राजनीति राजनीतिक जाल में उलझता तेलंगाना- रुचि सिंह February 17, 2010 / December 24, 2011 | Leave a Comment पदों का लालच, वोट बैंक, बंदूकों बूटों की जोर पर तेलंगाना के आंदोलन को दबा देने का अपना अलग इतिहास रहा है। सैकड़ों छात्रों को गोलियों के निशाने पर लेकर कांग्रेस ने 1969 के जबरदस्त आंदोलन की धार को मोड़ दिया। केन्द्र ने झुकने का नाटक किया है या अपनी चाणक्य नीति के तहत वह […] Read more » Telangana तेलंगाना
राजनीति चुनाव आयोग के साठ साल February 17, 2010 / December 24, 2011 | Leave a Comment चुनाव आयोग ने इस साल 61वें गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले अपना हीरक जयंती मनाया। इन साठ सालों में इसने अपनी संरचना और स्वतंत्रता के दृष्टिकोण से बहुत उतार-चढ़ाव देखे। इन वर्षों में इसके कार्य उल्लेखनीय रहे जैसे मतदाताओं की संख्या को बढ़ाना, मतदान प्रक्रिया में तकनीक इत्यादि का प्रयोग करना। लेकिन इसे अपनी […] Read more » Election Commision चुनाव आयोग
धर्म-अध्यात्म अवसरवादिता और दुराग्रह -हरिकृष्ण निगम February 17, 2010 / December 24, 2011 | 1 Comment on अवसरवादिता और दुराग्रह -हरिकृष्ण निगम नई दिल्ली से प्रकाशित एक प्रतिष्ठित सप्ताहिक ‘इंडिया टुडे’ ने हाल के अंक में कुछ दिनों पहले दिवंगत हुए पुराने कांग्रेसी नेता और मुस्लिम विचारक डा. रफीक जकारिया को उद्धृत करते हुए मोटे अक्षरों में लिखा कि इतिहास में कोई ऐसा साक्ष्य नहीं है कि जो सिद्ध कर सके कि किसी मुस्लिम ने कोई हिन्दू […] Read more » hindu Muslim हिंदू-मुस्लिम
राजनीति राहुल का गुब्बारा तो मीडिया ने फुलाया है… February 16, 2010 / December 25, 2011 | 8 Comments on राहुल का गुब्बारा तो मीडिया ने फुलाया है… प्रवक्ता पर पंकजजी का लिखा ‘खिसियायें नहीं सीखें राहुल गांधी से’ और संजयजी का ‘सडक पर उतरा शहजादा’ लेख पढा। लेखक ने वास्तविकता को नजरअंदाज किया है। मीडिया के झांसे में आकर राहुल गांधी की राजनीति से प्रभावित हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां हम लेखक की आंखें खोलने के लिए सिर्फ कुछ ही तथ्यों को प्रस्तुत […] Read more » Rahul Gandhi कांग्रेस राहुल गांधी
विविधा सेकुलरियाए बौद्धिकदां क्या नहीं जानते-पूरब में उगता है सूरज, पश्चिम में लय होता February 16, 2010 / December 25, 2011 | Leave a Comment ‘बारामासा’, नवभारत टाइम्स और सरिता प्रेमियों समेत तमाम नेटवर्गीय सेकुलर बौद्धिकों का भारत विरोधी राग तीव्र हो गया है। भारत विरोधी इसलिए क्योंकि जिसे यह हिंदू धर्म की सीमाओं में कैद करने का दुस्साहस कर रहे हैं वह संस्कृति और संस्कार ही भारत को व्याख्यायित करते हैं। इनका उत्तर दिया जाना ही समय का वास्तविक […] Read more » Nav bharat times नवभारत टाइम्स हिंदू
विविधा कहाँ हैं वे निष्पक्ष, निर्भीक विचारक?-हरिकृष्ण निगम February 16, 2010 / December 25, 2011 | Leave a Comment सारी दुनियां में भारत अकेला देश है जहाँ आज अंग्रेजी लेखन से जुड़े कुछ ऐसे विचारक हैं जिनकी हीनता-ग्रंथि इतनी स्पष्ट और मुखर है कि वे किसी न किसी रूप में बराबर कहते हैं कि देश का अतीत उनके मन में गर्व या विस्मय नहीं बल्कि वितृष्णा पैदा करता है। देश के भूतकाल के प्रति […] Read more » Harikrishn Nigam निष्पक्ष
