मीडिया पत्रकारिता: संकट में छिपा अवसर November 16, 2017 | Leave a Comment पत्रकारिता वर्तमान में साहित्य की सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण, प्रभावकारी एवं संभावनाओं से भरी विधा है। यदि आपमें मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अभिलाषा है तो साहित्य की उपलब्ध विधाओं में तो इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं दिखता। साहित्य की अन्य विधाओं की संरचना ही इस प्रकार की है कि लाक्षणिकता और संकेतात्मकता उनकी आधारभूत […] Read more » Featured Journalism कॉरपोरेटीकरण कॉर्पोरेट पत्रकारिता टी. आर. पी. पत्रकारिता प्रिंट मीडिया भारतीय पत्रकारिता भारतीय स्वाधीनता संग्राम
समाज चर्चा से बाहर होते जा रहे बाल श्रमिक बच्चे November 13, 2017 | Leave a Comment स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी हम अपने बालक बालिकाओं के लिए ऐसा कुछ उल्लेखनीय कर पाने में विफल रहे हैं जिस पर गर्व किया जा सके। इंडियन लेबर आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट बताती है कि देश में 1 करोड़ 30 लाख बाल श्रमिक हैं। इनमें से सत्तर प्रतिशत लड़कियाँ हैं। यह आंकड़े शर्मनाक और […] Read more » child labour child labourers going out of discussion Featured बाल श्रमिक
आर्थिकी राजनीति आंकड़ों के बहाने आत्मावलोकन November 10, 2017 | Leave a Comment विगत दिनों में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं ने दो आंकड़े जारी किए। वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के आकलन में भारत ने 30 स्थानों की छलांग लगाई। इसे मीडिया ने जम कर कवर किया और राजनीतिक दलों ने भी इस पर अपनी सकारात्मक अथवा नकारात्मक प्रतिक्रिया खुल कर दी। एक दूसरा अचर्चित आकलन […] Read more » demonetisation effects of notebandi Featured gender equality gst आत्मावलोकन जेंडर गैप इंडेक्स वर्ल्ड बैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी
लेख साहित्य हमें इतिहास में जीना छोड़ना होगा October 30, 2017 | Leave a Comment यह विवाद जोरों पर है कि सत्ता पक्ष देश के इतिहास को परिवर्तित कर नया इतिहास गढ़ रहा है जो उचित नहीं है। सत्ता हमेशा ही इतिहास का उपयोग अपनी नीतियों और विचारधारा को उचित ठहराने के लिए करती रही है और इतिहास की पुनर्व्याख्या होती रही है। वर्तमान कोशिश में नया कुछ भी नहीं […] Read more » Featured
विविधा आधार का दार्शनिक आधार October 28, 2017 | Leave a Comment राजू पाण्डेय बायोमेट्रिक मापन का इतिहास अपराध शास्त्र की पुस्तकों में पढ़ा जा सकता है। सन 1896 में बंगाल पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल सर एडवर्ड हेनरी ने फिंगरप्रिंट क्लासिफिकेशन सिस्टम का विकास किया। 1903 में न्यूयॉर्क स्टेट प्रिजन ने फिंगरप्रिंट का उपयोग प्रारंभ किया। बायोमेट्रिक मापन के विषय में हुए शोधों को एफ़ बी आई […] Read more » Aadhar Featured आधार डेमोग्राफिक डेटा बॉयोमेट्रिक डेटा
विविधा विश्व खाद्य दिवस पर चर्चा में भुखमरी October 15, 2017 | Leave a Comment यह कम दुर्भाग्यजनक नहीं है कि अपने देश में व्याप्त भुखमरी पर चर्चा करने के लिए हमें ग्लोबल हंगर इंडेक्स के आंकड़ों की आवश्यकता होती है। और जब यह चर्चा हो भी रही है तो इसका स्वरूप निम्न स्तरीय राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह गया है। श्री राहुल गाँधी एवं श्रीमती स्मृति ईरानी के बीच […] Read more » Featured Global HUnger Index 2017 ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2017 चाइल्ड वेस्टिंग चाइल्ड स्टन्टिंग विश्व खाद्य दिवस वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था शिशु मृत्यु दर
