पर्यावरण गांधीजी के विचार और जलवायु परिवर्तन की चुनौती October 13, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment नवनीत कुमार गुप्ता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी संसार के उन चंद महापुरूषों में से एक हैं जिनके विचार सदैव मानव सभ्यता के विकास में बहुमूल्य साबित होते रहे हैं। गांधी जी ने केवल सामाजिक और राजनीतिक ही नहीं बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया है। आज जबकि मानवीय मूल्यों और पर्यावरण में […] Read more » Mahatma Gandhi जलवायु परिवर्तन महात्मा गांधी
महत्वपूर्ण लेख राजनीति वोट-बैंक राजनीति के पहले शिकार October 9, 2011 / December 5, 2011 by शंकर शरण | 3 Comments on वोट-बैंक राजनीति के पहले शिकार शंकर शरण अच्छा होता कि मोहनदास करमचंद गाँधी की विरासत का सम्यक मूल्यांकन करके उन के विचार व कर्म से दूध और पानी अलग कर के लाभ उठाया जाता। तब उन के महान कार्यों के साथ-साथ भयंकर गलतियों से भी सीख ले कर हम आगे बढ़ सकते थे। किंतु भारी अज्ञान, कांग्रेसी-वामपंथी दुष्प्रचार और राजनीतिक […] Read more » Mahatma Gandhi Vote Bank अल्पसंख्यक तुष्टिकरण महात्मा गांधी वोट बैंक
विविधा अस्तित्व के संकट से जुझ रहे विश्व को संबल देता है गांधी दर्शन October 2, 2011 / December 5, 2011 by समन्वय नंद | 1 Comment on अस्तित्व के संकट से जुझ रहे विश्व को संबल देता है गांधी दर्शन गांधी जयंती (2 अक्टूबर) पर विशेष समन्वय नंद विश्व आज अनेक समस्याओं से दो- चार हो रहा है, और इनके कारण उनके अस्तित्व पर ही संकट के बादल मंडराने लगे हैं । तापमान बढने व ओजोन में छेद होने के कारण इस प्लैनेट पर जीवन के अस्तित्व ही खतरे में पड गया है अब ऐसा […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
महत्वपूर्ण लेख विविधा हिन्द स्वराज का दूसरा पलड़ा September 12, 2011 / December 6, 2011 by शंकर शरण | 2 Comments on हिन्द स्वराज का दूसरा पलड़ा शंकर शरण डॉ. राममनोहर लोहिया ने 1963 में लिखा था, “गाँधीजी ने दार्शनिक और कार्यक्रम-संबंधी उदारवाद का जो मेल बिठाया, उसका मूल्यांकन करने का समय शायद अभी नहीं आया है। … अधिकांश देशवासी आजादी की प्राप्ति को ही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। दरअसल वह कोई उपलब्धि नहीं है। उनके बिना भी देश अपनी […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी हिन्द स्वराज
विविधा क्या महज ‘‘औपचारिक‘‘ रह गई है गांधी टोपी! July 7, 2011 / December 9, 2011 by लिमटी खरे | 2 Comments on क्या महज ‘‘औपचारिक‘‘ रह गई है गांधी टोपी! लिमटी खरे कांग्रेस का इतिहास गौरवमयी रहा है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। एक दशक से कांग्रेस अपने मूल मार्ग से भटक चुकी है। अब सत्ता की मलाई चखना, भ्रष्टों को प्रश्रय देना, जनता जनार्दन का गला रेतकर उसकी जेब से पैसा निकालना कांग्रेस का मूल मंत्र बन गया है। आधी […] Read more » Mahatma Gandhi गांधी टोपी
विविधा बिना क्रांति के विकास की कल्पना कोरी गल्प July 5, 2011 / December 9, 2011 by बृजेन्द्र अग्निहोत्री | 1 Comment on बिना क्रांति के विकास की कल्पना कोरी गल्प बृजेन्द्र अग्निहोत्री महात्मा गाँधी का नाम सुनते ही हमारी स्मृति में एक देवतुल्य आकृति आ उभरती है। आजादी की चर्चा होते ही, महात्मा गाँधी का स्मरण अनासास हो जाता है। हमें यह स्वीकार करना ही पड़ता है कि आज दासता की जंजीरों से मुक्त, हम जो खुले आसमान के नीचे सांस ले रहे है वह […] Read more » Mahatma Gandhi क्रांति महात्मा गांधी
