धर्म-अध्यात्म धर्म के नाम पर अधर्म January 30, 2012 / January 30, 2012 by आर.एल. फ्रांसिस | 2 Comments on धर्म के नाम पर अधर्म आर.एल.फ्रांसिस केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने दिल्ली में कैथोलिक संगठन ‘कैरिटस इंडिया के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए आर्चबिशपों, बिशपों सहित कैथोलिक ननों, पादरियों और श्रोताओं की सभा में बोलते हुए कहा कि कैथोलिक चर्च द्वारा संचालित संगठन नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास करने में मदद करें लेकिन ‘लक्ष्मण रेखा का सम्मान करें […] Read more » nonreligious Religion अर्धम धर्म धर्म के नाम पर अर्धम
धर्म-अध्यात्म विज्ञान और अध्यात्म में संबंध July 22, 2011 / December 8, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on विज्ञान और अध्यात्म में संबंध डा. बी. पी. शुक्ल वैज्ञानिक आध्यात्मवाद को समझने के लिए हमें इस तथ्य पर ध्यान देना होगा कि हमारे समक्ष जो विश्व ब्रह्माण्ड है, वह मूलतः दो सत्ताओं से मिलकर बना है- एक जड़ व दूसरा चेतन। जड़ सत्ता अर्थात् पदार्थ का अध्ययन विज्ञान का विषय है जबकि चेतन सत्ता (आत्मा-परमात्माश् का अध्ययन अध्यात्म का […] Read more » Dharm Science अध्यात्म धर्म विज्ञान
धर्म-अध्यात्म धर्म का अधिकार, दायित्व एवं कर्त्तव्य July 8, 2011 / December 9, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on धर्म का अधिकार, दायित्व एवं कर्त्तव्य आनंद सुब्रमण्यम शास्त्री धर्म, मनुष्य को अपने विचारों के प्रति निष्ठावान रहते हुए सबके विचारों को महत्व एवं आदर देने का उपदेश देता है। धर्म मनुष्य को सम्बन्धों के सम्यक निर्वाह के लिए नैतिक मूल्यों की रक्षा का आदेश देता है। धर्म मनुष्य को सम्यक् आचरण के पालन के लिए कर्म को कर्त्तव्य समझकर करने […] Read more » Dharm धर्म
धर्म-अध्यात्म इंसानियत की राह में धर्म के गतिरोधक. June 29, 2011 / December 9, 2011 by श्रीराम तिवारी | 1 Comment on इंसानियत की राह में धर्म के गतिरोधक. श्रीराम तिवारी इंसान ने अपनी पृकृति प्रदत्त नैसर्गिक वौद्धिक बढ़त से जब पृथ्वी पर थलचरों ,जलचरों और नभचरों पर विजय हासिल की होगी तो उसके सामने नित नई-नई प्राकृतिक ,कबीलाई और पाशविक वृत्तियों की चुनौतियां भी आयीं होगी.पहिये और आग के आविष्कार से लेकर परिवार,कुटुंब,समाज,राष्ट्र और ’वसुधेव कुटुम्बकम’ तक आते -आते इंसान जागतिक स्तर पर […] Read more » Religion इंसानियत गतिरोधक धर्म
धर्म-अध्यात्म धर्म का बाजार या बाजार का धर्म June 22, 2011 / December 11, 2011 by श्यामल सुमन | 3 Comments on धर्म का बाजार या बाजार का धर्म श्यामल सुमन कई वर्षों का अभ्यास है कि रोज सबेरे सबेरे उठकर कुछ पढ़ा लिखा जाय क्योंकि यह समय मुझे सबसे शांत और महफूज लगता है। लेकिन जब कुछ पढ़ने लिखने के लिए तत्पर होता हूँ तो अक्सर मुझे दो अलग अलग स्थितियों का सामना अनिवार्य रूप से करना पड़ता हैं। पहला – टी०वी० के […] Read more » Religion धर्म बाजार
धर्म-अध्यात्म धर्म या व्यापार? June 18, 2011 / December 11, 2011 by आर. सिंह | 13 Comments on धर्म या व्यापार? आर. सिंह ऐसे तो धर्म की आड़ में व्यापार हमेशा होता आया है,अतः यह कोई नयी बात नहीं,पर यहाँ तो धर्म की आड़ में जुर्म हुआ है, अतःइसका शीर्षक होना चाहिये था धर्म और जुर्म.आज मेरे सामने दो समाचार हैं. दोनों धर्म की आड़ में जुर्म से संबंधित हैं. पहला समाचार यों है, १९८७ में जब […] Read more » Religion जुर्म धर्म व्यापार