विविधा संकीर्णताओं के विरोध में खड़ी है हिंदी September 9, 2017 | Leave a Comment जब हम हिंदी की उपेक्षा की बात करते हैं और इसके संरक्षण-संवर्धन हेतु शासकीय सहयोग की आशा करते हैं तब हमें यह भी सोचना चाहिए कि कहीं हिंदी की शक्ति और उसके सामर्थ्य के प्रति हम स्वयं ही सशंकित तो नहीं हैं जिस कारण हममें असुरक्षा की भावना आ गई है। यह एक निर्विवाद तथ्य […] Read more » Featured hindi संकीर्णताओं के विरोध में हिंदी
समाज बदलाव के दौर से गुजरते शिक्षक September 2, 2017 / September 3, 2017 | Leave a Comment सरकार और समाज ने समय के साथ मिलकर शिक्षक की भूमिका में जो काट छाँट की है उसने शिक्षक को एक बहुत सीमित दायरे में धकेल दिया है। सूचना क्रांति के इस दौर में जब ज्ञान प्राप्ति के अनंत द्वार खुले हुए हैं शिक्षक का ज्ञान प्रदाता के तौर पर चला आ रहा वर्षों पुराना […] Read more » 5th September Teachers day Featured Teacher Teachers Day शिक्षक
खेल जगत विविधा राष्ट्रीय खेल दिवस: खेलों में राजनीति का घालमेल August 30, 2017 | Leave a Comment हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर 29 अगस्त को आयोजित किया जाने वाला राष्ट्रीय खेल दिवस हमें यह आत्मावलोकन करने का अवसर देता है कि खेलों को पाठ्यक्रम,कैरियर और इनसे भी बढ़कर जीवन का एक हिस्सा बनाने हेतु हमारे प्रयास किस हद तक गंभीर रहे हैं। गतिविधियों के नाम पर इस दिन राष्ट्रपति […] Read more » interference of politics into games national games day किदाम्बी श्रीकांत खेल टेनिस के अमृतराज बंधु निशानेबाजी के अभिनव बिंद्रा पी कश्यप पी कश्यप तथा किदाम्बी श्रीकांत पी वी सिंधु पेस-भूपति बैडमिंटन के गोपीचंद मेजर ध्यानचंद रमेश कृष्णन साइना नेहवाल सानिया मिर्जा
समाज ट्रिपल तलाक़:संस्थागत धर्म की सीमाएं तय करना जरूरी August 27, 2017 | Leave a Comment इंस्टैंट ट्रिपल तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्याय प्रक्रिया की बारीकियों के आधार पर मूल्यांकन करने पर एक संतुलित और तकनीकी दृष्टि से परिपूर्ण परंपरागत फैसला है किन्तु अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण यह ऐतिहासिक बनते बनते रह गया है। सर्वप्रथम पांच जजों की बेंच द्वारा दिए गए फैसले पर नज़र डालना आवश्यक है। […] Read more » अस्पृश्यता अपराध अधिनियम(1955) आर्य विवाह वैधानिकरण अधिनियम (1937) इंस्टैंट ट्रिपल तलाक़ ईश्वरचंद्र विद्यासागर घरेलू हिंसा अधिनियम(2005) ज्योति बा फुले ट्रिपल तलाक दहेज उन्मूलन कानून(1961 पंडिता रमा बाई बाबा आमटे बाबा साहब अम्बेडकर बाल विवाह निषेध अधिनियम(1929) विशेष विवाह अधिनियम (1872 भ्रूण हत्या प्रसव पूर्व निदान तकनीक नियमन अधिनियम (1994) मदर टेरेसा महात्मा गांधी राजा राममोहन रॉय लॉ ऑफ एबॉर्शन (1971) विनोबा भावे सती प्रथा निषेध अधिनियम(1829) सावित्री बाई फुले स्वामी दयानंद सरस्वती स्वामी विवेकानंद हिन्दू अवयस्कता तथा संरक्षण अधिनियम(1956) हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधित)अधिनियम (1925 हिन्दू दत्तक तथा भरण पोषण अधिनियम(1956) हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम(1850) हिन्दू विवाह अधिनियम (1955)
विविधा स्वतंत्रता साधन नहीं साध्य August 11, 2017 | Leave a Comment स्वतंत्रता दिवस पर हम प्रायः यह विचार करते हैं कि स्वतंत्रता से पहले हमारी क्या स्थिति थी और स्वतंत्रता के बाद इसमें क्या परिवर्तन आया। देश के स्वतंत्र होने के बाद जन्म लेने वाली पीढ़ी के लिए स्वतंत्रता दिवस इतिहास के दो कालखंडों को पृथक करने वाला एक विभाजक मात्र है – एक ऐसा दिन […] Read more » Featured स्वतंत्रता
पर्यावरण समाज सार्थक पहल धरा को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं आदिवासी August 6, 2017 | Leave a Comment विगत 100 वर्षों में विकास की सबसे ज्यादा कीमत किसी ने चुकाई है तो वे आदिवासी हैं। किसी को उसके घर से विस्थापित कर दिया जाए, उसकी आजीविका के जरिये छीन लिए जाएं और उसकी पहचान बदल कर इस धर्म या उस धर्म की बना दी जाए तो उससे दुर्भाग्यशाली भला और कौन होगा? आदिवासी […] Read more » adiwasi saving environment Featured आदिवासी