विविधा 1924 : जब महात्मा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने February 17, 2011 / December 15, 2011 by लालकृष्ण आडवाणी | 4 Comments on 1924 : जब महात्मा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने लालकृष्ण आडवाणी पिछले दिनों रामकृष्ण मिशन, बेलगांव ने मुझे वहां पर निर्मित एक विशाल सभागार का औपचारिक उद्धाटन करने के लिए निमंत्रित किया, जहां पर स्वामी विवेकानन्द दक्षिण भारत की अपनी पहली यात्रा के दौरान रूके थे। इस कार्यक्रम के लिए कलकत्ता स्थित मिशन के मुख्यालय वेल्लुर मठ के प्रमुख सहित सारे देश से रामकृष्ण […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा व्यंग्य: गांधी जी का चश्मा January 11, 2011 / December 16, 2011 by विजय कुमार | 1 Comment on व्यंग्य: गांधी जी का चश्मा विजय कुमार जब समाचार पत्र अरबों-खरबों रुपये के घोटालों से भरे हों, तो एक चश्मे की चोरी कुछ अर्थ नहीं रखती। इसलिए इस पर किसी का ध्यान नहीं गया कि दिल्ली में अति सुरक्षित राष्ट्रपति निवास के पास स्थित ग्यारह मूर्ति से गांधी जी का चश्मा चोरी हो गया। यह दिल्ली का एक प्रसिद्ध स्थान […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा कलकत्ता का गांधी भवन जहां गांधी ने कहा था- मैंने ऐसी खंडित आजादी नहीं चाही थी October 3, 2010 / December 22, 2011 by राजेश त्रिपाठी | 5 Comments on कलकत्ता का गांधी भवन जहां गांधी ने कहा था- मैंने ऐसी खंडित आजादी नहीं चाही थी -राजेश त्रिपाठी देश जब आजादी से सिर्फ तीन कदम दूर था, पश्चिम बंगाल का कलकत्ता महानगर मानवता से कोसों दूर जा चुका था। हिंदू-मुसलिम दंगों का दावानल नगर के कोने-कोने को भस्म कर रहा था और हर तरफ हो रहा था मानवता का हनन। यह 1947 के अगस्त महीने की बात है। देश के इस […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा महात्मा गाँधी अभी जीवित हैं October 3, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. सी. पी. राय | 2 Comments on महात्मा गाँधी अभी जीवित हैं -डॉ. सी.पी. राय आज से ६२ वर्ष पूर्व महात्मा गाँधी की महज शारीरिक हत्या कर दी गयी, लेकिन बापू मरे नहीं। अपने विचारों और आदर्शों के साथ वो आज भी जिन्दा है। ६२ वर्ष बीत गए। इतनी लम्बी अवधि में एक पूरी पीढ़ी गुजर जाती है, राष्ट्र के जीवन में अनगिनत संघर्षों, संकल्पों और समीक्षाओं […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा वर्तमान दौर में गांधी दर्शन की प्रासंगिकता October 2, 2010 / December 22, 2011 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on वर्तमान दौर में गांधी दर्शन की प्रासंगिकता -तनवीर जाफ़री वैश्विक स्तर पर व्याप्त हिंसा, मतभेद, बेरोजगारी, महंगाई तथा तनावपूर्ण वातावरण में आज बार-बार यह प्रश्न उठाया जा रहा है कि गांधी के सत्य व अहिंसा पर आधारित दर्शन और विचारों की आज कितनी प्रासंगिकता महसूस की जा रही है। यूं तो गांधीवाद का विरोध करने वालों ने जिनमें दुर्भाग्यवश और किसी देश […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
राजनीति महात्मा गांधी-शांति के नायक October 2, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on महात्मा गांधी-शांति के नायक -नरेन्द्र देव 2 अक्टूबर का दिन कृतज्ञ राष्ट्र के लिए राष्ट्रपिता की शिक्षाओं को स्मरण करने का एक और अवसर उपलब्ध कराता है। भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में मोहन दास कर्मचंद गांधी का आगमन खुशी प्रकट करने के साथ-साथ हजारों भारतीयों को आकर्षित करने का पर्याप्त कारण उपलब्ध कराता है तथा इसके साथ उनके जीवन-दर्शन के […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी