कला-संस्कृति विविधा राम और रामराज्य April 3, 2017 / April 3, 2017 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment गांधीजी कहते थे- ‘‘अपराधी से नहीं अपराध से घृणा होनी चाहिये।’’ कितना भी बड़ा अपराध क्यों न हो, उसे एहसास करनें वाला, लज्जित होने वाला अपराध का परिमार्जन कर देता है। निश्चित रूप से अपराधबोध से ग्रस्तव्यक्ति का व्यक्तित्व भी विभाजित होगा और ऐसे व्यक्ति एक आदर्श समाज बनाने मे सहायक नहीं हो सकते। श्री राम को यह बात अच्छी तरह पता है। यद्यपि सत्ता के लिये निकटतम सम्बंधियों की हत्याओं से इतिहास भरा पड़ा है। मुस्लिमों की परम्पराओं पर इस सम्बंध में अलग से कुछ कहने की जरूरत नहीं है। वहीं सिंहासन की जगह वनवास दिलाने वाली कैकेयी को श्री राम लज्जित समझकर सबसे पहले उसी से मिलकर उसे अपराध बोध से मुक्त कराते हैं। इस तरह से श्रीराम जैसे उदात्त दृष्टि वाले शासक अथवा अग्रणी व्यक्ति होंगे, तभी इस धरती पर रामराज्य संभव है। Read more » राम राम और रामराज्य रामनवमी रामराज्य
राजनीति राम के नाम चुनावी नैया October 19, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment रामाश्रय लेना राजनीतिक दलों के लिए शायद इसलिए जरूरी लग रहा है, क्योंकि उनके पास राज्य के विकास का कोई ठोस अजेंडा नहीं है। साथ ही इतना आत्मविश्वास भी नहीं है कि सिर्फ विकास और सुद्ढ़ कानून व्यवस्था पर वोट मांग सकें, क्योंकि अराजकता पर नियंत्रण कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। इसलिए जाति और धर्म से जुड़े प्रतीकों को विकल्पों के रूप में आजमाने की कोशिशें तेज हो रही हैं Read more » UP election 2017 चुनावी नैया राम राम के नाम चुनावी नैया
धर्म-अध्यात्म राम के आदर्श जीवन के अनुरूप स्वयं को बनाने का व्रत लें October 23, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment विजयादशमी पर्व पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्श जीवन के अनुरूप स्वयं को बनाने का व्रत लें विजयादशमी पर्व से हमारे पूर्वजों व देशवासियों ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्री रामचन्द्र जी के आदर्श जीवन व उनके कृतित्व को जोड़ा है। यद्यपि आश्विन शुक्ला दशमी को मनाई जाने वाली विजयादशमी का श्री रामचन्द्र जी की लंकेश रावण […] Read more » Featured राम
चुनाव जरूर पढ़ें क्यों उठती है राम द्रोहियों के पेट में मरोड़ ? May 9, 2014 by प्रवीण दुबे | Leave a Comment -प्रवीण दुबे- नरेन्द्र मोदी के चुनावी मंच पर भगवान श्रीराम की तस्वीर व प्रस्तावित राम मंदिर का चित्र देखकर इस देश के तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी लोगों के पेट में मरोड़ उठना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं कही जा सकती। जो लोग इस पर विधवा विलाप कर रहे हैं, यह उसी मानसिकता के लोग हैं जिन्होंने रामसेतु को […] Read more » नरेंद्र मोेदी मोदी के राम नाम पर संग्राम मोदी पर संग्राम राम राम मंदिर राम विद्रोही
आलोचना समाज राम बनाम राम जेठामलानी November 24, 2012 / November 24, 2012 by वीरेंदर परिहार | 7 Comments on राम बनाम राम जेठामलानी वीरेन्द्र सिंह परिहार देश के ख्याति-लब्ध अधिवक्ता और भाजपा के राज्यसभा सासंद रामजेठामलानी का गत दिनों का यह कथन काफी तूल पकड़ चुका है कि राम एक बुरे पति थें। गीता में कृष्ण ने कहा है-बड़े लोग जैसा आचरण करते है,आम लोग उसका अनुकरण करते है। अब जहां तक राम के सीता-निष्कासन का प्रश्न है,वह […] Read more » राम राम जेठामलानी
राजनीति क्या राम से लड़कर भारत में साम्यवाद लाया जा सकता है? December 16, 2010 / December 18, 2011 by श्रीराम तिवारी | 5 Comments on क्या राम से लड़कर भारत में साम्यवाद लाया जा सकता है? श्रीराम तिवारी अयोध्या विवाद के सन्दर्भ में लखनऊ खंडपीठ द्वारा सम्बन्धित पक्षकारों को दी गई ९० दिन की समयावधि वीतने जा रही है. इस विमर्श में जहाँ एक ओर हिंदुत्ववादियों ने अपने पुराने आस्था राग को जारी रखा और धर्मनिरपेक्षता पर निरंतर प्रहार जारी रखे वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने भी दबी जबान से […] Read more » Ram मार्क्सवाद राम साम्यवाद
धर्म-अध्यात्म भारतीय मानस में राम July 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on भारतीय मानस में राम – राजीव मिश्र भारतीय संस्कृति में समता-समरसता के एक आदर्श आराधक देवता मर्यादा पुरुषोतम राम हैं जो मानव भी है और देवता होने के कारण करोड़ों के आराध्य हैं। सैकड़ों धार्मिक गतिविधियाँ, मान्यताएँ, विश्वास, लोक-कथाएं उनके पावन चरित्र से जुड़ी हैं। जहाँ वह राजा दशरथ और माता कौशल्या के तेजस्वी आज्ञाकारी पुत्र हैं वहीं वह […] Read more » Ram राम
धर्म-अध्यात्म राम नाम भजने के बजाय उनके आदर्शों पर चल October 17, 2009 / December 26, 2011 by आशुतोष वर्मा | 2 Comments on राम नाम भजने के बजाय उनके आदर्शों पर चल दानवों से ऋषि मुनियों और मानवों को मुक्ति दिलाकर जब रावण वध करके भगवान राम अयोध्या वापस आये थे तो अयोध्यावासियों ने घी के दिये जलाकर उनका स्वागत किया था जिसे हम आज भी दीपावली के रूप में मनाते हैं। अपने पिता राजा दशरथ द्वारा माता कैकयी को दिये गये वचन को निभाने के लिये […] Read more » Ram राम