राजनीति इतिहास , इतिहासकार और छत्रपति शिवाजी April 30, 2019 / April 30, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अध्याय 6 मेरा भारत कितना महान है ? – तनिक इस पर विचार कीजिए :—- ” झुकता सारा विश्व था अपने भारतवर्ष को ।ज्ञान प्राप्ति के लिए था पुकारता भारतवर्ष को ।।उसे शांति मिलती थी सदा हिंद की आगोश में ।किंचित नैराश्य भाव था नहीं जिसके शब्दकोश में ।।” भारत के इतिहास के साथ छेड़छाड़ […] Read more » historian and Chhatrapati Shivajiइतिहास history इतिहासकार और छत्रपति शिवाजी छत्रपति शिवाजी
महत्वपूर्ण लेख विविधा हिंदी लेखन, विचारधारा और इतिहास बोध December 16, 2011 / February 27, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on हिंदी लेखन, विचारधारा और इतिहास बोध सत्यमित्र दुबे 1 पिछले दो तीन दशकों के हिंदी लेखन पर नजर दौड़ाने से यह बात स्पष्ट होती है कि इसमें पक्षधरता, विचारधारा, इतिहास बोध, कलावाद बनाम जनवाद, व्यक्ति बनाम वर्ग अथवा समाज का सवाल प्रचुर मात्रा में उठाया गया है। पश्चिम के कुछ लेखकों ने जब से इतिहास के अंत, विचारधारा के अंत और […] Read more » hindi history ideology इतिहास विचारधारा हिंदी
धर्म-अध्यात्म कुम्भ : परंपरा, इतिहास एंव वर्तमान October 29, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो विकास सिंघल कुम्भ शब्द का अर्थ ही होता है अमृत का घड़ा यानि ज्ञान का घड़ा और कुम्भ प्रथा से स्पष्ट अभिप्राय है , ज्ञान के घड़े का सदुपयोग. हमारा राष्ट्र भारत आदिकाल से ही संतो, ऋषियों और मुनियों की धरती रही है. इस देश की धरती ने कालिदास जैसे मूर्खो को भी ज्ञानी बनाया […] Read more » history present इतिहास एंव वर्तमान कुम्भ : परंपरा
राजनीति इतिहास की एक उत्कृष्ट सेवा January 3, 2011 / December 18, 2011 by लालकृष्ण आडवाणी | Leave a Comment लालकृष्ण आडवाणी आज मुझे चेन्नई में एक अद्वितीय प्रकाशन के लोकार्पण हेतु निमंत्रित किया गया है। मैं इसे अद्वितीय इसलिए वर्णित करता हूं क्योंकि मूलत: इसका प्रकाशन तीन दशक पूर्व भारत सरकार ने शाह कमीशन रिपोर्ट शीर्षक से किया था। लेकिन मुख्य शीर्षक के साथ उप-शीर्षक ‘लॉस्ट एण्ड रिगेन्ड‘ जुड़ने और कुछ कल्पनाशील पुर्नसम्पादन ने […] Read more » history इरा सेझियन
राजनीति इतिहास से भी सबक नहीं लेते…. – पंकज झा. September 5, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 11 Comments on इतिहास से भी सबक नहीं लेते…. – पंकज झा. इस धर्मप्राण देश में ऐसी घटनाएं होती रहती है कि सहसा ही इश्वर पर भरोसा करने का मन हो जाए. कभी किसी सकारात्मक तो बहुधा नकारात्मक कारणों से. खास कर जब भी आप देश के कर्णधार नेताओं के बारे में सोचेंगे तो ज़रूर भरोसा दुगना हो जाएगा कि वास्तव में भगवान नाम की कोई ताकत […] Read more » history इतिहास
राजनीति पाटलीपुत्र में इतिहास की पुनरावृत्ति की आहट July 29, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on पाटलीपुत्र में इतिहास की पुनरावृत्ति की आहट – डॉ. विनोद बब्बर इतिहास केवल सजावट की वस्तु नहीं होती क्योंकि वह अनुभव और सुखद स्मृतियों ही नहीं, खून और चित्कारों से लथपथ ऐसा दस्तावेज होता है जिसकी उपेक्षा की भारी कीमत चुकानी ही पड़ती है। यह भी सत्य है कि इतिहास अपने आपको दोहराता है। जो इतिहास के श्याह-सफेद अध्यायों से सबक नहीं […] Read more » history Patliputra इतिहास
विविधा डॉ. लोहिया का इतिहास चिंतन – डॉ. मनोज चतुर्वेदी March 25, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 1 Comment on डॉ. लोहिया का इतिहास चिंतन – डॉ. मनोज चतुर्वेदी इतिहास की अवधारणा एवं उसकी प्रकृ ति पर अनेक मौलिक चिंतन हुए हैं। विभिन्न धर्मों और संप्रदायों में इतिहास की पौराणिक परिकल्पनाओं का प्रस्थान बिंदू मानव समाज में नैतिकता और सदाचार का अनुपालन ही रहा है। परंपराओं में यह माना जाता रहा है कि इतिहास वास्तव में उच्चावस्था लगातार उसके नैतिक पतन की कहानी है […] Read more » history इतिहास राममनोहर लोहिया
विविधा इतिहास के इतिहास की भारतीय दृष्टि December 15, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on इतिहास के इतिहास की भारतीय दृष्टि भारत में ‘इतिहास के इतिहास’ पर बहसें चलती हैं। यूरोपीय विद्वान भारत पर इतिहास की उपेक्षा का आरोप लगाते हैं। एलफिन्सटन को सिकंदर के हमले के पूर्व किसी भी घटना का निश्चित समय नहीं दिखाई पड़ता। विटरनिट्ज यहां काव्य, नायकत्व और इतिहास का घालमेल देखते हैं। अलबेरूनी के आरोप ज्यादा सख्त है कि हिन्दू चीजों […] Read more » history इतिहास
विश्ववार्ता इतिहास रच दिया युकियो हातोयामा ने September 4, 2009 / December 26, 2011 by राकेश उपाध्याय | 3 Comments on इतिहास रच दिया युकियो हातोयामा ने ‘इतिहास फिर से लिखने का समय आ गया है’ इस आह्वान के साथ चुनाव मैदान में उतरे 62 वर्षीय युकियो हातोयामा ने सचमुच इतिहास रच दिया है। आगामी 16 सितंबर को वे जापान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। युकियो हातोयामा के नेतृत्व में जापान के प्रमुख विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान […] Read more » history इतिहास
राजनीति एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में August 21, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 1 Comment on एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में जिन्ना लेकर उत्पन्न ताजा विवादों ने एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में ला खड़ा किया है । बात आडवानी की हो या जसवंत की मसले के पीछे प्रमाणिक इतिहास की जानकारी का अभाव है । अब तक के ज्ञात इतिहास की प्रमाणिकता को चुनौती देने का साहस हम भारतीयों में न के बराबर है Read more » history इतिहास