विविधा कितना व्यावहारिक गांधी विचार ? January 29, 2016 | Leave a Comment 30 जनवरी: गांधी व्यवहार की विचार तिथि कहने को 21वीं सदी, नई तकनीकी की युवा सदी है; एक ऐसी सदी, जब सारी दुनिया डिजीटल घोङों पर सवारी करने को उत्सुक है। सारी तरक्की, ई मानदण्डों की ओर निहारती ओर नजर आ रही है। ई शिक्षा, ई चिकित्सा, ई व्यापार, ई निगरानी, ई सुरक्षा, और यहां […] Read more » Featured कितना व्यावहारिक गांधी विचार ?
विधि-कानून विविधा सिर्फ मतदान नहीं, मतदाता की भूमिका January 26, 2016 / January 26, 2016 | Leave a Comment 25 जनवरी: राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विशेष एक वोट ने फ्रांस में लोकतांत्रिक सरकार का रास्ता प्रशस्त किया; एक वोट के कारण ही जर्मनी.. नाजी हिटलर के हवाले हो गया। यह एक वोट ही था, जिसने 13 दिन में ही अटल सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। एक वोट ने ही […] Read more » Featured मतदाता की भूमिका मतदान
महत्वपूर्ण लेख महिला-जगत समाज बिटिया दीप बने तो कैसे ? January 23, 2016 | Leave a Comment 24 जनवरी: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष श्वेत-श्याम दुई पाटन बीच बालिका सशक्तिकरण कथाकार उर्मिला शिरीष की एक कहानी है – ’जंगल की राजकुमारियां’। कहानी में नन्ही बुलबुल और दादी के बीच इन संवादों को जरा गौर से पढि़ए: ’’अच्छा दादी, बताओ, क्या मैं पुलिसवाली नहीं बन सकती ?’’ ’’क्या करेगी पुलिसवाली बनकर ?’’ ’’गुण्डों […] Read more » Featured rashtriy balika diwas बिटिया दीप बने तो कैसे ? राष्ट्रीय बालिका दिवस
विविधा साक्षात्कार सार्थक पहल ’गंगा कोई नैचुरल फ्लो नहीं’ January 20, 2016 | 4 Comments on ’गंगा कोई नैचुरल फ्लो नहीं’ स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद – प्रथम कथन प्रस्तुति: अरुण तिवारी पहला कथन: ’गंगा कोई नैचुरल फ्लो नहीं’ तारीख 01 अक्तूबर, 2013: देहरादून का सरकारी अस्पताल। समय सुबह के 10.36 बजे हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अरविंद पांडे आकर जा चुके हैं। लोक विज्ञान संस्थान से रोज कोई न कोई आता है। श्री रवि चोपङा भी […] Read more » ’गंगा कोई नैचुरल फ्लो नहीं’ Featured प्रो. जी. डी. अग्रवाल स्वामी सानंद
विविधा सार्थक पहल युवा वही, जो बदले दुनिया January 12, 2016 | 1 Comment on युवा वही, जो बदले दुनिया 12 जनवरी – राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष यौवन तन नहीं, मन की अवस्था है। हां! तन की भिन्न अवस्थाये,ं मन की इस अवस्था को प्रभावित जरूर करती हैं। युवा मन बंद खिडकी-दरवाजे वाला मकान नहीं होता। लेकिन जो एक बार ठान लिया; वह करके ही दम लिया। जिसे एक बार मान ंिलया; उस पर […] Read more » Featured national youth day vivekanand birth anniversary युवा वही जो बदले दुनिया
जन-जागरण प्रवक्ता न्यूज़ कई स्कूलों में होगा मां भारती का जलगान January 3, 2016 / January 3, 2016 | Leave a Comment सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग की नई पहल पानी बचाने का संदेश देगा यह कार्यक्रम बाङमेर: राज्य भर में पानी बचाने और जल का अपव्यय रोकने के लिए काम कर रहा सीसीडीयू का आई ई सी अनुभाग रेतीले बाङमेर में एक खास पहल की शुरुआत करने जा रहा है। बाङमेर के कई विद्यालय सीसीडीयू के आई […] Read more » कई स्कूलों में होगा मां भारती का जलगान
