लेख समाज कोख में कत्ल होती बेटियाँ: हरियाणा की घुटती संवेदना July 15, 2025 / July 15, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment हरियाणा में केवल तीन महीनों में एक हज़ार एक सौ चौवन गर्भपात। कारण – कन्या भ्रूण हत्या की आशंका। छप्पन आशा कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस। निगरानी प्रणाली में चूक। पश्च परीक्षण प्रणाली और पुलिस के सहयोग से कठोर कार्यवाही की तैयारी। किन्तु क्या यह सख़्ती पर्याप्त है? जब तक समाज की सोच, पारिवारिक मानसिकता […] Read more » Daughters murdered in the womb: Haryana's stifling sentiments कन्या भ्रूण हत्या
महिला-जगत लेख मानवता के विकास की आधारशिला है नारी सशक्तिकरण March 6, 2020 / March 6, 2020 by अमिता सिंह | Leave a Comment राष्ट्र का अभिमान है “नारी”। राष्ट्र की शान है नारी । भारतीय परिवेश व परिधान की शोभा है नारी । नर से नारायण की कहावत को चरितार्थ करती है नारी | मानवता की मिशाल है नारी । महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य है समाज में महिलाओं के वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम […] Read more » Empowerment of women is the cornerstone of the development of humanity कन्या भ्रूण हत्या कार्य-स्थल में उत्पीड़न के खिलाफ कानून गरिमा और शालीनता के लिए अधिकार नारी सशक्तिकरण मानवता के विकास की आधारशिला यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत विकास की आधारशिला है नारी सशक्तिकरण संपत्ति पर अधिकार - हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम समान वेतन का अधिकार
समाज कन्या भ्रूण हत्या January 17, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान स्त्री-पुरुष के बीच असमानता दूर करने में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है और वैश्विक आर्थिक मंच की 2014 की स्त्री पुरुष असमानता सूचकांक में 142 देशों में इसने 114वां स्थान प्राप्त किया है। आर्थिक भागीदारी, शैक्षणिक उपलब्धियों और स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता के पैमानों पर भारत को औसत से कम आंका गया […] Read more » Featured Female Foeticide कन्या भ्रूण हत्या
चिंतन जन-जागरण महिला-जगत क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? March 20, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? भारतको अंग्रेजी शासन से आज़ाद हुए छह दशक से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी लिंग आधारित भेदभाव और महिलाओं पर अत्याचारों में कोई कमी नहींआई है। महिला सशक्तिकरण और महिला उत्थान के लिए आज भी ज्यादा कुछ नहीं किया जा रहा है। निर्भया कांड पर बीबीसी की वृत्त फिल्म ‘इंडिया […] Read more » ‘इंडिया डॉटर कन्या भ्रूण हत्या क्या एक महिला दूसरी महिला की पीड़ा को समझती है ? निर्भया कांड महिला उत्थान महिला की पीड़ा महिला सशक्तिकरण महिलाअशिक्षा महिलाओं पर अत्याचारों सामाजिक-सांस्कृतिक कुरीतियां
समाज क्यों होती है कन्या भ्रूण हत्या ? November 27, 2012 / November 26, 2012 by बीनू भटनागर | 6 Comments on क्यों होती है कन्या भ्रूण हत्या ? बीनू भटनागर कहने को तो बहुत से लोग कह देते हैं कि बेटे और बेटी मे कोई फ़र्क नहीं है पर फिर भी गाँवों मे छोटे बड़े शहरों मे ,पढे लिखे समाज मे भी क्यों होती हैं कन्या भ्रूण हत्यायें ? इस प्रश्न पर गहराई से सोचने की आवश्यकता है। कानून बनते हैं तो तोडने […] Read more » कन्या भ्रूण हत्या
विविधा कन्या-भ्रूण हत्या से उठे सवाल – सारदा बनर्जी October 25, 2012 by सारदा बनर्जी | 1 Comment on कन्या-भ्रूण हत्या से उठे सवाल – सारदा बनर्जी समकालीन भारतीय समाज की भारतीय संविधान पर भरपूर आस्था है। केन्द्र और राज्य की सरकारों की यह जिम्मेदारी है कि वे संविधान प्रदत्त सुरक्षाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करें। लेकिन उनकी ढीलेढाले रवैय्ये के कारण बार-बार संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों के अनुपालन को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि […] Read more » कन्या भ्रूण हत्या
समाज खाप पंचायतों का असली नकली चेहरा ! July 20, 2012 / July 20, 2012 by राजेश कश्यप | 2 Comments on खाप पंचायतों का असली नकली चेहरा ! राजेश कश्यप पिछले कुछ समय से ‘खाप पंचायतें’ अपने तुगलकी फरमान सुनाने और ‘ऑनर किलिंग’ के आरोपों में घिरा होने के कारण ‘खौफ पंचायतों’ में तब्दील हो चुकी हैं। इन खाप पंचायतों का दबदबा अधिकतर उत्तरी भारत में है। इन खाप पंचायतों ने एक के बाद एक कई बेतुके और गैर-कानूनी फैसले सुनाकर अपनी छवि […] Read more » Female Foeticide honour kiling khaqp panchayat ऑनर किलिंग कन्या भ्रूण हत्या
लेख कन्या भ्रूण हत्या July 6, 2011 / December 9, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on कन्या भ्रूण हत्या यह पतन की पराकाष्ठा है। पश्चिमी सभ्यता भारतीय जीवन-मूल्यों को लीलने में जुटा हुआ है। भारतीय खान-पान, वेश-भूषा, भाषा, रहन-सहन, जीवन-दर्शन इन सब पर पाश्चात्य प्रवृति हावी होती जा रही है। हम नकलची होते जा रहे हैं। हम अपना वैशिष्टय भूलते जा रहे हैं। हम स्व-विस्मृति के कगार पर हैं। :कन्या भ्रूण हत्या परमात्मा की […] Read more » Female Foeticide कन्या भ्रूण हत्या