कहानी साहित्य एक सच्ची घटना May 21, 2019 / May 21, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी पिछले दिनों हमारे मेरठ शहर में एक प्रसिद्ध ज्योतिषी व विद्वान जो देहरादून के रहने वाले है का आगवन हुआ जिनकी भविष्यवाणी काफी सही निकलती थी | माना जाता है की उनकी वाणी में माँ सरस्वती विराजमान है जिसके कारण उनके पास भीड़ लगी रहती थी और काफी ख्याति हो गयी |उन्हें […] Read more » a true story Story true incident
कहानी अनसुलझे सवाल! January 13, 2014 / January 13, 2014 by अश्वनी कुमार | Leave a Comment -अश्वनी कुमार- कड़ाके की सर्दी पड़ रही थी। पैरों से चढ़ती ठण्ड हाथों के कम्पन से होती हुई, दांतों की कड़कड़ाहट तक जा रही थी। घर से निकला तो देखा कोहरे की सफ़ेद चादर ने सारे आसमान पर अपना अस्तित्व जमा रखा है। कदम आगे की ओर बढ़ने से मना कर रहे थे, पर […] Read more » Story अनसुलझे सवाल
कहानी कल्याणी का कोप September 22, 2012 / September 25, 2012 by सुधीर मौर्य 'सुधीर' | Leave a Comment सुधीर मौर्य ‘सुधीर’ जसिरापुर और नसिरापुर दो गावं. इन दोनों गावं को विभाजित करके बहती हुई कल्याणी नदी. रात को जब इन गावों में बसे लोग दिन में खेत में किये गए हाड़तोड़ मेहनत की थकान खटिया पर लेट कर दूर कतरे उस समय कल्याणी की बहती धरा के कल-कल की ध्वनि उन थके-हारों किसानो […] Read more » Story
कहानी लक्ष्य September 20, 2012 / September 20, 2012 by बीनू भटनागर | 7 Comments on लक्ष्य ‘’भाभी मैने दाल सब्ज़ी बना दी है, खाना कितनी देर मे खांयेगी आप ?’’ लता ने अनिता से पूछा। ‘’बस, एक घन्टे मे, कुछ ज़रूरी काम निपटा लूँ, तब तक तू पढाई करले।‘’ अनिता ने जवाब दिया । ‘’अच्छा भाभी जब खांयेगी तभी गरम गरम रोटी सेक दूँगी।‘’ लता बोली। ‘’अभी तू इंगलिश का काम […] Read more » Story
कहानी कौआ उड़ रहा है August 30, 2012 / August 30, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 4 Comments on कौआ उड़ रहा है जन्म के समय उनका राशि का नाम ‘र’ से निकला था इसीलिये रुद्र नाम रखा गया है| वैसे तो भगवान रुद्रा के समान वे क्रोधी नहीं हैं परंतु दिमाग के बड़े तेज हैं स्मरण शक्ति अद्भुत, कहानियाँ सुनने के शौकीन|कितनी भी सुनाओ, एक कहानी और की फरमाइश कभी पूरी नहीं होती है दादी परेशान दादा […] Read more » Story
कहानी नियम August 13, 2012 / August 13, 2012 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | Leave a Comment पियूष द्विवेदी ‘भारत’ आज दो दिन हो गए थे उसको गाँव आए! करीब दस साल बाद वो गाँव आया था! इन दस सालों में उसके मम्मी-पापा तो कई बार गाँव आए, पर शैक्षिक-विवशताओं के कारण वो नही आ पाया! पर अब, जब वो गाँव पर था, तो घूम-घूमकर उन सब चीजों को देख रहा था, […] Read more » Story
कहानी कहानी – शौक March 21, 2012 / March 21, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो शाम का वक्त था, सूरज अपनी दिन भर की मेहनत करके घर वापसी की ओर लोट रहा था। ठीक उसी तरह जैसे कोई दिहाडी मजदूर शाम होते ही अपने घर की राह पकडने की ओर आतुर रहता है। कोई 70-72 साल का एक बुजुर्ग अपनी एक टूटी सी साईकिल पर अपने भविष्य की धरोहर, एक […] Read more » stories Story कहानी कहानी - शौक
कहानी कहानी ; एक मुट्ठी खुशी March 9, 2012 / March 12, 2012 by राजकुमार सोनी | Leave a Comment – राजकुमार सोनी मिस्टर और मिसेज रायजादा बगीचे में बैठे हैं। जब से सरकारी नौकरी में आए थे लोग मिस्टर रायजादा के नाम से ही उनको पहचानते हैं। बगीचे में बहुत सारे बच्चे खेल रहे हैं और हम दोनों इन्हीं में अपने बच्चों का बचपन याद करके हंस रहेथे। ये हम दोनों की ही आदत […] Read more » stories Story एक मुट्ठी खुशी कहानी
कहानी कहानी ; मैं जिंदा हूं March 7, 2012 / March 7, 2012 by राजकुमार सोनी | Leave a Comment – राजकुमार सोनी बचपनसे शायद जब मैं 7-8 साल की रही हूंगी तब से ही अछूत थी। मुझे छूने सेलोगों में वायरस फैल जाता था। वायरस भी कोई साधारण नहीं बहुत भयानक था।इसलिए लोग मुझसे ज्यादा बात नहीं करते थे। वैसे तो हम दो बहनें और एक भाईथा। भाई हम दोनों बहनों के बीच में […] Read more » stories Story कहानी मैं जिंदा हूं
प्रवक्ता न्यूज़ कहानी December 8, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 37 Comments on कहानी आलोक कुमार सातपुते फ़र्क़ एक शेरनी अपने बच्चों को शिकार सीखा रही थी,तभी उसकी नज़र महुआ बीनती हुई एक औरत पर पड़ी और उसने उस पर हमला करके उसे गिरा दिया और कहा-मैं तुम्हें खा जाऊँगी । इस पर उस औरत ने हाथ जोड़कर कहा-बहन,तुम मुझे छोड़ दो। मेरे बच्चे भूख से बिलबिला रहे […] Read more » Story कहानी
कहानी कहानी/ चकाचौंध से परे August 11, 2011 / December 7, 2011 by आर. सिंह | Leave a Comment आर. सिंह “चा ऽ चा ऽ”.यह आवाज कानों में पडते हीं मैं थोडा ठीठका.फिर सोचा यह आवाज यहाँ कहाँ से आ सकती है?यह तो मेरे गाँव,मेरे इलाके की आवाज थी और मैं तो गुजर रहा था,कोलकाता में चौरंगी से. आवाज फिर कानों में टकराई,”चा ऽ चा ऽ”. वही खींची हुई आवाज.”हम आप हीं को पुकार […] Read more » Story चकाचौंध से परे
कहानी कहानी/ एक बार फिर June 23, 2011 / December 11, 2011 by राजनारायण बोहरे | Leave a Comment राजनारायण बोहरे वे फिर आ गये हैं। आज हर जगह यही सुनने को मिल रहा है। चारों घरों में यही चर्चा हैं। भीतर पहुंचते ही घर का कोई सदस्य फुसफुसाते हुये यह सूचना देता है और चुप हो जाता है। सूचना देने वाले के चेहरे पर दहशत के भाव झांकते हैं और उसकी आंखें फिर […] Read more » Story