
आँख से आंसू नहीं शोले निकलने चाहिए
Updated: December 24, 2011
एक बार अपनी गाड़ी के नीचे एक गिलहरी के दब कर मर जाने के बाद नेहरू की प्रतिक्रिया थी कि इस जैसा फुर्तीला जानवर इसलिए…
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कोई सीता मैया को फूल चढ़ायेगा?
Updated: December 24, 2011
इन दिनों श्रीलंका में पर्यटक के रूप में भी भावुक न होना कठिन है। एक राहत की सांस अब भी सरसराती है, क्षितिज को चूमते…
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भाषा और संस्कृति : भारतीय जीवन का संदर्भ
Updated: December 24, 2011
जब द्वितीय युद्ध ने सामरिक शक्ति के बल पर स्थापित साम्राज्यवाद को तोड़ दिया तब यू एस ने आर्थिक साम्राज्यवाद प्रारंभ किया जिसके प्रसार में…
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कागजरहित आईपेड केन्द्रित शिक्षा का वर्चुअल आयाम
Updated: December 24, 2011
इन दिनों मीडिया से इंटरनेट तक आई पेड की धूम मची है। यह भी हवा बनाई जा रही है कि आईपेड के आने के साथ…
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खबरे में है बंसल की नौकरी
Updated: December 24, 2011
नई दिल्ली 06 अप्रेल। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल पर कांग्रेस की राजमाता श्रीमती सोनिया गांधी का नजला टूटने ही वाला है। महिला आरक्षण विधेयक…
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कब तक ढोए जाते रहेंगे गुलामी के लबादे
Updated: December 24, 2011
देश के हृदय प्रदेश में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक एसी बहस को जन्म दे दिया है, जिसके बारे में उन्होंने…
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भाजपा : आकार लेना एक वटवृक्ष का…!
Updated: December 24, 2011
भाजपा के इकतीसवें स्थापना दिवस पर विशेष भारत की पश्चिमी घाट को महिमा मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर मैं यह भविष्यवाणी करने…
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ये है दिल्ली मेरी जान/आखिर चाहते क्या हैं शशि थुरूर
Updated: December 24, 2011
भारत गणराज्य का इससे बडा दुर्भाग्य नहीं होगा कि उसका एक मंत्री बार बार विदेश की एक सोशल नेटवर्किंग वेव साईट पर सरकरी नीतियों पर…
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कमलनाथ और रमेश की तनातनी सडकों पर
Updated: December 24, 2011
नई दिल्ली 05 अप्रेल। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ और वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के बीच खिचीं अघोषित तलवारों की खनक अब…
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वर्चस्व के संघर्षों का अखाड़ा है भाषा
Updated: December 24, 2011
भाषा का प्रयोग और भाषिक संकल्पनाएं वर्गाधारित रही हैं। भाषा को लेकर जितनी भी धारणाएं है उन सबमें एक आम राय है कि भाषा निरपेक्ष…
Read moreसंस्कृति में रीतिवाद के खतरे
Updated: December 24, 2011
जैसे विज्ञापन में रीतिवाद का महत्व होता है, प्रचार मूल्य होता है। विनिमय मूल्य होता है। उसी तरह लेखक संगठनों के द्वारा आयोजित कार्यक्रम भी…
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भाजपा….सूरज ना बन पाये तो, बन के दीपक जलता चल…!
Updated: December 24, 2011
रामायण का प्रसंग है। भगवान राम कहते हैं, न भीतो मरणादस्मि, केवलम् दूषितो यश: यानि मैं मरने से नहीं डरता, केवल कलंक या अपयश से…
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