
राम नाम भजने के बजाय उनके आदर्शों पर चल
Updated: December 26, 2011
दानवों से ऋषि मुनियों और मानवों को मुक्ति दिलाकर जब रावण वध करके भगवान राम अयोध्या वापस आये थे तो अयोध्यावासियों ने घी के दिये…
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अंधेरों की चीरती शब्दों की रौशनी – हिन्द स्वराज्य की शताब्दी वर्ष पर विशेष
Updated: December 26, 2011
महात्मा गांधी की मूलतः गुजराती में लिखी पुस्तक हिन्द स्वराज्य एक बार फिर अपने सौ साल पूरे होने पर चर्चा में है। महात्मा गांधी की…
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मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है…गिरीश पंकज…
Updated: December 26, 2011
मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है, वरना इस महंगाई में तो रूखी-सूखी थाली है।। जो गरीब है, वह भी तो त्यौहार मनाया…
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दीवाली पर एक काम करना- गरीबों का भी ध्यान रखना….
Updated: December 26, 2011
सामने दीवाली है. एकदम सामने…हर कोई उसके स्वागत को तैयार है. धनपति की अपनी तैयारी है. निर्धन की अपनी आधी-अधूरी तैयारी है . दरअसल दीवाली…
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दीवाली पर एक गीत..- गिरीश पंकज
Updated: December 26, 2011
जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. . हर चेहरा मुस्कान भरा हो, हर आँगन नाचे खुशहाली, जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो…
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पत्रकार लालगढ़ के मामले में आत्म-मंथन करें – किशोर कुमार
Updated: December 26, 2011
पश्चिम बंगाल के लालगढ़ से नक्सली नेता छत्रधर महतो की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की भूमिका और पत्रकारिता की चुनौतियों पर बहस छिड़ी हुई है।…
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2 अक्टूबर को हम भी गांधी से मिले
Updated: December 26, 2011
गांधी को गुजरे दशकों बीत गए लेकिन वे आज भी करोड़ों दिलों में जिंदा हैं। कम से कम उनके जन्मदिन पर राजघाट स्थित उनके समाधि…
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हिन्द स्वराज में दुनिया के सभी समस्याओं का समाधान नहीं है – गौतम चौधरी
Updated: December 26, 2011
हिन्द स्वराज पर टिप्पणी करने से पहले इस देश के अतीत और अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि को खंगाला तो लगा कि जो गांधी कह रहे हैं…
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मीडिया खड़ा बाज़ार में – प्रदीप जिलवाने
Updated: December 26, 2011
तकनीक ने आचार-विचार से व्यवहार तक जीवन के सभी पक्षों को प्रभावित किया है. नित नये परिवर्तन देखने को मिल रहे है. चीजें बाज़ार में…
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‘थैंक गॉड’ कम से कम एक सांसद तो पियक्कड़ नहीं है!
Updated: December 26, 2011
अभी हाल में हुई प्रभात झा और विजय माल्या प्रकरण ने हमारे देश के गणमान्य सांसदों की पोल खोल दी है। अभी तक तो जनता…
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ये है दिल्ली मेरी जान
Updated: December 26, 2011
कहां खो गया कांग्रेस का चाणक्य! एक समय था जब देश की राजनीति में कुंवर अर्जुन सिंह को कांग्रेस की आधुनिक राजनीति का चाणक्य माना…
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अंधेरे के विरुद्ध इरोम शर्मीला छानू…
Updated: December 26, 2011
इरोम शर्मीला छानू…अब किसी परिचय की मोहताज नही है. वह पिछले आठ वर्षो से आमरण-अनशन पर है। उसकी एक सूत्री मांग है-मणिपुर में फौज को…
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