राजनीति सारा विश्व आज भारत की ओर देख रहा है June 5, 2016 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on सारा विश्व आज भारत की ओर देख रहा है राकेश कुमार आर्य धृतराष्ट्र ने पूछा-‘‘कणिक! साम, दान, दण्ड और भेद के द्वारा शत्रु का नाश कैसे किया जा सकता है’’ यह मुझे बताइये। कणिक ने कहा-“हे राजन इस विषय में नीतिशास्त्र के तत्व को जानने वाले एक वनवासी गीदड़ का वृतांत सुनाता हूं। एक वन में कोई बड़ा बद्घिमान और स्वार्थ साधन में कुशल […] Read more » Featured world towards India भारत विश्व
विविधा समाज भारत में बाल सुरक्षा दिवस June 1, 2016 / June 1, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी विश्व बाल सुरक्षा दिवस नगर में भी 1 जून को मनाया जाएगा। इस अवसर पर शहर की विभिन्न संस्थाएं कार्यक्रम आयोजित करेगी। कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा का संदेश दिया जाएगा। इसके लिए पूर्व से तैयारी जारी है।विश्व बाल सुरक्षा दिवस के अवसर पर यूनीसेफ़ ने कहा कि ऐसे करोड़ों […] Read more » bal suraksha diwas child safety day Featured बाल सुरक्षा दिवस भारत
कविता साहित्य भारत – स्वच्छ – अस्वच्छ April 19, 2016 / April 21, 2016 by आशा वर्मा | 1 Comment on भारत – स्वच्छ – अस्वच्छ आँख में उँगली डाल एक ज़ोरदार नारे ने हमें झकझोर कर जगा दिया – “स्वच्छ भारत” आजतक पता ही नहीं था कि हम स्वच्छ नहीं हैं । हम तो अबतक यही मानते रहे कि हमने नहा कर तन बदन साफ़ किया । घर-द्वार बुहार कर कूडा कचरा घर के बाहर कर दिया। पूजा-पाठ करके मन […] Read more » अस्वच्छ भारत स्वच्छ
राजनीति भारत में भ्रष्टाचार March 28, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान राजनीतिक और प्रशासनिक भ्रष्टाचार को ठीक से समझने के लिए अध्येताओं ने उसे दो श्रेणियों में बाँटा है। सरकारी पद पर रहते हुए उसका दुरुपयोग करने के ज़रिये किया गया भ्रष्टाचार और राजनीतिक या प्रशासनिक हैसियत को बनाये रखने के लिए किया जाने वाला भ्रष्टाचार। पहली श्रेणी में निजी क्षेत्र को दिये गये […] Read more » Corruption in India Featured भारत भारत में भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार
राजनीति नेपाल: भारत पहल करे December 24, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on नेपाल: भारत पहल करे नेपाली सीमाओं की घेराबंदी हुए तीन माह बीत गए और नेपाल सरकार की आंख अब खुली है। 50 लोग मारे गए और लाखों लोगों का जीना दूभर हो गया, तब जाकर नेपाल सरकार ने मधेसियों की मांगों पर अपना रवैया ढीला किया है। पहले उसने भारत के माथे सारा ठीकरा फोड़ा, फिर वह न्यूयार्क और […] Read more » नेपाल भारत
राजनीति भारत की आगामी राजनीती December 3, 2015 by डॉ. धनाकर ठाकुर | Leave a Comment मैं अंगरेजी वर्ष २०१५ को भारत के राजनीति में आया एक मोड़ मानूंगा जबकि की बिहार के चुनाव परिणाम ने एक सबक सबों को दिया की आप बहुत दिनों तक बहुतों को धोखे में नहीं रख सकते हैं …मैंने कभी यह नही माना की नरेन्द्र मोदी की जीत उनकी ही थी वल्कि वह कांग्रेस की […] Read more » आगामी राजनीती भारत
