
कला की कसौटी पर हुसैन
Updated: December 8, 2011
शंकर शरण प्रसिद्ध चित्रकार हुसैन के देहांत पर हमारे अधिकांश अंग्रेजी अखबारों में चर्चा राजनीति, हिन्दुत्वा, कलाकार की अभिव्यक्ति स्वाधीनता और भारत की कथित छवि…
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बुंदेलखण्ड : प्रकृति नहीं, सियासत का कोप भारी है !
Updated: December 8, 2011
सुनील अमर बुंदेलखण्ड देश का दूसरा विदर्भ बनता जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकारों के तमाम घोषित उपायों के बावजूद यहॉ के किसानों द्वारा…
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फेसबुक पर सत्ता का कसता शिकंजा
Updated: December 8, 2011
जगदीश्वर चतुर्वेदी भारत सरकार ने हाल ही में याहू.गूगल,माइक्रोसॉफ्ट आदि कंपनियों को वह सॉफ्टवेयर प्रदान करने का आदेश दिया है जिसके आधार पर वह उनके…
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व्यंग्य : इस देश का यारों क्या कहना..
Updated: December 8, 2011
विजय कुमार छात्र जीवन से ही मेरी आदत अति प्रातः आठ बजे उठने की है; पर आज सुबह जब कुछ शोर-शराबे के बीच मेरी आंख…
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विभागीय जॉंच रूपी अभेद्य सुरक्षा कवच को भेदना होगा!
Updated: December 8, 2011
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ इन दिनों देशभर में लोकपाल कानून को बनाये जाने और लोकपाल के दायरे में ऊपर से नीचे तक के सभी स्तर…
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एक और विभाजन की तैयारी
Updated: December 8, 2011
राजीव गुप्ता यूनान मिस्र रोमां सब मिट गए जहां से बाकी अभी तलक है नमो-निसा हमारा ! कुछ बात है ऐसी कि मिटती नहीं हस्ती…
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भारत, राष्ट्रवाद और राजनीति
Updated: December 8, 2011
नरेश भारतीय हाल ही में भारतवंशी और भारतप्रेमियों की लन्दन में आयोजित एक विशाल जनसभा में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी…
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महज घटना नहीं, बच्चों की रेल से मौत….
Updated: December 8, 2011
रामकुमार ‘विद्यार्थी॔’ म.प्र. के दमोहसागर रेल लाइन पर मालगाड़ी के चपेट में आने के कारण 3 बच्चों की वीभत्स मौत हो गई। घटना अनुसार दमोह…
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सोशल ऑडिट बनाम मनरेगा
Updated: December 8, 2011
सतीश सिंह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत लटेरी तहसील के मुरवास गाँव में उजड़े जंगल को फिर से आबाद करने के…
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सोप-ओपेरा
Updated: December 8, 2011
क्षेत्रपाल शर्मा पश्चिमी जगत में साहित्य की एक समृद्ध, नाट्य विधा में जो उत्थान आया उसकी जड़ में यह ध्येय नजर आता है कि ‘जो…
Read moreआज बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस है
Updated: December 8, 2011
वीरेन्द्र जैन उन्नीस जुलाई वह तिथि है, जिसने वर्ष 1969 में न केवल राजनीति के क्षेत्र में अपितु आर्थिक, सामाजिक क्षेत्र में भी अपने निशान…
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कविता / मुखौटे वाला
Updated: December 8, 2011
पहले भी वह मुखौटे बेचता था. तरह तरह के मुखौटे बेचता था. किसिम किसिम के मुखौटे बेचता था. दूकान थी उसकी नुक्कड़ के कोने में.…
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