खेत-खलिहान विविधा समाज सार्थक पहल कारसेवा का करिश्मा : निर्मल कालीबेंई January 2, 2016 | 1 Comment on कारसेवा का करिश्मा : निर्मल कालीबेंई अरुण तिवारी होशियारपुर के धनोआ गांव से निकलकर कपूरथला तक जाती है 160 किमी लंबी कालीबंेई। इसे कालीबेरी भी कहते हैं। कुछ खनिज के चलते काले रंग की होने के कारण ’काली’ कहलाई। इसके किनारे बेरी का दरख्त लगाकर गुरुनानक साहब ने 14 साल, नौ महीने और 13 दिन साधना की। एक बार नदी में […] Read more » Featured कारसेवा का करिश्मा निर्मल कालीबेंई
खेत-खलिहान विविधा सूखा राहत में स्वराज की मांग December 27, 2015 | Leave a Comment सूखा राहतराज बनाम स्वराज यह बात कई बार दोहराई जा चुकी है कि बाढ़ और सुखाङ अब असामान्य नहीं, सामान्य क्रम है। बादल, कभी भी-कहीं भी बरसने से इंकार कर सकते हैं। बादल, कम समय में ढे़र सारा बरसकर कभी किसी इलाके को डुबो भी सकते हैं। वे चाहें, तो रिमझिम फुवारों से आपको बाहर-भीतर […] Read more » Featured सूखा राहत में स्वराज की मांग
पर्यावरण विविधा पेरिस जलवायु समझौता December 24, 2015 | Leave a Comment यह इश्क नहीं आसां किसी और नजरिए से हम पेरिस जलवायु समझौते के नफा-नुकसान की तलाश तो कर सकते हैं, किंतु यह नहीं कह सकते कि यह समझौता पृथ्वी के वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि करेगा; अर्थात यह समझौता, तापमान वृद्धि रोकने में तो कुछ ल कुछ मदद ही करने वाला है। पेरिस जलवायु समझौते […] Read more » Featured paris climate conference paris jalvayu samjhauta पेरिस जलवायु समझौता
पर्यावरण बदलती आबोहवा: क्यों चिंतित हो भारत ? December 24, 2015 | Leave a Comment अरुण तिवारी क्या जलवायु परिवर्तन का मसला इतना सहज है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने मात्र से काम चल जायेगा या पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए करना कुछ और भी होगा ? इसके लिए हम दूसरे देशों के नजरिए और दायित्वपूर्ति की प्रतीक्षा करें या फिर हमें जो कुछ करना है, हम वह […] Read more » changing climate Featured क्यों चिंतित हो भारत ? बदलती आबोहवा
पर्यावरण बदलती आबोहवा: क्या करे भारत ? December 24, 2015 / December 24, 2015 | Leave a Comment अरुण तिवारी कार्बन की तीन ही गति हैं: उपभोग, उत्सर्जन और अवशोषण। तीनों के बीच संतुलन ही जीवन सुरक्षा की कुदरती गारंटी है। इन तीनों के बीच संतुलन गङबङाया है, लिहाजा, जीवन सुरक्षा की कुदरती बीमा पाॅलिसी भी गङबङा गई है। दोष और समाधान के रूप में आज सबसे ज्यादा चर्चा और चिंता कार्बन उत्सर्जन […] Read more » changing climate Featured Global Warming कार्बन उपभोग कैसे घटे कार्बन उपभोग बदलती आबोहवा
जन-जागरण पर्यावरण नये साल पर लें 21 जलवायु संकल्प December 24, 2015 | Leave a Comment पाठकों को नूतन वर्ष 2016 की शुभकामना! शुभकामना है कि आप स्वस्थ जीयें; मरें, तो संतानों को सांसों और प्राणजयी संसाधनों का स्वस्थ-समृद्ध संसार देकर जायें। संकल्प करें; नीचे लिखे 21 नुस्खे अपनायें; आबोहवा बेहतर बनायें; मेरी शुभकामना को 100 फीसदी सच कर जायें। 1. स्वच्छता बढ़ायें। कचरा चाहे, डीजल में हो अथवा […] Read more » 21 जलवायु संकल्प Featured