राजनीति राजनीति का नया दौर July 24, 2011 / December 8, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राकेश श्रीवास्तव यह हमारे लोकतांत्रिक विकास की असफलता ही है कि जनता दिल की सच्चाई (जाति और निजी स्वार्थों के बादलों को छांटकर) और गहराई से अपने नेता को नेता नहीं मानती है। जनता कितना अपने नेता को पहचानती है, अपने क्षेत्र के नेताओं और दलों तक उसकी कितनी पहुंच है, क्या जमीनी स्तर पर […] Read more » politics राजनीति
राजनीति देश पर राज करते विदेशी मुखौटे…. June 7, 2011 / December 11, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on देश पर राज करते विदेशी मुखौटे…. क्या इस देश में केवल फिल्मी वेश्याओं की बात ध्यान से सुनी जाएगी? क्या इस देश में शाहरुख़ जैसो को देश भक्त समझा जायेगा? क्या इस देश में नंगा नाच करने वाली लडकियो को देखने के लिए ही भीड़ लगेगी? क्या इस देश में आयुषी, जेसिका, मधुमिता जैसियो के लिए ही मोमबत्ती यात्रा होगी? क्या […] Read more » politics देश पर राज करते विदेशी मुखौटे....
राजनीति संतों से परहेज क्यों? April 30, 2011 / December 13, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 7 Comments on संतों से परहेज क्यों? लोकेन्द्र सिंह राजपूत अक्सर कहा जाता है कि साधु-सन्यासियों को राजनीति में दखल नहीं देना चाहिए। उनका काम धर्म-अध्यात्म के प्रचार तक ही सीमित रहे तो ठीक है, राजनीति में उनके द्वारा अतिक्रमण अच्छा नहीं। इस तरह की चर्चा अक्सर किसी भगवाधारी साधु/साध्वी के राजनीति में आने पर या आने की आहट पर जोर पकड़ती […] Read more » politics अध्यात्म राजनीति
राजनीति बिजली गिरी, जोगी अब तेरा सहारा April 13, 2011 / December 14, 2011 by डब्बू मिश्रा | 2 Comments on बिजली गिरी, जोगी अब तेरा सहारा शाबाश रमन सिंह जी । बहुत ही शातिराना चाल चल रहे हो आम जनता के साथ । पहले विपक्ष को अपने साथ मिला लिये फिर विपक्ष को आदिवासियों की ओर भिडा दिये और विद्युत नियामक बोर्ड की आड में बिजली दरों में 22 फीसदी तक की बढोत्तरी कर डाले । क्योंकि अब आपसे कोई कुछ पुछ […] Read more » politics राजनीती
राजनीति युवा और राजनीति March 29, 2011 / December 14, 2011 by विजय कुमार | 2 Comments on युवा और राजनीति विजय कुमार राजनीति में युवाओं की भूमिका कैसी हो, इस पर लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है। पिछले दिनों राहुल गांधी ने विभिन्न माध्यमों से युवा पीढ़ी से सम्पर्क किया। विश्वविद्यालयों में जाकर उन्होंने युवाओं से राजनीति को अपनी आजीविका (कैरियर) बनाने को कहा; पर उनका यह विचार कितना समीचीन है, इस पर […] Read more » politics youth युवा राजनीति
राजनीति थामस का शनी हो गया भारी March 5, 2011 / December 15, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment 0 और कितने प्रमाण चाहिए कांग्रेस की राजमाता को 0 दागदार को बनाया थानेदार, कोर्ट ने उतारा कुर्सी से 0 आखिर क्या चाह रही हैं सोनिया गांधी? 0 सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से दूध का दूध पानी का पानी (लिमटी खरे) इक्कीसवीं सदी के पहले दशक की समाप्ति के दौर में सवा सौ करोड़ की […] Read more » politics थामस
