मनोज ज्वाला

मनोज ज्वाला

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* लेखन- वर्ष १९८७ से पत्रकारिता व साहित्य में सक्रिय, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं से सम्बद्ध । समाचार-विश्लेषण , हास्य-व्यंग्य , कविता-कहानी , एकांकी-नाटक , उपन्यास-धारावाहिक , समीक्षा-समालोचना , सम्पादन-निर्देशन आदि विविध विधाओं में सक्रिय ।
* सम्बन्ध-सरोकार- अखिल भारतीय साहित्य परिषद और भारत-तिब्बत सहयोग मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ।

लेखक - मनोज ज्वाला - के पोस्ट :

राजनीति

गीता की महत्ता और संस्कृत-शिक्षा की उपेक्षा

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मनोज ज्वाला गीता हमारे राष्ट्र-जीवन को संजीवनी-शक्ति प्रदान करते रहनेवाली ‘सदानीरा’ है। इसमें भारतीय ज्ञान-विज्ञान को व्याख्यायित करनेवाले संस्कृत शास्त्रों-वेदों-पुराणों-उपनिषदों के सार-तत्व विद्यमान हैं। शासनिक उपेक्षा के कारण संस्कृत का पठन-पाठन दुर्लभ होते जाने के कारण प्राचीन भारतीय ग्रन्थों-शास्त्रों से जन-सामान्य की अनभिज्ञता के बावजूद गीता’की सार्वकालिकता-सार्वदेशिकता और सर्वस्वीकार्यता आज भी विद्यमान है। यूरोप को […]

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राजनीति

भारत की राष्ट्रीयता के विरुद्ध मजहबी संस्थाओं का छद्म युद्ध

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मनोज ज्वाला भारत की राष्ट्रीयता अर्थात सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति पर बहुविध अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रों के बादल मंडरा रहे हैं। इस षड्यंत्र में वैसे तो अमेरिका की कई मजहबी संस्थायें शामिल हैं, किन्तु दलित फ्रीडम नेटवर्क और फ्रीडम हाउस दो ऐसी संस्थायें हैं, जो अमेरिकी शासन में भी इतनी गहरी पैठ रखती हैं कि उसकी […]

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