गजल हिंदी ग़ज़ल August 28, 2019 / August 28, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार चाँदनी रात हमको बोना। अंधकार घिस घिस कर धोना।। पुलकित सभी दिशाएं दिखतीं, जगमग करता कोना कोना। कविता का मख्खन निकलेगा, भावों को तुम खूब बिलोना। मावस की काली रातें हैं, ठगी गई किस्मत का रोना। जीवन को संबल देता है, उनका मात्र ख्वाब में होना। अविनाश ब्यौहार जबलपुर Read more » hindi gazal
गजल हिंदी गजल -तेरे दिल को पहले ही निकल रख रक्खा है August 27, 2019 / August 27, 2019 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on हिंदी गजल -तेरे दिल को पहले ही निकल रख रक्खा है ख्याल तुम्हारा हर तरह से रख रक्खा है |दिल भी तुम्हारा सभांल रख रक्खा है || हुआ नहीं मै कभी अलग तुमसे |खुद को भी सभांल रख रक्खा है || नहीं किया शक कभी तुम पर मैंने |अपने ऊपर ही शक रख रक्खा है || तेरे प्यार की निशानी में मिला जो था |अभी तक […] Read more » hindi gazal your heart
गजल हिंदी गजल -रक्षाबधन पर August 16, 2019 / August 16, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment रिश्ते है कई दुनिया में,बहन का रिश्ता खास हैबाँधती है जो धागा बहन,वह धागा कोई खास है लगाये रखती है बहन टकटकी,रक्षाबंधन के पर्व परआयेगा उसका भाई जरुर,उसका यह एक विश्वास है सजाती है बहन जब थाली,राखी रोली और मिठाई सेलगाती है जब प्यार से टीका,वह प्यार भी खास है खा लेती है रूखा-सूखा,भले ही […] Read more » hindi gazal on rakshabandhan
गजल हिंदी ग़ज़ल August 13, 2019 / August 13, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment उपदा केवल खाम खयाली है। सियासत में मंत्री मवाली है।। अभिनन्दन जहाँ होना चाहिए, माहौल ने ताना दुनाली है। अटैची नोटों की है मिल गई, देखा तो हर रुपया जाली है। मंत्र मुग्ध हो गया वातावरण, है कीर्तन या फिर कव्वाली है। महानगर की किस्मत को देखो, उखड़ी सड़क औ बदहाली है। उबरे न जबकि […] Read more » hindi hindi gazal
गजल हिंदी ग़ज़ल August 6, 2019 / August 6, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment जुल्फ लगा घनेरी है। रात ज्यों अंधेरी है।। ठीक सब कुछ हम समझे, जबकि हेरा फेरी है। हम समझे गुलजाफरी, हालाँकि झरबेरी है। लाल लाल बंगाल में, हुआ गंदुम खेरी है। पंछी का दल पेड़ पर, जाल लिए अहेरी है। किस्से औ कहानी में, दीनार की ढेरी है। भूख कुलाँचे गर भरे, खाना तब महेरी […] Read more » hindi hindi gazal
गजल हिंदी ग़ज़ल August 5, 2019 / August 5, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment है दुनिया पर नहीं भरोसा। पानी पी पी कर है कोसा।। घर में इतनी चहल पहल है, औ कुढ़ कर बैठा है गोशा। आफिस की मीटिंग में मिला, आलू बंडा और समोसा। वे ही नमक हराम हुए हैं, जिनको हमनें पाला पोसा। कयामत देखो ले रही है, लोगों की खुशियों का बोसा। अनवरत यात्रा हुई […] Read more » hindi hindi gazal
गजल हिंदी गजल July 30, 2019 / July 30, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हवा बहुत बदगोई है। रात कलप कर रोई है।। उनने अपने जीवन में, केवल कटुता बोई है। गर तुम हो जर्किन पहने, वह भी ओढ़े लोई है। साला हूं मै भी गर तो, वह मेरा बहनोई है। जब जब आड़ा वक्त पड़ा, यहाँ न मिलता कोई है। हमनें बस उम्मीदें की, उसने इज्जत धोई है। […] Read more » hindi gazal hindi literature wind
कविता हिंदी ग़ज़ल July 30, 2019 / July 30, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार गरज गरज कर अंबुद बरसे। औ सावन प्यासा ही तरसे।। अषाढ़-सावन-भादों में है, हरीतिमा के खुले मदरसे। याद आते त्यौहार में अब, माँ के हाँथों बने अँदरसे। घटाटोप बादल को देखा, मोर, पपीहा, दादुर हरषे। भूख पेट में मचल रही है, सूखी रोटी भी है सरसे। अविनाश ब्यौहार रायल एस्टेट कटंगी रोड जबलपुर Read more » hindi hindi gazal poetry
गजल हिंदी गजल July 25, 2019 / July 25, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार देश का नहीं उनका विकास है। जिनके तन पर महँगा लिबास है।। रहजनी रात के अंधेरे में, दिन में उनकी इज्जत झकास है। वे बैठे मिले तनहाईयों में, क्यों लगा कि कोई आस पास है। दफ्तर ज्यों पीपल का पेड़ हुआ, देव नहीं बल्कि जिन का वास है। आज वक्त इस तरह बदला […] Read more » gazal hindi hindi gazal
गजल हिंदी गजल July 24, 2019 / July 24, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार नेताजी हो गए अजागर। जनतंत्र है देश का नागर।। उफना रही सरिता अगर है, ढूंढ़ो यहाँ सुरक्षित बागर। तुम सदियों की प्यास बनो तो, मै भी अब हो जाऊँ छागर। जीवन है इक नाव सरीखा, ठौर ठिकाना होता पागर। तन्हा तन्हा इस कस्बे से, चला गया सुख का सौदागर। अविनाश ब्यौहार रायल एस्टेट […] Read more » hindi hindi gazal hindi literature literature
कविता हिंदी ग़ज़ल July 23, 2019 / July 23, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कुछ भी कर लो राजनीति में। कोठी भर लो राजनीति में।। रूप अगर मोहित करता हो सीता हर लो राजनीति में। सेर पे सवा सेर हुआ है, थोड़ा डर लो राजनीति में। पाँच साल में डेरा बदले, कच्चा घर लो राजनीति में। वोटों का है खेल निराला, चमचा धर लो राजनीति में। अविनाश ब्यौहार रायल […] Read more » hindi hindi gazal hindi poetry
गजल हिंदी गजल July 22, 2019 / July 22, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अपराध हुआ पर सजा नहीं। जरूरी बात पर रजा नहीं।। बन गए जो महान हस्तियाँ, उनका प्रयाण पर कजा नहीं। नृत्य देख शोख सुंदरी का, हुई बेरुखी पर मजा नहीं। गद्दी मिल गई रहनुमा को, मिलते सब सुख पर प्रजा नहीं। गर वहशत फैली तो मानो, अमन जरूरी पर गजा नहीं। अविनाश ब्यौहार जबलपुर Read more » hindi hindi gazal