धर्म-अध्यात्म ‘देश को आजाद कराने की प्रेरणा ऋषि दयानन्द ने की थी’ August 16, 2018 / August 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, भारत संसार का सबसे प्राचीन देश है। इसका मुख्य प्राचीन धर्म वैदिक-धर्म है जो ईश्वर ज्ञान वेद पर आधारित होने सहित विगत कुछ शताब्दियों से नहीं अपितु पूरे 1,96,08,53,118 वर्षों से संसार में प्रवर्तित है और आज भी अपने उज्जवल स्वरूप में विद्यमान है। आज देश व संसार में जितने मत-मतान्तर हैं […] Read more » Featured आर्यसमाजी व ऋषि भक्त ऋषि दयानन्द कुवंर सुखलाल आर्य डा. सत्यप्रकाश जी देश को आजाद भाई परमानन्द लाला लाजपत राय स्वामी रामेश्वरानन्द स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति-निवारण में विद्यमान उपयोगी कुछ ऋषि-वचन” August 14, 2018 / August 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने एक लघु-ग्रन्थ ‘भ्रान्ति–निवारण’ लिखा है। यह लघु-ग्रन्थ ऋषि दयानन्द ने पंडित महेशचन्द्र न्यायरत्न, कलकत्ता की पुस्तक ‘वेदभाष्यपरत्व प्रश्न–पुस्तक’ के खण्डन में लिखा था। ऋषि की इस लघु पुस्तक में अनेक महत्वपूर्ण वचन आये हैं जो वैदिक सिद्धान्तों के पोषक एवं उनकी सरल व्याख्या होने सहित तथ्यपूर्ण भी हैं। हमने […] Read more » “लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति Featured अग्नि’ ईश्वर ऋग्वेद ऋषि दयानन्द ऋषि मुनियों द्रव्यों का वायु विष्णु
धर्म-अध्यात्म “वेद, ईश्वर, जीवात्मा और प्रकृति के सत्य स्वरुप का प्रचार करने से आर्यसमाज मुझे प्रिय है” August 11, 2018 / August 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, संसार में सत्य और असत्य तथा विद्या और अविद्या का अस्तित्व है और मनुष्य को दोनों का ज्ञान होना चाहिये। यदि हमें पता हो कि सत्य क्या है और विद्या क्या है तो हम उसके विपरीत व उल्टे असत्य व अविद्या को भी समझ सकते हैं। मनुष्य के मन में अनेक बार […] Read more » Featured आर्यसमाज वेदों ईश्वर ऋषि दयानन्द धार्मिक व सामाजिक मनुष्य व प्राणी वेद संसार
धर्म-अध्यात्म “विद्यायुक्त सत्य वैदिक धर्म की उन्नति में बाधायें” August 4, 2018 / August 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीनतम एवं ज्ञान विज्ञान से युक्त प्राणी मात्र का हितकारी धर्म है। यही एक मात्र धर्म है जो मनुष्यों को श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने की प्रेरणा करता है। वैदिक धर्म से इतर हिन्दू, जैन, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम आदि मत-मतान्तर हैं। धर्म श्रेष्ठ गुण–कर्म–स्वभाव […] Read more » “विद्यायुक्त सत्य वैदिक धर्म की उन्नति में बाधायें” Featured ऋषि दयानन्द कृपासागर नित्य मुक्तस्वभाव वाला नित्य शुद्ध पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. लेखराम जी महात्मा हंसराज सच्चिदानन्दानन्तस्वरूप स्वामी श्रद्धानन्द जी
धर्म-अध्यात्म “देश में जन्मना जाति व्यवस्था 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई” August 3, 2018 / August 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वेद मनुष्य के गुण, कर्म व स्वभाव को महत्व देते हैं। जो मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव वाला है वह द्विज और जो गुण रहित है उसे शूद्र कहा जाता है। द्विज ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य को कहते हैं जो गुण, कर्म व स्वभाव की उत्तमता से होते हैं। […] Read more » 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई” Featured आचार्य ईश्वर ऋषि दयानन्द चाणक्य देश में जन्मना जाति व्यवस्था धर्म पिता पूर्व परजन्म ब्राह्मण माता मुक्ति विद्या वेद सत्संग