पर्यावरण पानी के लिए लोग होंगे पानी-पानी – संतोष सारंग February 13, 2010 / December 25, 2011 | Leave a Comment आज विश्व की लगभग एक अरब आबादी को जल के लिए तरसना पड़ रहा है। भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, ब्राजील जैसे तमाम विकासशील देशों में लाखों लोग गंदे पानी से पैदा होनेवाली बीमारियों के कारण मौत के ग्रास बन जाते हैं। धरती के संपूर्ण जल में साफ पानी का प्रतिशत 0.3 से भी कम है। आनेवाले […] Read more » water पानी
विविधा गांधी जी, संघ और हम February 12, 2010 / February 12, 2010 | Leave a Comment ‘बापू हम शर्मिन्दा हैं…’ शीर्षक से उनके बलिदान-दिवस पर जैसी एकांगी, तथ्यों के विपरीत टिप्पणियाँ एक दैनिक समाचारपत्र में प्रकाशित हुई हैं, उन्हें पढ़कर किसी भी उस प्रबुद्ध व्यक्ति को गहरा मानसिक क्लेश होना सहज स्वाभाविक है, जिसे स्वतंत्रता संग्राम का थोड़ा-सा भी ज्ञान है। गांधी जी इस महान देश के एक महापुरुष हैं, इससे […] Read more » महात्मा गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
विविधा पुण्यतिथि 11 फरवरी पर विशेष : आधुनिक राजनीति में सिद्धान्तनिष्ठता व शुचिता के राजदूत पं. दीनदयाल उपाध्याय February 11, 2010 / December 25, 2011 | Leave a Comment राजनीति ने राष्ट्र-जीवन में कुछ ऐसे दोष उत्पन्न कर दिये हैं जो हमारे लिये अभिशाप बन गये हैं। जातिवाद, सिध्दान्तहीनता, पदलोलुपता, वैमनस्यता और अनुशासनहीनता सर्वत्र फैलती जा रही है। इन दोषों से छुटकारा पाने का एकमेव उपाय है कि राजनीति की बागडोर ऐसे व्यक्तियों के हाथ में हो जिनके सबल पग न तो मोह में […] Read more » Pt. Deendayal Upadhyay पं. दीनदयाल उपाध्याय
पर्यावरण अकेले नहीं आता अकाल-अनुपम मिश्र February 10, 2010 / December 25, 2011 | 1 Comment on अकेले नहीं आता अकाल-अनुपम मिश्र अकाल की पदचाप साफ सुनाई दे रही है। सारा देश चिंतित है। यह सच है कि अकाल कोई पहली बार नहीं आ रहा है लेकिन इस अकाल में ऐसा कुछ होने वाला है, जो पहले कभी नहीं हुआ। देश में सबसे सस्ती कारों का वादा पूरा किया जा चुका है। कार के साथ ऐसे अन्य […] Read more » Famine अकाल
राजनीति सेवोन्मुख प्रगति पथ पर अग्रसर मध्यप्रदेश February 9, 2010 / December 25, 2011 | 1 Comment on सेवोन्मुख प्रगति पथ पर अग्रसर मध्यप्रदेश भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी के विकास तक निरंतर संगठन की अपनी विशिष्टता के पीछे इसकी कार्यकर्ता आधारित प्रकृति रही है। इससे हमारी पहचान राजनीतिक दल से अधिक राष्ट्रवादी विचार, राष्ट्र समर्पित भावना के विस्तार के आंदोलन के रूप में बनी है। इसकी भूमिका राष्ट्रीय अभ्युदय अनुष्ठान के रूप में परिभाषित हुई है। […] Read more » Madhya Pradesh मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान
विविधा बस्तर में सिमट रहा है माओवादियों का दायरा February 8, 2010 / December 25, 2011 | 17 Comments on बस्तर में सिमट रहा है माओवादियों का दायरा हाल में बस्तर के घनघोर जंगल में जाकर जनसत्ता रायपुर के स्थानीय संपादक अनिल विभाकर और वहीँ के सलाहकार संपादक सुजीत कुमार (आईएएनएस एवं रायटर के प्रदेश प्रतिनिधि) ने फोटो सहित यह रिपोर्ट छापी है। जनसत्ता के रायपुर संस्करण में पहले पेज पर चित्र सहित अविकल प्रकाशित यह रिपोर्ट उनकी अनुमति से ‘प्रवक्ता’ के पाठकों […] Read more » Maoist बस्तर माओवाद