समाज भारत, भिखारी और भविष्य November 2, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment नुमाईश में खड़े उस बचपन पर लगभग हर रोज निगहबानी करता रहता हूं. सेल्फियों के जरिए लोगों द्वारा उनकी मासूमियत के संग चिपकी गरीबी को कैद होते हुए देखता हूं. नन्हे-नन्हे हाथ, जुबान पर कुछ निवालों की ख्वाहिश लिए भारत का विकास माने जाने वाले तमाम बच्चे आज अपने विकास की दरकार में दर-दर कहें […] Read more » भारत भिखारी और भविष्य
राजनीति विश्ववार्ता नेपाल: भारत चले फूंक-फूंककर September 22, 2015 / September 22, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक नेपाल में नए संविधान की घोषणा का दिन वैसा क्यों नहीं हो सकता था,जैसा कि अन्य देशों में प्रायः होता है? नेपाल के सातवें संविधान की घोषणा के पहले 40 लोग मारे गए और अभी मधेस में प्रदर्शनों का तांता लगा हुआ है। राष्ट्रपति रामबरन यादव खुद मधेशी हैं। उन्होंने इस संविधान को सिर […] Read more » Featured नेपाल भारत
विविधा तब का और अब का भारत—एक अवलोकन July 11, 2015 by गंगानन्द झा | Leave a Comment जेरेमी सीब्रुक अनुवाद—गंगानन्द झा तीस साल पहले जिस भारत को मैं गया था, वह आज के भारत से बिलकुल अलग मुल्क था। विदेशी के जेहन में उस वक्त यह अभी भी एक धुँधले, लेकिन व्यापक खतरे के खिलाफ आगाह करता था। सैलानी जरते थे कि उन्हें कोई छूत न लग जाए. भारत गन्दगी और मुसीबत […] Read more » भारत
परिचर्चा शर्म उनको मगर नहीं आई? June 22, 2015 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on शर्म उनको मगर नहीं आई? -तनवीर जाफरी- ऋषियों-मुनियों, साधू-संतों, पीरों-फकीरों तथा अध्यात्मवादियों की धरती समझा जाने वाला हमारा भारतवर्ष अपनी इसी पहचान के चलते सहस्त्राब्दियों से पूरे विश्व की नज़रों में आदर व सम्मान का पात्र रहा है। भारतवर्ष ने अहिंसा परमो धर्म:, विश्व शांति तथा वसुधैव कुटंबकम का पाठ सारी दुनिया को पढ़ाया । सर्वे भवंतु सुखिन: की आवाज़ […] Read more » Featured केंद्र सरकार नरेंद्र मोदी भारत योग शर्म उनको मगर नहीं आई ? हिन्दुस्तान
कला-संस्कृति विश्व में भारत की पहचान – संस्कृत एवं हिन्दी June 16, 2015 / June 16, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on विश्व में भारत की पहचान – संस्कृत एवं हिन्दी –मनमोहन कुमार आर्य- हमारे देश की वास्तविक पहचान क्या है? विचार करने का हमें इसका एक यह उत्तर मिलता है कि संसार की प्राचीनतम भाषा संस्कृत व आधुनिक भारत की सबसे अधिक बोली व समझी जाने वाली भाषा आर्यभाषा-हिन्दी है। हिन्दी को एक प्रकार से संस्कृत की पुत्री कह सकते हैं। इसका कारण हिन्दी में […] Read more » Featured भारत विश्व संस्कृत हिन्दी
जन-जागरण टॉप स्टोरी विविधा सार्थक पहल योग दिवस पर भारत करेगा विश्व का नेतृत्व June 15, 2015 / June 15, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी कहा जाता है कि विश्व का आध्यात्मिक और वैचारिक दर्शन जहां पर समाप्त होता है, भारत का दर्शन वहाँ से प्रारम्भ होता है। भारत आज भी कई मामलों में विश्व के अनेक देशों से बहुत आगे है। हमारा भारत देश आज भी इतना संसाधन सम्पन्न है कि विश्व के कई देश अनेक विधायों […] Read more » Featured भारत योग दिवस विश्व का नेतृत्व