विविधा कर्ज से हारती किसान की जिंदगी

कर्ज से हारती किसान की जिंदगी

राजेन्‍द्र बंधु ”किसान से कब बंधुआ मजदूर बन गया, यह नंदकिशोर का पता ही नहीं चला। महंगे कीटनाशक, महंगे बीज और रासायनिक खाद ने उसे…

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विविधा काजल की कोठरी में कैसो ही सयानो जाय…

काजल की कोठरी में कैसो ही सयानो जाय…

चण्डीदत्त शुक्ल मधुमिता शुक्ला, कविता चौधरी, शशि और ऐसे ही ना जाने कितने नाम। यूपी की सियासत को बहुत-से सेक्स स्कैंडल दागदार कर चुके हैं।…

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विविधा बाहर से लड़ाई लड़े बिहार के ईमानदार पत्रकार

बाहर से लड़ाई लड़े बिहार के ईमानदार पत्रकार

संजय स्वदेश जीमेल पर चैट के दौरान पटना के एक विद्यार्थी अभिषेक आनंद से कहा – बिहार के मीडिया के बारे में बतायें। अभिषेक का…

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साहित्‍य जनता के ज्‍यादा निकट होती है मंचीय कविता

जनता के ज्‍यादा निकट होती है मंचीय कविता

आशीष कुमार ‘अंशु’ बात अधिक पुरानी नहीं है, मंचीय कवि अशोक चक्रधर जब हिन्दी अकादमी दिल्ली के उपाध्यक्ष तय हुए, उस वक्त हिन्दी साहित्य समाज…

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राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान

ये है दिल्ली मेरी जान

लिमटी खरे ड्यूरेबल हैं गांधी परिवार के वादे! देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस में नेहरू गांधी परिवार की अपनी अहमियत…

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विविधा दारूल उलूम खतरे में

दारूल उलूम खतरे में

के. विक्रम राव राष्ट्रवादी दारूल उलूम में हो रही घटनाओं से सेक्युलर भारत देवबन्द के प्रत्येक हितैषी को सक्रिय सरोकार होना चाहिए। पाकिस्तान का पुरजोर…

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राजनीति बसपा-कांग्रेस के बीच का ‘खेल’

बसपा-कांग्रेस के बीच का ‘खेल’

संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश विधान सभा का बजट सत्र अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया। ऐसा नहीं था कि इस बार परम्परा से हट कर…

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राजनीति पूर्वांचल की भावनाओं से खेलते अमर सिंह

पूर्वांचल की भावनाओं से खेलते अमर सिंह

प्रदीप चन्‍द्र पाण्‍डेय अमर सिंह इन दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जनपदों की यात्रा कर लोगों को उनके दर्द और अभाव का आभास करा…

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कविता गीत / अब तो जागो जवानी तुम्हें है क़सम

गीत / अब तो जागो जवानी तुम्हें है क़सम

है परीक्षा को देखो घड़ी आ गयी , अब तो जागो जवानी तुम्हें है क़सम। भावनाओं का बढ़ है प्रदूषण रहा, आए दिन अब सुलगने…

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खेल जगत वालीवुड अछूता नहीं है क्रिकेट की दीवानगी से

वालीवुड अछूता नहीं है क्रिकेट की दीवानगी से

लिमटी खरे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ब्रितानियों की बदौलत भारत के लोग क्रिकेट को समझ पाए हैं। एक समय था जब…

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प्रवक्ता न्यूज़ ज्ञानार्जन भारत की परंपराः आरिफ मोहम्मद खान

ज्ञानार्जन भारत की परंपराः आरिफ मोहम्मद खान

भारतीय संस्कृति में पत्रकारिता के मूल्य विषय पर राष्ट्रीय संविमर्श भोपाल 22 फरवरी। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि भारत की…

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विविधा जांच एजेंसियों के काम में राजनीतिक हस्तक्षेप से आतंरिक सुरक्षा पर उठे सवाल

जांच एजेंसियों के काम में राजनीतिक हस्तक्षेप से आतंरिक सुरक्षा पर उठे सवाल

भूपेन्द्र धर्माणी स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में उलझी मनमोहन सरकार अब सरकारी जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली को लेकर उठ रहे प्रश्नों…

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