धर्म-अध्यात्म बुद्ध जयंती पर विशेष- धर्म की नई भूमिका की तलाश May 17, 2011 / December 13, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी बौद्ध धर्म के बारे में अनेक मिथ हैं इनमें एक मिथ है कि यह शांति का धर्म है।गरीबों का धर्म है। इसमें समानता है। सच इन बातों की पुष्टि नहीं करता। आधुनिककाल में श्रीलंका में जातीय हिसा का जिस तरह बर्बर रूप हमें तमिल और सिंहलियों के बीच में देखने को मिला है। […] Read more » Mahatma Budh धर्म महात्मा बुद्ध
धर्म-अध्यात्म धर्म बनाम धर्मनिरपेक्षता February 5, 2011 / December 15, 2011 by विजय सोनी | 7 Comments on धर्म बनाम धर्मनिरपेक्षता विजय सोनी धर्म की परिभाषा या व्याख्या करने का अधिकार या कर्तव्य केवल ऋषि मुनियों का ही है, मैं ये दुस्साहस बिलकुल भी नहीं कर सकता केवल एक सामान्य व्यक्ति की सामान्य सोच से ,मैं तो केवल याद दिलाऊंगा की-इस सत्य को तो विज्ञान भी मानता है की आज हम जिस धरती पर जी रहे […] Read more » secularism धर्म धर्मनिरपेक्षता निरपेक्षता
धर्म-अध्यात्म समाज धर्म और समाज में तालमेल जरूरी February 1, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विमल कुमार सिंह पूर्ण मानव समाज, चाहे वह विश्व के किसी भी कोने में रहता हो, किसी न किसी धार्मिक विश्वास या मान्यता से अवश्य जुड़ा रहा है। यद्यपि कुछ लोग ऐसे भी रहे हैं जो धार्मिक विश्वास के सभी रूपों को नकारने में लगे रहे, परंतु इतिहास के पन्ने पलटने पर हमें ज्ञात होता […] Read more » harmony in society धर्म धर्म और समाज में तालमेल समाज में तालमेल
धर्म-अध्यात्म धर्म के नाम पर जाम का दंश झेलता हमारा देश December 11, 2010 / December 19, 2011 by निर्मल रानी | 11 Comments on धर्म के नाम पर जाम का दंश झेलता हमारा देश निर्मल रानी किसी भी मनुष्य के दैनिक जीवन में आम लोगों की दिनचर्या का सुचारू संचालन काफी महत्वपूर्ण होता है। बावजूद इसके कि हमारे देश की लगभग 60 फीसदी आबादी देश के गांव में बसती है तथा शेष जनसंख्या शहरों व कस्बों का हिस्सा हैं। इसके बावजूद गांवों की तुलना में शहरी जीवन कहीं अधिक […] Read more » Religion जाम धर्म
राजनीति डॉ. लोहिया की धार्मिक दृष्टि December 2, 2010 / December 19, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 3 Comments on डॉ. लोहिया की धार्मिक दृष्टि – डॉ. मनोज चतुर्वेदी डॉ. राम मनोहर लोहिया भारतीय संस्कृति के प्रबल पक्षधर थे। उनके साहित्य का अध्ययन करते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि वे तथा उनकी धार्मिक दृष्टि थी। यद्यपि वे स्वयं को नास्तिक कहा करते थे। पर उनकी नास्तिकता यदि देश, समाज, राष्ट्र व मानवजाति के विकास में सहयोगी दिखाई पड़ता है, […] Read more » Religion डॉ. राममनोहर लोहिया धर्म
विविधा धर्मक्षेत्रे भारतक्षेत्रे ………… November 23, 2010 / December 19, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on धर्मक्षेत्रे भारतक्षेत्रे ………… -जयप्रकाश सिंह गीता का प्रथम श्लोक ‘धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे’ भारतीय मनीषा को उत्कृष्टतम अभिव्यक्ति देने वाले ग्रंथ की शुरुआत मात्र नहीं है, यह व्यवस्था की एक एक विशेष स्थिति की तरफ संकेत भी करता है। एक ऐसी जब सत्य और असत्य के बीच आमना -सामना अवश्यंभावी बन जाता है। इस स्थिति में पूरी व्यवस्था व्यापक बदलाव […] Read more » Religion धर्म