धता सुनिश्चित न होते हुए भी दुर्गापूजा व दीपावली जैसे बड़े त्योहारों की पद्चाप हमारे अंदर अपूर्व हर्ष व उत्साह भर […] Read more » Featured
राजनीति सेक्यूलर मतलब, हिंदू विरोधी? October 20, 2015 by डॉ प्रवीण तिवारी | Leave a Comment अपने एक इंटरव्यू के दौरान तस्लीमा नसरीन ने कहा कि ज्यादातर धर्मनिरपेक्ष लोग मुस्लिम समर्थक और हिंदू विरोधी हैं। वे कट्टरपंथियों के कामों की तो आलोचना करते हैं, लेकिन मुस्लिम कट्टरपंथियों के घृणित कामों का बचाव करते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो तस्लीमा कहना चाह रही है कि भारत में सेक्यूलर होने का […] Read more » Featured सेक्यूलर मतलब हिंदू विरोधी?
जन-जागरण विविधा डॉक्टरों और दवाइयों के बीच फँसा गरीब October 20, 2015 / December 2, 2015 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment चिकित्सा विज्ञानं के जनक ‘अरस्त्तु’ ने अपने समय में कभी सोचा भी नहीं होगा की एक दिन उनका यह प्रयास व्यवसाय में बदलकर व्यापक पैमाने पर गोरखधंधे का जरिया बन जाएगा। अस्पताल से लेकर सड़क तक कुकुरमुत्ते की तरह फैले मेडिकल नेटवर्क का जंजाल, डॉक्टरों के लिए तो ऐशो-आराम व पैसे का साधन है तो […] Read more » Featured
राजनीति समाज पुरस्कार लेने और लौटाने के राजनीतिक मंच पर कम्युनिस्टों का माँस भोज– October 19, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 2 Comments on पुरस्कार लेने और लौटाने के राजनीतिक मंच पर कम्युनिस्टों का माँस भोज– डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री नयनतारा सहगल नेहरु परिवार से ताल्लुक़ रखतीं हैं । अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ती लिखती रही हैं । उनके लिखे पर कभी साहित्य अकादमी ने उन्हें पुरस्कार दिया था । पिछले दिनों उन्होंने वह पुरस्कार साहित्य अकादमी को वापिस कर दिया । वैसे तो उम्र के जिस पड़ाव पर नयनतारा सहगल हैं […] Read more » Featured कम्युनिस्टों का माँस भोज नयनतारा सहगल अशोक वाजपेयी पुरस्कार लेने और लौटाने की राजनीति
राजनीति विविधा अच्छी भाजपा कैसे हल करेगी विवादित मुद्दे October 19, 2015 by शाहिद नकवी | Leave a Comment भाजपा में नरेन्द्र मोदी-अमित शाह के युग को करीब डेढ़ बरस बीत गये हैं ।अब भाजपा के मायने मोदी और अमित शाह के हो गया है ।राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अटलबिहारी और लालकृष्ण आडवानी अपने दौर मे जितने ताकतवर थे ,ये दोनो उससे भी ज़्यादा ताकतवर हैं ।बदलते दौर की भारतीय राजनीति मे […] Read more » Featured अच्छी भाजपा कैसे हल करेगी विवादित मुद्दे भाजपा कैसे हल करेगी विवादित मुद्दे विवादित मुद्दे
कला-संस्कृति विविधा अहिंसा और शान्ति का पैगाम है मोहर्रम October 19, 2015 by शाहिद नकवी | Leave a Comment इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम शुरु होते ही पूरे विश्व में इमाम हुसैन की शहादत की वह दास्तां दोहाराई जाती है जो आज से साढ़े 14 सौ साल पूर्व इराक के करबला शहर में पेश आई थी। यानी पैगम्बर हज़रत मोहम्मद के नाती हज़रत इमाम हुसैन व उनके परिवार के 72 सदस्यों का तत्कालीन […] Read more » Featured अहिंसा और शान्ति का पैगाम है मोहर्रम
राजनीति विधि-कानून न्यायिक नियुक्ति आयोग की गुत्थी October 19, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | Leave a Comment पीयूष द्विवेदी सभी राजनीतिक दलों द्वारा संसद में एकसुर से पारित किए गए ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग-२०१४’ (एनजेएसी) क़ानून को निरस्त कर सर्वोच्च न्यायालय ने मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। न्यायालय द्वारा इस क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए न केवल निरस्त किया गया बल्कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की पुरानी कोलेजियम व्यवस्था को पुनः […] Read more » Featured कोलेजियम व्यवस्था न्यायिक नियुक्ति न्यायिक नियुक्ति आयोग राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग
राजनीति विधि-कानून लोकतांत्रिक स्तंभों में टकराव October 19, 2015 by आदर्श तिवारी | Leave a Comment सुप्रीम कोर्ट नेशुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय न्यायिक न्युक्ति आयोग को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया है तथा इससे संबंधित अधिनियम को भी रदद् कर दिया.केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की न्युक्ति और तबादले के लिए राष्ट्रीय न्यायिक न्युक्ति आयोग एक्ट का गठन किया […] Read more » Featured लोकतांत्रिक स्तंभों में टकराव