
इक्कीसवीं सदी में नहीं पहुंच सका है भारत गणराज्य
Updated: December 22, 2011
-लिमटी खरे बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में भविष्यदृष्टा की अघोषित उपाधि पाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सबसे पहले इक्कीसवीं सदी में जाने की…
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माओवादियों की ओवर ग्राउंड आर्मी व ओडिया फिल्म अभिनेता सिद्धांत महापात्र
Updated: December 22, 2011
-समन्वय नंद ओडिया फिल्म के सुपर स्टार तथा बीजू जनता दल से लोकसभा सांसद सिद्धांत महापात्र इन दिनों विवादों में फंसे हैं। ओडिया सिनेमा में…
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”छिनालवाद” को जन्म देने वाली ये साहित्यिक विभूतियाँ
Updated: December 22, 2011
-गिरीश पंकज साहित्य में इन दिनों ” छिनालवाद” का सहसा नव-उदय हुआ है. इसके आविष्कर्ता है वर्धा के अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति विभूतिनारायण राय. यह…
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पेड न्यूज पर आयोग की पैनी नजर
Updated: December 22, 2011
-लीना पिछले दिनों नए चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने कहा कि पेड न्यूज पर आयोग की पैनी नजर रहेगी। ऐसा कह कर उन्होंने भी…
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परिचर्चा : राष्ट्रमंडल खेल और सेक्स
Updated: April 9, 2014
यह पतन की पराकाष्ठा है। पश्चिमी सभ्यता भारतीय जीवन-मूल्यों को लीलने में जुटा हुआ है। भारतीय खान-पान, वेश-भूषा, भाषा, रहन-सहन, जीवन-दर्शन इन सब पर पाश्चात्य…
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इंद्रेश कुमार : संघ का उदारवादी चेहरा!
Updated: December 22, 2011
-फ़िरदौस ख़ान मुसलमानों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पैठ बढ़ाने की कवायद में जुटे आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार की मुश्किलें कम होने का…
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हंगामा है क्यूं बरपा…
Updated: December 22, 2011
-प्रेम जनमेजय साहित्य मे हंगामे न हो तो साहित्य किसी विधवा की मांग या फिर किसी राजनेता का सक्रिय राजनीति से दूर जैसा लगता है।…
Read moreव्यंग्य/टारगेट !
Updated: December 22, 2011
-जवाहर चौधरी भारत में दो तरह के लोग रहते हैं, एक- जिन्हें बैंकें लोन देतीं हैं ओर दूसरे जिन्हें किसी भी हालत में नहीं देतीं।…
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डिजिटल मनमोहन के डिजिटल शत्रु
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी मनमोहन सिंह जब से प्रधानमंत्री बने हैं। वे मीडिया और विशेषज्ञों की आलोचना में नहीं आते। उन्हें प्रधानमंत्री बने 6 साल से ज्यादा…
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इंसान पर भारी खेल
Updated: December 22, 2011
-सतीश सिंह राष्ट्रमंडल खेल के शुरु होने से पहले खेल की तैयारी को लेकर जिस तरह से रोज नाटक हो रहे हैं, वह निश्चित रुप…
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मनमोहन के डिजिटल विभ्रम में चमकती गरीबी
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी मनमोहन सिंह का दावा है कि वह विकास पुरूष हैं। विकासपुरूष का उनका विभ्रम सबको आकर्षित कर रहा है। विकास के नाम पर…
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ग्लोबल वार्मिंग से बिगड़ी भारत के मानसून की चाल
Updated: December 22, 2011
-पंकज चतुर्वेदी मानसून की टेढ़ी चाल से भारत में सभी हतप्रभ हैं। पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह से मानसून दगा दे रहा है। वो…
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