कविता
अक्षय तृतीया 🌼
/ by डॉ. सत्यवान सौरभ
वैशाख की उजली बेला आई,धूप सुनहरी देहरी पर छाई।अक्षय तृतीया का मधुर निमंत्रण,पुण्य-सुधा में डूबा आचमन। न मिटने वाला पुण्य का सूरज,हर मन में भर दे स्वर्णिम किरण।सच की थाली, धर्म का दीपक,दान की बूंदें, जीवन समर्पण। परशुराम की वीरगाथा बोले,गंगा की लहरें चरणों में डोले।युधिष्ठिर को अक्षय पात्र मिला,सत्य का दीप फिर से खिला। […]
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