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द की मानवतावादी वेदानुकूल मान्यताओं को न अपनाकर उनसे न्याय नहीं किया गया” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देश का पतन महाभारत काल युद्ध के बाद से हुआ है। इस पतन को हम धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक पतन सहित राजनीतिक पतन भी कह सकते हैं। महाभारत काल तक पूरे विश्व में केवल एक वैदिक धर्म था। सभी लोग वैदिक धर्म का ही पालन करते हैं। वैदिक धर्म से तात्पर्य है कि […] Read more » Featured आर्यसमाज ऋषि दयानन्द कृष्ण पंडित लेखराम मानवतावादी वेदानुकूल मान्यताओं राम वसुधैव कुटुम्बकम् स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “चलो, स्वाध्याय करें” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमारा जहां तक ज्ञान है उसके अनुसार संसार में केवल वैदिक मत ही एकमात्र ऐसा धर्म वा मत है जहां प्रत्येक मनुष्य को वेद आदि सद्ग्रन्थों के स्वाध्याय को नित्य कर्तव्य कर्मों से जोड़ा गया है। वैदिक काल में प्रमुख ग्रन्थ ‘चार वेद’ थे और आज भी संसार के साहित्य में चार […] Read more » Featured अनेक वैदिक अपूर्व ग्रन्थों सत्यार्थप्रकाश आर्याभिविनय उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्य ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द चलो दर्शन भाष्यकार मनुस्मृति महाभारत रामायण वेदभाष्य सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि स्वाध्याय करें”
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है, क्यों व कैसे?” July 25, 2018 / July 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम पृथिवी पर रहते हैं जिसका एक चन्द्रमा है और सुदूर एक सूर्य है जिससे हमें प्रकाश व गर्मी मिलती है। विज्ञान से सिद्ध हो चुका है कि सूर्य अपनी धूरी पर गति करता है और अन्य सभी ग्रह व उपग्रहों को भी गति देता है। पृथिवी अपनी धूरी पर घूमती […] Read more » ‘ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ऋषि दयानन्द क्यों व कैसे?” चन्द्र दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र पृथिवी प्रकृति सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सूर्य
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर हमें अन्धकार से हटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्राप्त कराये” July 24, 2018 / July 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, जीवात्मा और परमात्मा का व्याप्य-व्यापक सम्बन्ध है। जीवात्मा में ईश्वर व्यापक है और जीवात्मा ईश्वर में व्याप्य है। सर्वव्यापक ईश्वर जीवात्मा से सूक्ष्म है और इसके भीतर भी व्यापक है। मनुष्य जीवन मिलने पर जीवात्मा अन्तःकरण चतुष्टय और ज्ञान व कर्मेन्द्रियों की सहायता से सत्य व असत्य, ज्ञान व अज्ञान, हित व […] Read more » “ईश्वर हमें अन्धकार से हटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्राप्त कराये” Featured अर्थ अहंकार ईश्वर ऋषि दयानन्द काम व मोक्ष क्रोध धर्म महर्षि दयानन्द मोह लोभ
धर्म-अध्यात्म “गुरुकुल पौंधा जाकर वहां आचार्यादि मित्रों से शिष्टाचार भेंट” July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, गुरुकुल पौंधा-देहरादून हमारे निवास से 15 किमी. की दूरी पर है। जब भी मन होता है हम महीने में एक या दो बार वहां जाकर गुरुकुल देखने सहित सभी आचार्यगणों से मिल आते हैं। आज भी हम वहां गये। गुरुकुल में हमें आचार्य चन्द्रभूषण शास्त्री, श्री शिवदेव आर्य तथा आचार्य श्री […] Read more » “गुरुकुल पौंधा जाकर वहां आचार्यादि मित्रों से शिष्टाचार भेंट” Featured आचार्य चन्द्रभूषण शास्त्री आचार्य श्री शिवकुमार ऋषि दयानन्द ऋषिभक्तों गुरुकुल हरिद्वार श्री शिवदेव आर्य
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द का वर्ण व्यवस्था पर महत्वपूर्ण उपदेश” July 17, 2018 / July 17, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने अपने विश्व प्रसिद्ध ‘सत्यार्थप्रकाश’ ग्रन्थ में वर्ण व्यवस्था पर विस्तार से प्रकाश डाला है और वेदानुकूल ग्रन्थों के बुद्धि व तर्क संगत प्रमाण भी दिये हैं। हम यहां सत्यार्थप्रकाश के चतुर्थ समुल्लास से उनके कुछ विचारों को प्रस्तुत कर रहे हैं। वह लिखते हैं कि जो शूद्र कुल में […] Read more » Featured आचार्य ईश्वर ऋषि दयानन्द धर्म पिता पूर्व जन्म माता मुक्ति विद्या वेद सत्संग
प्रवक्ता न्यूज़ “जीवात्मा और शरीर” July 16, 2018 / July 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य को मनुष्य इस लिये कहते हैं क्योंकि यह मननशील प्राणी है। मनन का अर्थ है कि मन की सहायता से हम अपने कर्तव्यों व गुण-दोष को जानकर गुणों का ग्रहण व दोषों का त्याग करें। यदि हम मनन करना छोड़ देते हैं और काम, क्रोध, लोभ में फंस कर स्वार्थ […] Read more » “जीवात्मा और शरीर” Featured अनिच्छा अप्रसन्नता आनन्द ऋषि दयानन्द पहिचानना पुरुषार्थ बल मनुष्य विलाप विवेक वैर