धर्म-अध्यात्म ईश्वर सुयोग्य व पात्र भक्त व उपासकों की प्रार्थना स्वीकार करता है” March 28, 2020 / March 28, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य अपने पूर्वजन्म के कर्मों वा प्रारब्ध के अनुसार इस सृष्टि में जन्म लेता है। उसने जो कर्म किये होते हैं उनका सुख व दुःख रुपी फल उसे अवश्य ही भोगना होता है। जाने व अनजानें में मनुष्य जो कर्म करता है उसका कर्म के अनुसार परमात्मा की व्यवस्था से फल […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म संसार को बनाने व पालन करने वाली सत्ता ईश्वर ही सबकी उपासनीय है March 20, 2020 / March 20, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य संसार में माता–पिता से एक शिशु के रूप में जन्म लेता है। वह पहली बार जब आंखे खोलता है तो शायद अपनी माता को अपनी आंखों के सम्मुख देखता है। माता के बाद वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों यथा पिता व भाई–बहिनों सहित दादा व दादी आदि को देखता […] Read more » The power to create and follow the world is worshiped by God ईश्वर
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की? February 4, 2020 / February 4, 2020 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की? -मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में उत्पन्न हुए हैं व वर्षों से रह रहे हैं। जन्म से पूर्व हम कहां थे, क्या करते थे, हम कुछ नहीं जानते हैं? इस जन्म से पूर्व की सभी बातों को हम भूल चुके हैं। ऐसा होना स्वाभाविक ही है। हम बहुत सी बातों को जो कुछ […] Read more » ईश्वर ईश्वर ने संसार की रचना ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की
धर्म-अध्यात्म ईश्वर न होता तो क्या यह संसार और प्राणी जगत होता? February 3, 2020 / February 4, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम अपनी आंखों से भौतिक जगत वा संसार का प्रत्यक्ष करते हैं। इस संसार में सूर्य, पृथिवी, चन्द्र व अनेक ग्रह-उपग्रह हैं। हमारे सौर मण्डल के अतिरिक्त भी सृष्टि में असंख्य व अनन्त लोक-लोकान्तर एवं सौर्य मण्डल हैं। यह सब आकाश में विद्यमान हैं और अपनी धुरी सहित अपने-अपने सूर्य-सम मुख्य […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म यदि ईश्वर सृष्टि न बनाता तो क्या होता? January 15, 2020 / January 15, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में रहते हैं और हमसे पहले हमारे पूर्वज इस सृष्टि में रहते आये हैं। संसार में प्रचलित मत–मतान्तर तो कोई लगभग दो हजार और कोई पन्द्रह सौ वर्ष पुराना है, कुछ इनसे भी अधिक प्राचीन और कुछ अर्वाचीन हैं, परन्तु यह सृष्टि वैदिक मत व गणना के अनुसार […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म हे ईश्वर! आप हमें भौतिक व आध्यात्मिक उन्नति के लिए सद्बुद्धि प्रदान करें” December 6, 2019 / December 6, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने मनुष्य को शरीर दिया है जिसमें अनेक बाह्य एवं आन्तरिक अंग–प्रत्यंग हैं। इन अंगों में एक अंग बुद्धि भी है जिससे मनुष्य संकल्प–विकल्प व चिन्तन–मनन करते हुए सत्य व असत्य की समीक्षा करता है। संसार में ज्ञान दो प्रकार है जिसे हम सद्ज्ञान व मिथ्याज्ञान कह सकते हैं। दोनों […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म हम ईश्वर का प्रत्यक्ष कैसे कर सकते हैं? October 3, 2019 / October 3, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हमारे सभी शास्त्रों में ईश्वर की चर्चा है और वेद सहित अनेक ग्रन्थों में ईश्वर के स्वरूप व उसके गुण, कर्म व स्वभाव का वर्णन भी है। ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज के दूसरे नियम में ईश्वर के सत्यस्वरूप पर प्रकाश डाला है। इस नियम के अनुसार ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के साथ हमारा पिता-पुत्र संबंध होने के कारण हमें उसके सभी श्रेष्ठ गुणों को धारण करना है. September 2, 2019 / September 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य सत्य व चेतन स्वभाव से युक्त प्राणी है। सत्य का अर्थ है कि मनुष्य की सत्ता यथार्थ है। आत्मा की सत्ता काल्पनिक सत्ता नहीं है। चेतन का अर्थ है कि ज्ञान प्राप्ति व कर्म करने की सामथ्र्य से युक्त अल्पज्ञ सत्ता है। आत्मा सुख व दुःख का अनुभव करता है। […] Read more » ईश्वर पिता-पुत्र संबंध
प्रवक्ता न्यूज़ ईश्वर, वेद, महर्षि दयानन्द और मूर्तिपूजा June 7, 2019 / June 7, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में ईश्वर, जीव और प्रकृति तीन अनादि तत्व हैं। ईश्वर अजन्मा और जीव जन्म-मरण के बन्धनों में बंधा हुआ है। जीवात्मा के जन्म व मरण का कारण कर्मों का बन्धन है। जीव में इच्छा, राग, द्वेष, सुख व दुःख, इन्द्रियो व अन्तःकरण के अनेक प्रकार के विकार होते हैं। इनसे […] Read more » ईश्वर महर्षि दयानन्द वेद
धर्म-अध्यात्म “सृष्टि की उत्पत्ति और इसकी व्यवस्था ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है” November 19, 2018 / November 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम जिन पदार्थों व वस्तुओं को आंखों से प्रत्यक्ष देखते हैं उनके अस्तित्व को स्वीकार करते हैं। जो पदार्थ हमें दीखते नहीं हैं उन्हें हम प्रायः स्वीकार नहीं करते। ईश्वर है या नहीं, इसका उत्तर सामान्य बुद्धि के लोग यही कहते हैं कि दिखाई न देने के कारण ईश्वर का अस्तित्व स्वीकार […] Read more » “सृष्टि की उत्पत्ति और इसकी व्यवस्था ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है” ईश्वर ऋषि दयानन्द जिह्वा ज्ञानेन्द्रियों नाक सृष्ट्यित्पत्ति
राजनीति समाज सनातन परम्पराओं को कुरीतियाँ कह कर खारिज करने का षडयंत्र November 8, 2018 / November 8, 2018 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment डॉ नीलम महेंद्र 5 नवंबर को एक दिन की विशेष पूजा के लिए सबरीमाला मंदिर के द्वार कडे पहरे में खुले। न्यायालय के आदेश के बावजूद किसी महिला ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश नहीं की। लेकिन कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने के न्यायालय के आदेश के विरोध को गलत ठहराया जा रहा है।इनका कहना है […] Read more » ईश्वर कन्याकुमारी मंदिर निर्जीव न्यायालय हिन्दू धर्म
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने सभी मिथ्या आध्यात्मिक मान्यताओं एवं सभी सामाजिक बुराईयों का निवारण किया” November 8, 2018 / November 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द सर्वांगीण व्यक्तित्व के धनी थे। आध्यात्मिक दृष्टि से उन्हें देखें तो वह आध्यात्म व योग के ऋषि कोटि के विद्वान थे। उनके सामाजिक योगदान पर दृष्टि डालते हैं तो वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एक या दो सामाजिक दोषों पर ध्यान नहीं दिया अपितु सभी सामाजिक बुराईयों का उन्मूलन […] Read more » अध्यात्म आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द जीवात्मा ज्ञान पंचमहायज्ञविधि प्रकृति योग सत्यार्थप्रकाश