राजनीति सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव : एक दृटिकोण March 2, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 3 Comments on सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव : एक दृटिकोण वर्तमान में भारत का जो राजनैतिक दृश्य है उसे देखकर यह लगता है कि हमारे देश में एक केन्द्रीय नेतृत्व का अभाव है। एक ऐसा नेता जिसकी राट्रव्यापी क्षवि हो और जिसे छ लाख गाँवों में भी वैसी ही पहचान मिली हो जैसी इस देश के गुने चुने महानगरों में। एक ऐसा नेतृत्व जिसकी आवाज […] Read more » politics सर्वमान्य
प्रवक्ता न्यूज़ सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव : एक दृष्टिकोण February 27, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ वर्तमान में भारत का जो राजनैतिक दृश्य है उसे देखकर यह लगता है कि हमारे देश में एक केन्द्रीय नेतृत्व का अभाव है। एक ऐसा नेता जिसकी राष्ट्रव्यापी छवि हो और जिसे छ लाख गाँवों में भी वैसी ही पहचान मिली हो जैसी इस देश के गुने चुने महानगरों में। […] Read more » politics राजनीति
राजनीति काला-धन-काली कमाई और राजनीति February 1, 2011 / December 15, 2011 by विजय सोनी | 15 Comments on काला-धन-काली कमाई और राजनीति प्रवक्ता डाट काम बधाई का पात्र है , इस मंच के माध्यम से अपने विचारों और अभिव्यक्ति की इस शशक्त सार्थक पहल के लिए मैं आभार व्यक्त करते हुवे देश के एक अरब से ज्यादा देशवासियों से जिसमे मैं स्वयम भी शामिल हूँ जानना चाहता हूँ ,साथ ही सभी सहित अपनी अंतरात्मा से पूछना एक नैतिक दायित्व मानते हुवे प्रश्न करता हूँ ,की देश […] Read more » Black Money politics काला धन काली कमाई राजनीति
राजनीति सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 3 January 13, 2011 / December 16, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | 1 Comment on सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 3 एक फूल, दो माली… चण्डीदत्त शुक्ल एक था गुल और एक थी बुलबुल…ये नग्मा तो बहुत ख़ूबसूरत है पर गुल एक हो और बुलबुल, बल्कि भौरें दो हो जाएं, तो मुश्किल खड़ी हो ही जाती है। अमिता मोदी के भी दो चाहने वाले थे। एक तो उनके हमसफ़र, हमनवां और नेशनल बैडमिंटन चैंपियन सैयद मोदी […] Read more » politics सियासत सेक्स
विविधा शहादत पर सियासत से कैसे रुकेगा आतंकवाद? December 13, 2010 / December 18, 2011 by नीरज कुमार दुबे | 1 Comment on शहादत पर सियासत से कैसे रुकेगा आतंकवाद? नीरज कुमार दुबे अपने बड़बोले बयानों से पहले भी विवाद खड़ा करते रहे कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का यह कहना कि हेमंत करकरे ने मुंबई हमले से कुछ घंटे पहले मुझे फोन कर कहा था कि उन्हें हिंदू आतंकवादियों से खतरा है, सोची समझी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा लगता है। उनका यह बयान ऐसे समय […] Read more » politics आतंकवाद दिग्विजय सिंह हेमंत करकरे
राजनीति राजनीति किस लिए? October 13, 2010 / December 21, 2011 by चैतन्य प्रकाश | 3 Comments on राजनीति किस लिए? -चैतन्य प्रकाश बहुत सारे व्यवसायियों, उद्यमियों के दफ्तरों में या निजी बैठकखानों में एक पोस्टर लगा दिख जाता है, जिसमें शेर के चित्र के नीचे अंग्रेजी में लिखा होता है- No Politics Please! बहुत बार मुद्दों के बारे में बात करते हुए लोग कहते हैं कि इसमें राजनीति हो रही है या अमुक मुद्दे का […] Read more » politics राजनीति